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उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस की चार्जशीट OTT सीरीज़ “फ़ैमिली मैन” की तरह: अदालत में Trideep Pais
Trideep Pais (Umar Khalid’s lawyer) ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि “उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस की चार्जशीट OTT सीरीज़ “फ़ैमिली मैन” की तरह दिखती है “ उन्हों ने कहा कि “Public opinion बनाने के लिए जानबूझकर झूठ फ़ैलाया गया. बिना किसी सुबूत के ताकि जनता की नज़रों में इन्हें दोषी बना दिया जाए जबकि दिल्ली पुलिस के पास कोई सुबूत नहीं है”
उन्हों ने कहा कि “FIR 59(UAPA ) में किसी को भी गिरफ़्तार नहीं किया जाना चाहिए था. अगर आपको गिरफ़्तार करना था तो बाक़ी 750 FIR हैं उसमें करते, उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ पुलिस के पास कोई सुबूत नहीं है सिवाय झूठी कहानियों के.
- “ पुलिस में चार्जशीट में लिखा है कि उमर ख़ालिद एक व्हाइट्सएप ग्रुप के सदस्य थे जहां सड़कें बंद करने की रणनीति तय की गई, उस व्हाट्एप ग्रुप में उमर ख़ालिद ने सिर्फ़ 4 मैसेज भेजे थे”
- चार्जशीट में 700 गवाह हैं, एक कहानी बनाकर मुझे एक झूठी षड्यंत्रकारी आंदोलन का नेता बना दिया गया. जिससे दिल्ली में हिंसा हुई, उमर के ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं है “
“ चार्जशीट में लिखा है कि उमर ख़ालिद ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में “भारत के टुकड़े-टुकड़े होंगे कहा है पर इसके साक्ष्य हीं नहीं हैं, किसी इंटरव्यू में उमर ख़ालिद ने ऐसा नहीं कहा, पुलिस ने बस लिखा है कि पुलिस ने ये बयान दिया पर पुलिस के पास कोई क्लिप नहीं है.
“आपने चार्जशीट में लिखा है कि उमर ख़ालिद ने भड़काऊ भाषण दिया है पर पुलिस के पास कोई वीडियो ने है जिसमें उमर भड़काऊ भाषण दे रहा हो “ चार्जशीट में पुलिस अधिकारी ने जो मन चाहा है वो लिखा है. “ ये न्यूज़ चैनलों के 9 बजे की स्क्रिप्ट की तरह है जिसमें चैनल बिना किसी ज़िम्मेदारी के कुछ भी बोलते हैं”