वित्तीय समावेशन से संबंधित कार्यकारी समूह की पहली बैठक कोलकाता में शुरू
-भारत ने वंचित देशों तक डिजिटल प्रणाली की पहुंच स्थापित करने पर दिया जोर
-प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने जी20 को जन-भागीदारी का आयोजन बनाने का आह्रान किया
कोलकाता/नई दिल्ली, 9 जनवरी। भारत की अध्यक्षता में जी20 के फाइनेंस ट्रैक के वर्किंग ग्रुप ‘ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूशन’ (जीपीएफआई) की पहली बैठक सोमवार को कोलकाता में आयोजित हुई। विश्व-बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन जी20 सदस्यों के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय, आईएमएफ, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और नाबार्ड जैसे वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
परिचर्चा के हिस्से के रूप में दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गई। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों के 12 विशेषज्ञों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक को संबोधित किया। इसके अलावा इनोवेटिव वित्तीय उत्पादों से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल नवाचार के उपयोग पर आयोजित प्रदर्शनी में भारत की स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान देश की उन तकनीकों और इनोवेशन को प्रदर्शित किया गया, जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन को बदलते हुए अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है।
शाम को हुबली नदी पर एक क्रूज पर अतिथियों और प्रतिनिधिमंडल के लिए रात्रिभोज का आयोजन भी किया गया है। विदेशी मेहमानों के आगमन से पहले ही सिटी ऑफ जॉय के नाम से विख्यात कोलकाता को विशेष रूप से सजाया गया था। मेहमानों के स्वागत के लिए एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल तक जी20 के विशेष फ्लेक्स व पोस्टर लगाए गए। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल से लेकर इंडियन म्यूजियम, हावड़ा ब्रिज, ठाकुरबाड़ी सहित सभी प्रमुख दर्शनीय स्थलों के आसपास साफ-सफाई से लेकर सजावट और लाइटिंग का विशेष ध्यान रखा गया है। विदेशी प्रतिनिधिमंडल को बैठकों से इतर प्रमुख स्थानों का भ्रमण भी कराया जाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, फाइनेंशियल इन्क्लूशन (वित्तीय समावेशन) पर साझेदारी को लेकर हो रही इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के वित्तीय प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार, फंड ट्रांसफर को सरल बनाने, नई तकनीकों के इस्तेमाल, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल वित्तीय साक्षरता बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर विचार होगा। भारत का फोकस सदस्य देशों के बीच डिजिटल खाई को पाटने पर है। इसके साथ ही भारत ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया के गरीब एवं वंचित देशों की भी डिजिटल प्रणाली तक पर्याप्त पहुंच स्थापित होनी चाहिए। तीन दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 1,500 से अधिक छात्रों को शामिल करते हुए डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर संगोष्ठी, प्रदर्शनियां एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पीएम मोदी ने बताया संबंध स्थापित करने का बेहतर अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें जी20 को केवल एक कूटनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है।’’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने इस बार जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है और उसे एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ ही दुनिया को अपने देश के पिछले अनुभवों से अवगत कराने और इन अनुभवों से सीखने का एक बड़ा अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान 200 से अधिक बैठकें होंगी, जो भारत के विभिन्न शहरों में होंगी। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि यह कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक संबंध स्थापित करने का एक शानदार अवसर होगा।
भारत की जी20 अध्यक्षता विषय पर हुआ व्याख्यान
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित केरल विश्वविद्यालय में जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विश्वविद्यालय में ‘इंडियन प्रेसीडेंसी ऑफ जी20’ विषय पर विशेष व्याख्यान हुआ, जिसमें पूर्व राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. पी. श्रीनिवासन ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं की भी घोषणा की गई।
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