वे स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें भुला दिया गया- 20, अमजदी बेगम
स्वतंत्रता सेनानियों की इस कड़ी में 20वां नाम अमजदी बेगम का है-
अमजदी बेगम -20
अमजदी बेगम का जन्म 1885 को रामपुर के एक मुस्लिम, धार्मिक परिवार में हुआ था। सन् 1902 में 17 वर्ष की उम्र में अमजदी बेगम का विवाह महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जोहर से हो गया था। विवाह के बाद अमजदी का राजीनीतिक सफर उनके पति और सास बी. आमना के साथ शुरू हो गया था।
जिस समय उनके पति मौलाना अली जोहर को स्वतंत्रता संग्राम के चलते कई साल जेल में बिताने पड़े उस समय उन्होंने स्वतंत्रता के जोश और खिलाफत आंदोलन के लिए अपनी सास के साथ देशभर का सफर किया। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के चलते उन्हें 'A BRAVE WOMEN' का ख़िताब भी दिया था।
अमजदी बेगम अपने पति की तमाम राजनितिक बैठकों में उनके साथ रही, वह इन बैठकों में महिलाओं को स्वतंत्रता की लड़ाई में भाग लेने के लिए उत्साहित करती थी। 1921 में उन्होंने अहमदाबाद में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कार्य समिति के सत्र में उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। वह लंदन में अपने पति के साथ पहले गोलमेज़ सम्मेलन में भी शामिल हुई।
अमजदी ने अपने पति की मृत्यु के बाद भी लगातार सवतंत्रता की लड़ाई लड़ी. उन्होंने अपना पूरा जीवन अकेले दिल्ली के करोल बाग में एक छोटे से घर में बिता दिया और अज़ादी के कुछ दिनों पहले ही 28 मार्च 1947 में इस दुनिया से अलविदा हो गयी।
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