पुणे में हुई जी-20 अवसंरचना कार्य समूह की बैठक, शहरों को विकास का आर्थिक केंद्र बनाने पर जोर
- एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने किया 2 दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन
- केंद्रीय मंत्री राणे ने 2030 तक पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रतिबद्धता दोहराई
पुणे, 16 जनवरी। भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत जी-20 के अवसंरचना कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) की पहली बैठक सोमवार को पुणे में आयोजित हुई। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
बैठक के पहले दिन तीन सत्र और एक वर्कशॉप का आयोजन हुआ। बैठक में भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत अवसंरचना एजेंडा 2023 पर विचार-विमर्श करने के लिए आईडब्ल्यूजी सदस्य देश और भारत द्वारा आमंत्रित अतिथि देश एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील की सह-अध्यक्षता में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने आईडब्ल्यूजी बैठक की मेजबानी की। पहली आईडब्ल्यूजी बैठक में जी-20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 65 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में हुई चर्चा अवसंरचना कार्य समूह के एजेंडे पर केंद्रित रही और इसमें शहरों को विकास का आर्थिक केंद्र बनाने पर जोर दिया गया। इसमें चर्चा के लिए प्रमुख प्राथमिकता ‘भविष्य के शहरों का वित्तपोषण: समावेशी, सुदृढ़ और टिकाऊ’ विषय रहा। यह विषय शहरों को विकास का आर्थिक केंद्र बनाने, शहरी अवसंरचना के वित्तपोषण, भविष्य की जरूरतों के अनुरूप शहरी अवसंरचना के निर्माण, ऊर्जा के मामले में दक्ष एवं पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ अवसंरचना के लिए निजी वित्तपोषण को प्रोत्साहित करने और सामाजिक असंतुलन को कम करने के लिए वित्तीय निवेश को निर्देशित करने से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन करने के साथ ही केंद्रीय मंत्री राणे ने जी-20 प्रतिनिधियों का स्वागत किया और बैठक के पहले सत्र की शुरुआत की। राणे ने कहा कि देश में रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक और सतत आर्थिक वृद्धि के लिए जी-20 बैठक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही है और पुणे में हो रहा यह सम्मेलन देश की प्रगति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मंदी आ सकती है, मगर सरकार इसके प्रभाव से बचने का प्रयास कर रही है। राणे ने कहा कि मौजूदा समय में बड़े विकसित देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत सरकार और मोदी जी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि नागरिक इससे प्रभावित न हों।’’
इस दौरान बैठक के अलावा ‘भविष्य के शहरों का वित्तपोषण’ पर एक उच्च-स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित की गई। इस कार्यशाला में, भविष्य के शहरों के निर्माण के लिए तकनीकी और प्रबंधकीय क्षमता से संबंधित प्रासंगिक विषयों, बढ़ते निजी वित्तपोषण में निवेशकों के विचार और आगामी शहरों की वित्तीय क्षमता की जरूरतों को लेकर चर्चा की गई। दोपहर के भोजन के बाद, प्रतिनिधियों ने वृक्षारोपण के लिए पुणे विश्वविद्यालय का भी दौरा किया। मंगलवार को बैठक के दूसरे दिन आईडब्ल्यूजी चार सत्रों पर विचार-विमर्श करेगा, जिसके बाद प्रतिनिधियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया जाएगा। पुणे में दो दिवसीय बैठकों का समापन एक विदाई रात्रिभोज के साथ होगा। औपचारिक चर्चाओं के अलावा, प्रतिनिधि शहर की समृद्ध संस्कृति और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव ले सकेंगे। विभाग ने पुणे हेरिटेज वॉक, सिटी टूर और महाबलेश्वर की यात्रा जैसे वैकल्पिक पर्यटन की व्यवस्था की है।
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