भारत के 10,000 से अधिक प्रमुख मुस्लिमों और भारतीय मूल के भारतीय मुसलमानों द्वारा भारतीय मुसलमानों की प्रगति और उनके सुधार के लिए बनायी गई संस्था इम्पार (IMPAR) ने चरमपंथ (अतिवाद) के खिलाफ वैश्विक आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है. इम्पार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मानव सभ्यता की उन्नति के लिए शांति आवश्यक है, लेकिन इसके बावजूद जात और धर्म के नाम पर जनजातियों समुदायों और राष्ट्रों के बीच समय-समय पर चरमपंथ और हिंसा की यह धरती गवाह बनी है. नफरत असहिष्णुता और अतिवाद में वृद्धि से हत्याओं ने जन्म लिया है जो मानव समाज के शांतिपूर्ण जीवन और सह-अस्तित्व के लिए खतरा है. इम्पार ने कहा है कि बढ़ते हुए वैश्वीकरण और मिश्रित जीवन और बहुसंस्कृतिवाद में वृद्धि को ग्रह पर शांति के लिए अधिक करुणा और समझ की आवश्यकता है। दक्षिणपंथी राजनीति की वृद्धि और भूराजनीति की भूमिका और सोशल मीडिया के प्रसार ने हिंसा और आतंकवाद को जन्म दिया है जिस से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एक चुनौती बन गया है।
इम्पार ने कहा है कि इस चुनौती को महसूस करते हुए, जिनेवा सम्मेलन में 2016 के फरवरी में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने व्यापक वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान किया, जिसमें न केवल आवश्यक सुरक्षा-आधारित आतंकवाद-रोधी उपायों को शामिल किया गया, बल्कि उन अंतर्निहित स्थितियों को दूर करने के लिए व्यवस्थित निवारक कदम भी अपनाने पर बल दिया जो व्यक्तियों को कट्टरपंथी बनाने और हिंसक चरमपंथी समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इम्पार ने कहा है कि भारत सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से दुनिया का सबसे विविध देश है, जिस में सिर्फ सभी धर्मों के अनुयायी ही नहीं बस्ते बल्कि चार बड़े धर्मों की जड़ें यहां मौजूद हैं। भारतीय में मुसलमानों की आबादी लगभग 200 मिलियन है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। विशाल सामाजिक विविधता और बहुसंस्कृतिवाद के साथ-साथ दिलों को जोड़ने वाले सूफी संदेशों के जरिए से भारतीय मुसलमान बहु सांस्कृतिक समाजों में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए दुनिया को रास्ता दिखाने के लिए सबसे अनुकूल हैं.
इम्पार के अध्यक्ष डॉ. एम जे खान ने कहा है कि वह एक मिलियन हस्ताक्षर एकत्र करने और संयुक्त राष्ट्र में जमा करने के लिए आज से "चरमपंथ (अतिवाद) के खिलाफ वैश्विक आंदोलन" शुरू कर रहे हैं. इम्पार ने कहा है कि वह सभी समान विचारधारा वाले लोगों को शांति, न्याय और मानवता के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस आंदोलन में शामिल होने और समर्थन करने का आह्वान करती है।
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