सरकार ने आयुष प्रणालियों का लाभ लेने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (एवाई) वीजा की एक नई श्रेणी की शुरुआत की
नई आयुष वीजा श्रेणी भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को मजबूत करेगी- सर्बानंद सोणोवाल
नई दिल्ली, 3 अगस्त 2023। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने आयुष प्रणालियों/भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार के लिए आने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (एवाई) वीजा की एक नई श्रेणी की शुरुआत की है। आयुष वीजा की यह नई श्रेणी आयुष प्रणालियों/चिकित्सीय देखभाल, कल्याण और योग जैसी चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों के तहत उपचार के लिए भारत आने वाले विदेशियों के लिए एक विशेष वीज़ा योजना शुरू करने के प्रस्ताव को पूरा करती है।
वीजा नियम पुस्तिका (वीजा मैनुअल) के अध्याय 11 - मेडिकल वीजा के बाद एक नया अध्याय यानी अध्याय 11ए - आयुष वीज़ा शामिल किया गया है, जो भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार से संबंधित है और तदनुसार वीजा मैनुअल 2019 के विभिन्न अध्यायों में आवश्यक संशोधन किए गए हैं।
केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि आयुष प्रणालियों/भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार कराने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (एवाई) वीजा की नई श्रेणी की रचना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के हमारे प्रयासों को मजबूत करेगी। मैं एक विशेष आयुष वीज़ा श्रेणी बनाने में उनके प्रयासों के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी बधाई देना चाहता हूं।
अप्रैल 2022 में गुजरात के गांधीनगर में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष चिकित्सा का लाभ लेने के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने की घोषणा की थी।
आयुष वीज़ा श्रेणी की शुरुआत सरकार की ‘हील इन इंडिया’ पहल के लिए भारत के रोडमैप का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को एक ‘मेडिकल वैल्यू ट्रैवल’ के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को दुनिया के चिकित्सा पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए ‘वन स्टॉप हील इन इंडिया पोर्टल’ विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को लेकर उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट (जीडब्ल्यूआई) की रिपोर्ट 'द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी: लुकिंग बियॉन्ड कोविड' के अनुसार ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी सालाना 9.9% की दर से बढ़ेगी। आयुष आधारित स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण अर्थव्यवस्था 2025 तक बढ़कर 70 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उपचार की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में हाल ही में आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी), पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए।
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