श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कल प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज देश को देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री जी ने देश को हैडलाइन तो दी, पर मदद की हेल्प लाइन का आज तक देश को और देशवासियों को इंतजार है। आज देश की वित्त मंत्री माननीय निर्मला सीतारमन जी ने पैकेज की घोषणा की, लिक्विडिटी इनफ्यूजन पैकेज की, उसकी तफ्तीश आदरणीय पी. चिदंबरम साहब ने आपको बताई, पर उसके 6 महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिसने देश को घोर तरीके से आज निराश किया है।
पहला, वो लाखों देशवासी इस देश के राष्ट्र निर्माता, मजदूर, हमारे श्रमिक भाई-बहन, हमारे प्रवासी मजदूर, जो हजारों किलोमीटर की यात्रा कर पैदल घर वापसी को मजबूर हैं, उनके हाथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व वित्त मंत्री जी ने फिर खाली छोड़ दिए, ना उनके खातों में सीधा पैसा देने की घोषणा हुई, ना उनके घर वापसी का खर्चा वहन करने की घोषणा हुई और ना उन व उनके परिवारों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था की कोई घोषणा हुई और इस देश का राष्ट्र निर्माता मजदूर आज अपने आपको ठगा हुआ पाता है, जब वो नंगे पांव परिवार के साथ सड़क पर चल, पांव में घाव लिए, राहत की उम्मीद लिए सरकार की ओर देखता हुआ जा रहा था, पर प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी ने उसे कुछ नहीं दिया।
यही हाल देश के अन्नदाता किसान का हुआ। एक तरफ बेमौसमी बारीश की मार से फसल नष्ट हो गई और दूसरी तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल नहीं रहा। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, हर किसान की एक ही कहानी है, पर उस किसान के लिए भी आज के राहत पैकेज के अंदर एक फूटी कौड़ी ना मिल पाई। यही नहीं जो 13 करोड़ परिवार देश के सबसे गरीब लोग हैं, प्रोफेसर पिक्टी जिनकी चर्चा आदरणीय चिदंबरम साहब ने की और कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता देश की आज उनके खाते और जेब के अंदर पैसा पहुंचाना था, वो 13 करोड़ गरीब परिवार भी देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की ओर देखते रह गए और एक फूटी कौड़ी भारत सरकार के राजकोष से उनके खाते में नहीं पहुंच पाई।
हमारे जो सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग हैं, उनकी संख्या लगभग 6 करोड़ 30 लाख है। 45 लाख छोटे उद्योगों को जो राहत दी गई, उसका तो स्वागत किया है चिदंबरम साहब ने और कांग्रेस पार्टी ने, पर 6 करोड़ 30 लाख में से क्या केवल 45 लाख एमएसएमई, यानि छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों को राहत देने से काम चल पाएगा और बाकी उद्योगों का क्या होगा और उन 11 करोड़ लोगों का क्या होगा, जिनकी तनख्वाह अब 2 से 3 महीने से नहीं मिली, क्योंकि इस राहत पैकेज में उन 11 करोड़ कर्मियों की चर्चा तक नहीं की गई?
अगली बात जो आदरणीय चिदंबरम साहब ने कही पार्टी की ओर से कि, ये पूरी घोषणा लिक्विटिडी मैजर तो हैं यानि कर्जा देने की एक लाइन तो आपने दी, पर फिस्कल स्टिमुलस कहाँ है, यानि जनता की जेब में पैसा डालने का प्रावधान कहाँ है? इस पूरे पैकेज में आम जनमानस या छोटी इकाइयों को सीधा एक रुपया हासिल नहीं होगा, तो ऐसे में उनको गति और प्रगति कैसे प्रदान हो पाएगी? देश गति और प्रगति पैकेज की इंतजार में था।
इस सारे पैकेज को मिलाकर जैसा चिदंबरम साहब ने बताया, ये लगभग 3 लाख 70 हजार करोड़ का लिक्विटिड़ी इनफ्यूजन पैकेज है, फिस्कल स्टिमुलस पैकेज है ही नहीं, तो बाकी का 16 लाख 30 हजार करोड़ रुपए, 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में से कहाँ है? इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। स्वाभाविक तौर से देश का गरीब, देश का श्रमिक, देश का कामगार, देश का किसान, देश का मध्यमवर्गीय व्यक्ति, देश के नौकरी पेशा लोग और देश के एमएसएमई उद्योग, वो सब आज अपने आपको इस घोषणा को सुनकर निराशा के माहौल में पा रहे हैं। एक बार फिर मोदी सरकार ने देश के साधारण व्यक्ति को घोर तरीके से निराश किया है।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.