कृषि व किसानों से जुड़े केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कानूनों के विरोध में मंगलवार को दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा में देश के विभिन्न हिस्सों से जुटे किसान संगठनों की एक बैठक हुई और इस बैठक में किसानों ने इन कानूनों के विरोध में देशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय किया. अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) ने भी किसान संगठनों व किसानों के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है. आइफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि किसान इस विधेयक से आक्रोशित हैं और जब तक किसानों के हितों को सुरक्षित नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान जो जहां हैं, वहीं से अपना विरोध प्रकट करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि आइफा के सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई और यह बैठक बहुत ही सफल रही. इसमें अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) के पूर्वी जोन के संयोजक श्री जीएन शर्मा, श्री चंद्रशेखर मिश्रा ,पश्चिमी जोन के संयोजक श्रीराम गाड़वे, उत्तरी जोन के श्री पुनीत थिंड तथा दक्षिणी जोन के संयोजक श्री जयपाल रेड्डी तथा आइफा के केंद्रीय जन संपर्क प्रमुख श्रीराजेश व आइफा सचिवालय प्रभारी सेंट्रल जोन कार्यालय से एडवोकेट अपूर्वा त्रिपाठी तथा श्री राजेंद्र पटेल सम्मिलित हुए.
बैठक में किसानो के आंदोलन को हर प्रकार से व लोकतांत्रिक तरीके सहयोग व समर्थन देने का निर्णय किया गया तथा आगे की रणनीति तय कर आंदोलन को और धारदार बनाने पर चर्चा की गई. डॉ त्रिपाठी ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन पूरी तरह से शांति और अहिंसक होगा, लेकिन सरकार को किसानों की मांगे माननी ही होगी और विधेयक में संशोधन करना ही होगा.
आइफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ त्रिपाठी ने कहा कि देश भर में किसानों ने विरोध किया और यह विरोध तब तक चलता रहेगा जब तक कि उक्त तीनों कानूनों की विसंगतियों को सरकार संशोधित नहीं कर लेती.
उन्होंने कहा कि आइफा ने सभी किसानों से अपील की है कि किसान किसी के उकसावे में आ आये और आंदोलन अहिंसक तरिके से ही करें, जो जहां है वहीं से अपने स्तर पर अपना विरोध प्रकट करें. उन्होंने कहा कि देशभर के किसान अब सचेत हो जाएं क्योंकि वर्तमान की केंद्र सरकार कृषि में सुधार के नाम पर छोटे किसानों को खेतिहर मजदूर बनाने पर तुली है.
आइफा की बैठक का संचालन आइफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने किया तथा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रीराजेश के द्वारा किया गया.
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