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इम्पार की संगोष्ठी में देश के बड़े दिमागों ने लिया हिस्सा, मुसलमानों से -कल के भारत के निर्माण, में हिस्सा लेने की अपील

नयी दिल्ली: दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में कल के भारत का निर्माण के शीर्षक से इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स (IMPAR) द्वारा एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी बीजेपी सांसद जफर इस्लाम खान इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरेशी इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स IMPAR के चेयरमैन डॉक्टर MJ KHAN जस्टिस इकबाल अंसारी पूर्व चीफ जस्टिस पटना हाई कोर्ट समेत कई महान बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया.

By: Mohammad Ahmad

 

 

इम्पार की संगोष्ठी में देश के बड़े दिमागों ने लिया हिस्सा, मुसलमानों से -कल के भारत के निर्माण, में हिस्सा लेने की अपील

 

 

नयी दिल्ली: दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में कल के भारत का निर्माण के शीर्षक से इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स (IMPAR) द्वारा एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी बीजेपी सांसद जफर इस्लाम खान इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरेशी इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स IMPAR के चेयरमैन डॉक्टर MJ KHAN जस्टिस इकबाल अंसारी पूर्व चीफ जस्टिस पटना हाई कोर्ट समेत कई महान बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया.

 

इन लोगों ने लिया हिस्सा

इस मौके पर ख्वाजा इफ्तिखार अहमद जस्टिस जकी उल्ला वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण राइटर शीबा असलम फहमी आमना मिर्जा असिस्टेंट प्रोफेसर यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली, पत्रकार रोमाना ईसार खान वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा, पूर्व नौकर शाह ख्वाजा शाहिद, पत्रकार मारिया शकील, जावेद यूनुस, खालिद अंसारी (IMPAR) और अस्मा हुसैन समेत कई महान बुद्धिजीवी शरीक हुए.

 

मोदी सरकार ने दो काम किये हैं: यादव 

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपनी बातें रखी. उन्हों ने कहा हमारी मोदी सरकार ने दो काम किए हैं जो कल्याणकारी योजनाएं हैं उन्हें आखिरी गरीब आदमी तक पहुंचाया है. दूसरा काम स्वच्छता को लेकर समाज में चर्चा कराई है. फिलहाल सरकार की सभी योजनाओं को बिना भेदभाव के आगे पहुंचाने का काम चल रहा है.

 

 

सुधांशु बोले मुसलमान खुद तय करें पीछे क्यों हैं?

साथ ही बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुसलमानों को इस बात पर खुद ही चिंतन करना होगा कि आखिर वह पीछे क्यों रह गए? जो कौम आजादी से पहले अपना बेस्ट दे रही थी वह आजादी के बाद अपना बेस्ट देने से पीछे क्यों है? उन्होंने कहा कि जब आप यह कहते हैं कि मुसलमान अपनी आबादी से कई गुना जेलों में हैं, तो आप यह क्यों नहीं बताते कि मुसलमान संगीत जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां अपनी आबादी से कई गुना रहे हैं और अपना योगदान दिया है.

 

हमारे यहाँ फ्रिंज़ एलिमेंट हैं: ज़फर इस्लाम

इस अवसर पर जफर इस्लाम ने इस बात पर जोर दिया कि हम मानते हैं कुछ ऐसे फ्रिंज एलिमेंट हमारी पार्टी में है जो कई बार बहकी बातें करते हैं, लेकिन उनकी बातों से हमें प्रभावित नहीं होना है. वह अपने क्षेत्र या अपनी कोंस्टीटूएंसी (CONSTITUENCY) को खुश करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी ऐसे लोगों के विचारों से सहमत नहीं है.

 

 

 जफर इस्लाम ने कहा कि अगर मुस्लिम कम्युनिटी अपने आप को मजबूत बना ले और अपनी उपयोगिता साबित कर ले तो ऐसे फ्रिंज एलिमेंट अपने आप पीछे हट जाएंगे.

 

 

सरकार भी मुसलामानों की परेशानी पर गौर करे" कुरैशी

सिराजुद्दीन कुरैशी ने सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि सरकार को इस बात को स्वीकार करना होगा कि कई बार ऐसी बातें सरकार की तरफ से भी हो जाती हैं जो नहीं होनी चाहिए जिससे मुसलमानों का विश्वास टूट जाता है और फिर वह बीजेपी के साथ या ऐसे दलों के साथ नहीं जुड़ पाते जो डराने की बातें करते हैं. सिराजुद्दीन कुरैशी ने कहा चाहे मुसलमानों की संख्या जेलों में हो या फिर मुसलमानों की संख्या नौकरियों में हो ऐसा नहीं है कि मुसलमान पढ़े-लिखे कम हैं लेकिन इस दिशा में भी सरकार को बहुत कुछ करना होगा.

 

 

मैं आरएसएस के साथ हूँ: ख्वाजा इफ़्तेख़ार अहमद

वही ख्वाजा इफ्तिखार ने कहा कि मैं आर एस एस के साथ हूं और मुझे यह स्वीकारने में कोई संकोच नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे कांग्रेस वालों से भी अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, 46 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत में मौजूद थे उनकी मौजूदगी में जिस तरह से नरसंहार हुआ उस को भी हमें नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद की शहादत से लेकर गदर तक और गदर के बाद देश के बंटवारे तक और फिर शाहबानो केस तक कहां-कहां हमसे गलतियां हुई हैं हमको इस पर गौर करना चाहिए, ताकि भविष्य में हम इनसे सीख लेकर बेहतर भारत का निर्माण कर सकें.

 

 

 उन्होंने कहा कि हमको अपने अंदर की चीजों को ठीक करना है. हमें दूसरों की चीजों को ठीक करने के बजाय खुद को बेहतर बनाना है.

 

 

मेरे बेटे का नाम अज़ीज़: विनीत

पत्रकार विनीत नारायण ने कहा कि मेरा बेटा अजीज है और वह मुझे अब्बू कहता है. जब मैं मंदिर जाता हूं और अज़ीज़ को आवाज देता हूं, तो अजीज उधर से कहता है अब्बू, तो बहुत से लोग आश्चर्यचकित होते हैं. यहां मुसलमान की क्या जरूरत है, लेकिन ना मैं मुसलमान हूं ना मेरी बीवी मुसलमान है, लेकिन अजीज हमको इसलिए अजीज है क्योंकि जो अजीज है वही भगवान का सबसे प्रिय है.

 

 

 उन्होंने कहा कि समाज में डायलॉग का प्रोसेस जारी रखना चाहिए ताकि समाज को आगे ले जाया जा सके और डायलॉग ही एक रास्ता है जो हम को आगे लेकर के जाएगा.

 

 

ओखला में लोग पी रहे हैं शराब

डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खान ने कहा कि जिस तरह से मुस्लिम मोहल्लों में आज शराब जुआ या इस तरह की बुराइयां फैल रही हैं और हमारे उलेमा और लोग खामोश हैं यह अत्यंत चिंतनीय है. हमें अपने अंदर की बुराई को दूर करना होगा और समाज के मुख्यधारा में खुद को आगे लाना होगा.

 

 

उन्होंने कहा कि आज इस्लामिक बैंकिंग सिस्टम जैसे बैंक परफॉर्मेंस में फेल हुए हैं और सूदी निज़ाम के खिलाफ हमने कोई ऐसा निजाम नहीं बनाया जो लोगों को बेहतर का रास्ता दिखा सके. ऐसा कोई निजाम हमारी तंज़ीमों के पास नहीं है जो बिना सूद के लोगों को कर्ज दे सके, नतीजे में क्या होता है कि लोग सूदी पैसे लेने के लिए मजबूर होते हैं.

 

 

उन्होंने कहा कि हमें अपने मदरसा बोर्ड की तरफ एक बार फिर लौटना होगा. उन्होंने आगाह किया कि अगर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट यूनिवर्सिटीज ने फॉलो किया और जिसमें 12वीं की सर्टिफिकेट जरूरी होगी, अगर हमने इस दिशा में गौर नहीं किया तो आने वाले सालों में हमारे बच्चों का दरवाजा यूनिवर्सिटीज के लिए बंद हो जाएगा. इस पर शायद ही किसी ने गौर किया हो.

 

 

 

इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर MJ खान ने कहा कि इम्पार ने डायलॉग से ज्यादा डिलीवरी पर काम किया है और लोगों के बीच में जा कर के लोगों को इस बात के लिए जागरुक कर रहा है कि कैसे वह इम्पार के जरिए कैसे फायदा उठा सकते हैं? कैसे वह खुद को बेदार कर सकते हैं? कैसे वह सरकारी स्कीमों से खुद को जोड़ सकते हैं? कैसे वह समाज के लिए बेहतर बन सकते हैं? कैसे वह सफाई के काम को आगे बढ़ा कर अपने मोहल्लों के साथ दूसरों के मोहल्लों को आगे बढ़ा सकते हैं?

 

 

 कैसे लंगर चला करके सिख समाज की तरह दुनिया में अपना खोया हुआ मकान वापस पा सकते हैं? यह और इस जैसे अनेकों प्रयास हैं जो इम्पार द्वारा पहले दिन से किए जा रहे हैं और इम्पार का यही प्रयास है कि जिस तरह से तबलीगी जमात पर लगे कोरोना जिहाद के लेबल को हटाने में हम सक्षम हुए उसी तरह से हमें यकीन है कि एक दिन इस तरह हम अपने ऊपर लगे तमाम लेबल को हटाने में सक्षम होंगे और हम एक प्रोग्रेसिव कम्युनिटी के रूप में दुनिया के नक्शे पर उभरने में सफल होंगे.

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