गुड़गांव में दिखे धार्मिक सौहार्द पर IMPAR का प्रशंसा पत्र
नई दिल्लीः गुड़गांव में पिछले कई महीनों से लगातार धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से मुसलमानों को, कुछ हिन्दुत्वादी संगठनों द्वारा जुमे की सामूहिक नमाज़ अदा करने से रोका जा रहा है। इसी बीच गुड़गांव के निवासी अक्षय यादव और सिख समुदाय के द्वारा अपनी ज़मीन नमाज़ के लिए पेश की गयी।
धार्मिक सौहार्द की इस पेशकश पर IMPAR ने एक प्रशंसा नॉट जारी किया जो कि निम्नप्रकार है।
प्रशंसा नॉट-
सबसे कठिन जंग जिसे कोई इंसान लड़ सकता है, वह एक ऐसी दुनिया में अपना वजूद कायम रखना है, जो दुनिया दिन-रात तुम्हें बदलने का कार्य कर रही है।
गुड़गांव में हर शुक्रवार को इसी तरह की रस्साकशी कई महीनों से चल रही थी। उपद्रवियों का एक छोटा समूह, प्रशासन द्वारा नमाज़ के लिए निर्धारित स्थानों पर शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ अदा करने के लिए नमाजियों को रोककर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। यह बहुत स्पष्ट है कि यह चुनाव से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए एक बार-बार दोहराया जाने वाला राजनीतिक कदम था।
अधिकारियों द्वारा प्रोवोकेटर्स की काउंसलिंग से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी विघटनकारी गतिविधियों को बेरोकटोक जारी रखा। हालांकि, गुड़गांव के मुसलमानों को यह श्रेय जाता है कि उन्होंने उकसावे के बावजूद जवाबी कार्रवाई नहीं की।
लेकिन अधिक प्रशंसनीय बात यह है कि जब काले बादल सिर पर चढ़ रहे थे, तो एक महान व्यक्ति ने यह दिखाया कि, भारत विविध विश्वासों, नस्ल और जातीयता के सांस्कृतिक संश्लेषण की भूमि है। जब नफरत के बीज बोए जा रहे थे, तब गुड़गांव के रहने वाले अक्षय यादव ने मुसलमानों को उनकी नमाज़ अदा करने के लिए अपनी जमीन की पेशकश की। उनके साहसिक और मानवतावादी कदम का व्यापक असर हुआ और अब सिखों ने अपने पांचों गुरुद्वारों को नमाजियों को नमाज़ पढ़ने के लिए पेश किया है।
IMPAR सिख समुदाय और अक्षय यादव को उनके प्रशंसनीय कदम के लिए अपना आभार व्यक्त करता है। ये प्रशंसनीय भावनाएँ और कर्म ही हैं जो भारत को सदियों से एक साथ बांधे हुए हैं, और ये महान कार्य प्रदर्शित करते हैं कि राष्ट्र की असली ताकत यही सौहार्द है।
एक बार फिर IMPAR, मुस्लिम समुदाय की और से इन नेक कार्यों का कर्ज़दार है, और भविष्य में इस तरह के नेक कार्यों का आदान-प्रदान करने से नहीं हिचकिचाएगा।
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