Assembly Election Result 2019: महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तस्वीर लगभग साफ होती दिख रही है. अब तक के नतीजों में महाराष्ट्र में जहां बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में है, वहीं हरियाणा में खट्टर के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हैं. बीजेपी की संख्या बहुमत से पहले ही अटक गई है, जबकि कांग्रेस भी सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली बुलाना शुरू कर दिया हैं.
नयी दिल्ली: हरियाणा विधानसभा के शुरूआती रुझानों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 2014 के मुकाबले काफी बढ़त दिख रही है, लेकिन अभी भी पार्टी बहुमत से काफी दूर है. रुझानों में कांग्रेस जहां 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है, वहीं भारतीय जनता पार्टी 41 सीटों के साथ पहले नंबर पर है और अन्य को 18 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
बीते दिनों कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक अहमद पटेल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें यह स्पष्ट देखा जा रहा था कि वह किस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को न सिर्फ बेचारा बना रहे हैं, बल्कि रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों को टिकट देने के लिए दबाव भी बना रहे हैं और गुलाम नबी आजाद खामोश तमाशाई बने हुए हैं, उसे साफ जाहिर है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हुड्डा को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और हुड्डा को राज्य में बेचारा बना कर छोड़ दिया था.
जानकारों का मानना है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अगर हरियाणा में हार होती है तो इसके लिए सीधे-सीधे गुलाम नबी आज़ाद अहमद पटेल और सोनिया गांधी जिम्मेदार होंगे, क्योंकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला लेने में काफी देरी कर दी और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद भी इस दिशा में कोई फैसला नहीं किया और ना ही आज़ाद ने राज्य की सही तस्वीर बताई.
जानकारों का मानना है कि अगर कांग्रेस नेतृत्व ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिल्ली में 6 महीने या 1 साल दिए होते तो हरियाणा की तस्वीर कुछ और होती. जानकारों का यह भी मानना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दम पर ही कांग्रेस जनता का विश्वास जीतने में हरियाणा में कामयाब हुई है और पहले से काफी मजबूत बनकर उभरी है.
जानकारों का मानना है कि इसके लिए सीधे सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी और अहमद पटेल को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जिन्होंने हुड्डा की ओर से सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही थी कि वह कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं तब पार्टी की कमान दी. ख़बरों के अनुसार अगर गुलाम नबी आज़ाद ने सही तस्वीर सोनिया गाँधी को बताई होती तो तस्वीर कुछ और होती.
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