कर्नाटक की भाजपा सरकार में हुआ भारत का सबसे बड़ा ‘बिटक्वाईन स्कैम कवरअप’
जालसाजी को छिपाए जाने, पर्दा डालने, लीपा-पोती करने, धोखाधड़ी से आती गहरी साजिश की बू
इंटरपोल/ एनआईए/ ईडी/ एसएफआईको को अंत तक अंधेरे में क्यों रखा गया?
रणदीप सिंह सुरजेवाला एवं गौरव वल्लभ का बयान
कर्नाटक में भारत के सबसे बड़े ‘‘बिटक्वाईन घोटाले’’ का पर्दाफाश हुआ है। एक निष्पक्ष जाँच किए जाने की बजाय, कर्नाटक की भाजपा सरकार ‘ऑपरेशन बिटक्वाईन स्कैम कवरअप’’ में तल्लीन प्रतीत होती है।
तथ्य
1. 14 नवंबर, 2020- कर्नाटक पुलिस द्वारा कथित हैकर, कृष्णा को उसके साथी रॉबिन खंडेलवाल के साथ गिरफ्तार किया गया।
2. कृष्णा को एक के बाद एक दर्ज किए गए कम से कम 5 अपराधिक मामलों में बार-बार गिरफ्तार करके 100 दिनों से ज्यादा समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया (यानि 17 नवंबर को अपराध संख्या 91/2020 में 14 दिन की रिमांड पर, 2 दिसंबर, 2020 को अपराध संख्या 153/2020 में 12 दिनों की हिरासत में, 14 दिसंबर, 2020 को अपराध संख्या 287/2020 में 14 दिनों की हिरासत में, 2020 की अपराध संख्या 45 में 14 दिनों की हिरासत में और 2019 की अपराध संख्या 9 में 14 दिन की हिरासत में।
17 अप्रैल, 2021 को कृष्णा को पुलिस हिरासत से जमानत पर रिहा किया गया।
3. बार-बार अत्यधिक बड़े अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के बाद भी पाँच महीनों तक इंटरपोल को कोई सूचना नहीं दी गई। 24 अप्रैल, 2021 को, यानि पहली गिरफ्तारी के पाँच महीनों के बाद, पुलिस कमिश्नर, बैंगलुरु ने इंटरपोल लायज़न अधिकारी (सीबीआई) को पत्र लिखकर इंटरपोल एवं अन्य एजेंसियों को सूचित करने के लिए कहा।
4. कर्नाटक की भाजपा सरकार द्वारा ईडी/ सीबीआई/ एसएफआईओ तक को कोई सूचना नहीं दी गई। ईडी ने 15 फरवरी, 2021 के पत्र के माध्यम से इस बारे में पूछताछ की और उसे कर्नाटक की भाजपा सरकार द्वारा 3 मार्च, 2021 को एक अपराध संख्या45/2020 की सूचना दी गई।
5. यह कि कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई 20 अगस्त, 2019 से 28 जुलाई, 2021 के बीच कर्नाटक के प्रभारी गृहमंत्री थे।
कृष्णा रमेश के कथित कृत्य हैं-
बिटक्वाईन/ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज/ वेबसाईट की कथित हैकिंग
1. अगस्त, 2016 में प्रसिद्ध टैक्स हैवन, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में रजिस्टर्ड क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज- बिटफाईनेक्स की कथित हैकिंग। खबरों के मुताबिक इसे 2 अगस्त, 2016 को हैक किया गया और इससे 1,20,000 बिटक्वाईन चुरा लिए गए। अपने स्वैच्छिक बयान (संलग्नक 1) में उसने 2000 बिटक्वाईन लेने की बात स्वीकारी है।
2. रूस के पोर्टल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बीटीसी-ई की कथित हैकिंग (2017 में शटडाउन)। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने 3000 बिटक्वाईन चोरी किया जाना स्वीकारा है।
3. लक्ज़मबर्ग स्थित बिटक्वाईन एक्सचेंज, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज- बिटस्टांप की कथित हैकिंग और बिटक्वाईंस की चोरी। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने मात्रा का खुलासा नहीं किया।
4. क्रिप्टोकरेंसी पोर्टल- बिट-सेंट्रल की कथित हैकिंग- (नियमित सर्च में इनएक्सेसिबल (घुसना असंभव) प्रतीत होती है और बिटक्वाईंस की चोरी। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने मात्रा का खुलासा नहीं किया।
5. बिटक्वाईन माईनिंग पूल- स्लशपूल की कथित हैकिंग- और बिटक्वाईंस की चोरी। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने मात्रा का खुलासा नहीं किया।
6. क्रिप्टोकरेंसी क्वाईन ईएसएल की कथित हैकिंग। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने मात्रा का खुलासा नहीं किया।
7. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज - (1) पेटिज़ और (2) एमपेक्स की कथित हैकिंग। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने मात्रा का खुलासा नहीं किया।
8. बिटक्वाईन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म - हैवलॉक इन्वेस्टमेंट्स और बिटक्वाईन एक्सचेंज BTC2PM.me की कथित हैकिंग।
(II) पुलिस द्वारा जब्त किए गए और लापता बिटक्वाईंस का रहस्य
1. 8 जनवरी, 2021: बैंगलुरु पुलिस ने श्री कृष्णा से 31 बिटक्वाईन की बरामदगी को दर्शाते हुए एक पंचनामा दर्ज किया। 12 जनवरी, 2021, बैंगलुरु पुलिस ने श्री कृष्णा से 9 करोड़ रु. के 31 बिटक्वाईन जब्त किए जाने की पुष्टि की (संलग्नक 2)।
2. 22 जनवरी, 2021: बैंगलुरु पुलिस कथित तौर से श्री कृष्णा से 186 बिटक्वाईन बरामद करने की कोशिश करती है (जैसा तीसरे पंचनामा में दर्शाया गया है)।
3. बैंगलुरु पुलिस के मुताबिक, 31 और 186 बिटक्वाईन कभी भी ट्रांसफर नहीं किए गए।
(III) ‘व्हेल अलर्ट’ बिटफाईनेक्स बिटक्वाईन एक्सचेंज से 704.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य (5,240 करोड़ रु. के बराबर) के 14,682.731 बिटक्वाईन का ट्रांसफर दर्शाता है
1. दिलचस्प बात यह है कि ‘व्हेल अलर्ट’ (क्रिप्टोकरेंसी की बड़ी लेन-देन पर नजर रखने वाला ट्विटर अकाउंट) दर्शाता है कि 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को बिटफाईनेक्स बिटक्वाईन एक्सचेंज के 2016 हैक से बिटक्वाईन ट्रांसफर किए गए। इनका मूल्य 704.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (5,240 करोड़ रु. के बराबर) था।
2. बैंगलुरु पुलिस ने 14 नवंबर, 2020 (आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 2020) को श्री कृष्णा को गिरफ्तार किया और 14 अप्रैल, 2021 तको वह बैंगलुरु पुलिस की हिरासत में था। ट्रांसफर किए गए कुछ बिटक्वाईन श्री कृष्णा के थे या नहीं, यह एक स्वतंत्र जाँच का मामला है।
(IV) विदेशी कंपनियों/ऑनलाईन पोर्टल्स की कथित हैकिंग
अपने स्वैच्छिक बयान (संलग्नक A1) में श्री कृष्णा ने कथित रूप से विभिन्न विदेशी कंपनियों/पोर्टल यानि (1) RuneScape (2) Tip.It (3) Sythe (4) GGPoker (5) CCI Panama के नाम दिए, जिन्हें उसने हैक किया था और गैरकानूनी रूप से लाखों डॉलर कमाए थे। एक भारतीय कंपनी, पोकरबाजी को भी हैक किया गया था।
(V) कर्नाटक के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल की कथित हैकिंग
1. कृष्णा ने अपने स्वैच्छिक बयान (संलग्नक A1) में दावा किया कि उसने मई/जून 2019 में कर्नाटक सरकार की ई-प्रोक्योरमेंट साईट को हैक कर लिया, जिस पर बोली लगाने वालों की जानकारी और चल रही बोलियों से संबंधित सभी फाईलों की पहुंच मौजूद थी।
2. स्वैच्छिक बयान में यह दावा भी किया गया कि 18 करोड़ रु. और 28 करोड़ रु. के विभिन्न ट्रांसफर कथित रूप से किए गए।
‘‘ऑपरेशन कवरअप’’, ‘‘जालसाजी को छिपाए जाने’’, ‘‘उस पर पर्दा डालने’’, लीपा-पोती करने से कर्नाटक के सत्ता के गलियारों पर गंभीर सवाल खड़े हो जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस पूरे मामले में चुप्पी और भी ज्यादा चौंकानेवाली है, बावजूद इसके कि 11 नवंबर, 2021 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मुलाकात की।
सवाल
1. ‘बिटक्वाईन कवरअप स्कैम’ में किन-किन लोगों का हाथ है?
2. क्या चुराए गए बिटक्वाईन कथित हैकर कृष्णा के वॉलेट से ट्रांसफर कर दिए गए? यदि हाँ, तो कितने बिटक्वाईन और कितने मूल्य के बिटक्वाईन ट्रांसफर किए गए? फिर बैंगलुरु पुलिस ने यह क्यों कहा (22 जनवरी 2021 के अपने तीसरे पंचनामा में) कि कथित रूप से पुलिस के वॉलेट में ट्रांसफर किए गए 31 और 186 बिटक्वाईन लापता हो गए या वो नकली विनिमय पाए गए?
3. क्या चुराए गए 5,240 करोड़ रु. के बराबर 14,682 बिटफाईनेक्स बिटक्वाईन का 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को, जब कृष्णा हिरासत में था, उस समय ट्रांसफर दर्शाने वाले ‘व्हेल अलर्ट’ का इससे कोई संबंध है? क्या इस बात की तहकीकात की गई कि ट्रांसफर किए गए कुछ बिटक्वाईन कृष्णा के वॉलेट से आए थे या नहीं?
4. मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई (जो उस समय प्रभारी गृह मंत्री थे) एवं राज्य सरकार के अन्य नुमाईंदों की इस मामले में क्या भूमिका और जिम्मेदारी है?
5. स्पष्ट अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव वाले इतने बड़े अपराध के बावजूद इंटरपोल को सूचना क्यों नहीं दी गई? इंटरपोल को पत्र लिखकर सूचना दिए जाने के लिए भाजपा सरकार ने पाँच महीनों से ज्यादा समय, यानि 24 अप्रैल 2021 तथा 17 अप्रैल 2021 को श्री कृष्णा की रिहाई तक इंतजार क्यों किया?
6. कर्नाटक की भाजपा सरकार द्वारा एनआईए/ एसएफआईओ/ ईडी को सूचित क्यों नहीं किया गया?
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