राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा - यूएई के एक राजनयिक द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच सम्पर्क स्थापित कराने के लिए मध्यस्थता करने के दावे संबंधी समाचार हमारे संज्ञान में आए हैं। 1972 के शिमला समझौते के बाद से ये भारतीय कूटनीति की सफलता रही है कि हम पाकिस्तान के साथ सभी मामले द्विपक्षीय रुप से सुलझाते रहे हैं और इसमें कभी भी विदेशी मध्यस्थता नहीं होती।
जो बयान सुना और पढ़ा उसमें किसी अन्य देश से विदेशी मध्यस्थता करने जा रहे हैं, खेद की बात है कि इस सरकार के शासन काल में न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य सूत्रों द्वारा मध्यस्थता हो रही है, बल्कि जम्मू-कश्मीर जैसे हमारे आंतरिक मामलों का भी अंतर्राष्ट्रीयकरण कर दिया गया है।
उन्हों ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान सरकार विवेक से काम लेगी और भारत द्वारा वर्षों से अपनाई जा रही जांची- परखी नीतियों पर लौटेगी।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.