अति आवश्यक है हरियाणा के गृह विभाग की समीक्षा ! ( टिप्पणी : सुरेन्द्र सिंह हुड्डा, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता )
नई दिल्ली : 19.04.2022 , हरियाणा में निरंतर बढ़ते अपराधों को लेकर समाज का हर वर्ग चिंतित है चाहे सत्ता पक्ष या विपक्ष। बड़ा सवाल ये है कि जिस तरह इस गंभीर समस्या के कारणों का पता लगाना ज़रूरी है वहीं उसके सकारात्मक हल की दिशा में चलना भी अति आवश्यक है ।
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के रोहतक दौरे से पूर्व लुटेरों ने बैंक की कैश वैन से लगभग दो करोड़ रुपए लूटे और ग़ायब हो गए । कल दिनांक 18 अप्रैल को गुरुग्राम में बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में लुटेरों ने बैंक वैन से पैसा लूटा गया , हरियाणा के दूसरे कोने हिसार के एक बैंक में पिस्तौल के बल पर लुटेरों ने बैंक से राशि लूटी।
आए दिन हरियाणा में बेफिक्र अपराधियों के द्वारा भिन्न-भिन्न स्थानों पर गंभीर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। अतः यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हरियाणा के गृह विभाग की समीक्षा अति आवश्यक है ।
हरियाणा में पुलिस विभाग में कई कारणों के चलते इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई है जिसमें प्रमुख है कि ज़िलों में पुलिस कर्मचारियों की संख्या जहाँ धीरे-धीरे कम हो रही है वहीं दूसरी ओर अधिक थाने स्थापित किए जा रहे हैं। शहरों को छोड़ दें तो अनेक ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जहाँ अब 15 किलोमीटर के लगभग क्षेत्र में कोई पुलिस चौकी तक मौजूद नहीं है। प्रदेश में निरंतर जनसंख्या में वृद्धि से पुलिस विभाग पर अतिरिक्त भार भी पड़ा है और इसी के चलते लापरवाही और भ्रष्टाचार भी इन परिस्थितियों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है ।
सरकार को चाहिए कि प्रत्येक जिले में अपराधों में हुई वृद्धि के लिए वहाँ के जिला पुलिस प्रमुख को जवाबदेही बनाया जाए। इतना ही नहीं अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की जाए जिसमें योजनाबद्ध तरीके से गुण-दोष के आधार पर सरकार को एक सूची बनाकर प्रदेश से अपराधियों की पूर्ण सफाई का अभियान चलाना चाहिए। जब तक इस प्रकार के निर्णय नहीं लिए जाते तब तक पुलिस विभाग का मनोबल नहीं बढ़ेगा।
हरियाणा सरकार को चाहिए कि पारदर्शी तरीके से पुलिस विभाग के अधिकारियों को उस क्षेत्र के हालातों के आधार पर जिलों व थानों में नियुक्त किया जाए ताकि अपराधियों और अपराध पर नियंत्रण किया जा सके ।
कभी-कभी यह भी देखा गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिलों के पुलिस अधिकारियों के बीच में दूरियां इतनी अधिक होती है कि अधिकारी वर्ग अपने लाभ के लिए मनमानी करने से नहीं चूकते । इस कारण से मुख्यमंत्री कार्यालय मजबूत होना चाहिए ताकि उनके संज्ञान में आने के पश्चात स्थिति को बिना समय गंवाए नियंत्रित किया जा सके।
- सुरेन्द्र सिंह हुड्डा, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता
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