जमाअत इस्लामी हिन्द राज्य के शांति और न्यायप्रिय नागरिकों को जागृत और एनआरसी, सीएए और एनपीआर के ख़िलाफ़ विभिन्न मंत्रालयों और ज़िला कलेक्टर को मेमोरेंडम पेश कर रही है। हमें आशा है कि आप हमारे निवेदन पर त्वरित कार्यवाही करेंगे। यह देश और आपके राज्य के अवाम की आवाज़ है। आपका फैसला देश के संवैधानिक, धर्मनिर्पेक्ष और बहुलतावाद की धारणा (आइडिया ऑफ़ इंडिया) को बनाये रखने में महत्वपूर्ण होगा। हमें यक़ीन है कि आप अपने राज्य के लोगों को निराश नहीं करेंगे।
नई दिल्ली, 25 दिसंबर । सीएए और एनआर सी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं से देशभर में फैली बेचैनी के संदर्भ में जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने देश के मुख्यमंत्रियों के नाम प्रेषित पत्र में लिखा है कि विगत दिनों पारित नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) मुसलमानों के सिवा पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए तैयार है। इस क़ानून की वजह से पूरे देश में विरोध और शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं। समाज के सभी वर्ग इस क़ानून को यथाशीघ्र रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की फायरिंग से अनेकों छात्र प्रदर्शनकारी और राहगीर जख़्मी और मारे गए हैं। इस क़ानून में भारतीय संविधान को नज़रअंदाज़ करते हुए धर्म के आधार पर नागरिकता की बात कही गयी है। इस क़ानून को प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (एनआरसी) के साथ जोड़ कर देखने की आवश्यकता है। दोनों को मिलाकर देखने से ऐसी सूरतेहाल पैदा होती हैं कि देश के मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और उन्हें हिरासती कैंपों में भेज दिया जाएगा जैसा कि असम में हो रहा है। मुसलमानों के सिवा उन सभी लोगों को जो एनआरसी में अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे सीएए के माध्यम से उन्हें शामिल कर लिया जाएगा। इससे मानवाधिकार का हनन होगा जिसके गंभीर परिणाम की संभावना है।
जमाअत के अमीर ने मुख्यमंत्रियों को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि देश के अनेकों राज्य जैसे पंजाब, केरल, पश्चिमी बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय सरकार का विरोध करते हुए प्रस्तावित एनआरसी को अपने यहां लागू करने से इंकार कर दिया है। आप अपने राज्य की अवाम के प्रमुख्य प्रतिनिधि हैं। इसलिए आप उनकी और उनके मूल अधिकारों की सुरक्षा के पाबंद हैं। इसलिए हम आप से अनुरोध करते हैं कि आप अपने राज्य में प्रस्तावित एनआरसी को निरस्त करें।
चूंकि “शांति और व्यवस्था” का सम्बंध राज्य से है, इसलिए आप को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है कि एनआरसी को अपने राज्य में लागू न होनें दें। हम आपसे यह भी अनुरोध करते हैं कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को उस समय तक रोका जाए जब तक कि सरकार देश को यह सुनिश्चित नहीं कर देती है कि वह एनआरसी लागू नहीं करेगी और सीएए को वापस ले लेगी।
जमाअत इस्लामी हिन्द राज्य के शांति और न्यायप्रिय नागरिकों को जागृत और एनआरसी, सीएए और एनपीआर के ख़िलाफ़ विभिन्न मंत्रालयों और ज़िला कलेक्टर को मेमोरेंडम पेश कर रही है। हमें आशा है कि आप हमारे निवेदन पर त्वरित कार्यवाही करेंगे। यह देश और आपके राज्य के अवाम की आवाज़ है। आपका फैसला देश के संवैधानिक, धर्मनिर्पेक्ष और बहुलतावाद की धारणा (आइडिया ऑफ़ इंडिया) को बनाये रखने में महत्वपूर्ण होगा। हमें यक़ीन है कि आप अपने राज्य के लोगों को निराश नहीं करेंगे।
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