जामिया के भूगोल विभाग की वेबिनार श्रृंखला के हिस्से के रूप में, आज दूसरे व्याख्यान का आयोजन हुआ, जिसका विषय था ‘कोविड-19 अ पैन्डैमिक ऑफ मिस्ट्रीटेड बायोडायवर्सिटी‘। जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर डिज़ास्टर रिसर्च के अख्यक्ष, प्रो पी.के. जोशी ने यह विशेष व्याख्यान दिया।
इस वेबिनार की शुरूआत भूगोल विभाग के कार्यवाहक प्रमुख प्रो हारुन सज्जाद के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद वेबिनार सीरीज़ के समन्वयक प्रो मसूद ए सिद्दीकी ने श्री जोशी का परिचय कराया।
प्रो जोशी ने सबसे पहले जैवविविधता का अर्थ समझाया। फिर उन्होंने, बसावटों के विनाश, आक्रामक प्रजातियों, बढ़ते प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या और प्रकृति का हद से ज्यादा शोषण करने जैसे पहलुओं की मदद से जैव विविधता के लिए बने खतरे को समझाया। बाद में उन्होंने दुनिया से विभिन्न उदाहरणों को उजागर करके जैव विविधता की अवधारणा, उपयोग और हानि से कोविड-19 की वर्तमान बनी स्थिति के साथ जोड़ा। उन्होंने जैव विविधता के संरक्षण और उसे बहाल करने के लिए कई तरीके भी सुझाए।
व्याख्यान के बाद कई विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों के सवालों के उन्होंने संतोषनक जवाब दिए।
इस वेबिनार में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के डॉ वी एस नेगी, डॉ आनंद मलिक, डॉ दीक्षा बाजपेई, डॉ ज़हीन आलम, डॉ अभय कुमार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ अश्वजीत चैधरी, बर्दवान विश्वविद्यालय के डा बिपलब बिस्वास और आईएमडी के डॉ के जे रमेश जैसे विद्वानों ने हिस्सा लिया।
इसमें जामिया के भूगोल विभाग के प्रोफेसर एम इश्तियाक, प्रो मसूद सिद्दीकी, प्रो हारून सज्जाद, प्रो अतीकुर्रहमान, डॉ लुबना सिद्दीकी, डॉ प्रवीण कुमार पाठक, डॉ आसिफ, डॉ एस मसूद अहमद, डॉ शकील अहमद, श्री अनिल कुमार सिन्हा और कई अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया।
प्रो अतीकुर्रहमान ने वोट ऑफ थैंक्स देने की औपचारिकता निभाई। उन्होंने वर्ष 2020 में जामिया के चल रहे शताब्दी समारोह के दौरान, ऑनलाइन मोड के माध्यम से विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखने में फैकल्टी को प्रोत्साहित करने के लिए कुलपति प्रो नजमा अख़्तर का धन्यवाद किया। उन्होंने सारगर्भित व्याख्यान के लिए श्री जोशी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभाग प्रमुख मैरी ताहिर, वेबिनार के समन्वयक प्रो मसूद अहसन सिद्दीकी, भूगोल विभाग के अध्यापकों, अन्य विशेषज्ञों, विद्वानों और छात्रों का भी धन्यवाद किया।
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