जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज में, डॉ मुहम्मद इम्तियाज हसन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने फ्रीवेयर के माध्यम से मालेक्युलर डॉकिंग-आधारित हाई-थ्रूपुट वर्चुअल स्क्रीनिंग टूल विकसित किया, जिसका नाम इंस्टाडॉक रखा गया है।
यह मालेक्युलर डॉकिंग एक इन-सिलिको विधि है जिसका उपयोग चिकित्सीय महत्व के प्रोटीन-लिगैंड इंटरैक्शन की खोज के लिए किया जाता है। यह दवा विकास और खोज में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों में से एक है। ड्रग डिस्कवरी एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। इसके लिए नए ड्रग जैसे मालेक्युलर की खोज के लिए इंटरडिसिप्लिनरी नज़रिए की ज़रूरत होती है।
इन-सिलिको दृष्टिकोणों, जैसे कि मालेक्युलर डॉकिंग का उपयोग कैमिकल लाइब्ररेरीज़ के “वर्चुअल हाई-थ्रूपुट स्क्रीनिंग“ में किया जाता है, जिसमें लाखों कंपाउंड होते हैं, जो ड्रग डिज़ाइन और खोज के संभावित सिरों को ढूंढते हैं।
डॉ हसन और उनके छात्रों, ताज मोहम्मद और यश माथुर ने इंस्टाडॉक विकसित किया है। यह एक स्वतंत्र और ओपन एक्सेस ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस प्रोग्राम है, जो मालेक्युलर डॉकिंग और वर्चुअल हाई-थ्रूपुट स्क्रीनिंग कुशलता से करता है।
इंस्टाडाॅक सुइट एक एकल-क्लिक निष्पादन है, जो खास तौर से गैर-जैव सूचना विज्ञान की सुविधा के लिए और उन लोगों के लिए बनाया गया है जो कंप्यूटर का उपयोग करने में माहिर नहीं हैं। यह मौजूदा सॉफ्टवेयर की तुलना में सबसे आसान है। यह ऑन-बोर्ड विज़ुअलाइज़ेशन और डॉकिंग विश्लेषण को सिर्फ एक क्लिक से ही आसान बना देता है।
इंस्टाडॉक को ब्रीफिंग इन बायॉइन्फ़ॉर्मेटिक्स ने प्रकाशन के लिए भी मंज़ूर कर लिया है, जो ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के एक प्रतिष्ठित जर्नल 9.1 का हिस्सा है। अकादमिक और औद्योगिक रिसर्च के लिए इंस्टाडॉक www.hassanlab.org/instadock. पर आसानी से उपलब्ध है।
डा हसन लैब में वरिष्ठ शोधकर्ता, ताज मुहम्मद ने कहा कि नाॅन-एक्सपर्ट उपयोगकर्ताओं के लिए मालेक्युलर डॉकिंग और हाई-थ्रूपूट वर्चुअल स्क्रीनिंग को सीधे एक सार्वभौमिक मंच पर लाना काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें बड़ी तादाद में प्रक्रिया क्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा, हमने इंस्टाडाॅक को इस तरह से बनाया है कि इसका इस्तेमाल गैर-जैव सूचना विज्ञानियों और कंप्यूटर के बहुत कम ज्ञान रखने वाले लोगों द्वारा भी किया जा सकता है।
यश माथुर ने कहा, “हमने एक ही क्लिक के साथ प्रोटीन और इन-सिलिको को समझने में मदद करने के लिए एक सरल और इंटरैक्टिव ड्रग-खोज मंच मुहैया कराने के लिए इंस्टाडाॅक विकसित किया है।“
डॉ हसन ने कहा कि यह काम, उनके छात्रों ताज मोहम्मद और यश माथुर की बड़ी कोशिशों का नतीजा है। इन दोनों ने लॉकडाउन के हालात में भी लंबे समय तक लगातार काम किया। वे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की दिशा में योगदान करने के लिए संरचनात्मक जीव विज्ञान, मशीन लर्निंग, ड्रग डिस्कवरी और एनजीएस एनालिटिक्स के क्षेत्र में पूरी लगन से काम कर रहे हैं।
डॉ हसन की लैब ड्रग डिज़ाइन और खोज से जुड़ी कई शोध परियोजनाएं चला रही है, जिन्हें www.hassanlab.org. पर एक्सेस किया जा सकता है।
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