जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने मणिपुर हिंसा की निंदा की और शांति बहाली की मांग की
नयी दिल्ली, 08 मई: जमाअत -ए-इस्लामी हिंद ने केंद्र से मणिपुर राज्य में शांति बहाल करने की मांग करती है। मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा,” जमाअत मणिपुर हिंसा की निंदा करती है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर जातीय, धार्मिक और भौगोलिक रेखाओं पर विभाजित है। विभिन्न समूहों के बीच झड़प की सूचना है। कानून और व्यवस्था चरमरा गई है और राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल है। जैसा कि केंद्र ने राज्य की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली है, भारत सरकार को जल्द से जल्द इंफाल घाटी और पहाड़ी जिलों में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए। जमाअत महसूस करती है कि पिछले कुछ सालों में राजनीतिक सत्ता हासिल करने और सत्ता में बने रहने के लिए देश में नफरत और ध्रुवीकरण का माहौल बनाने की सुनियोजित कोशिश की जा रही है। जब विभिन्न समुदायों के बीच अविश्वास और गलतफहमी होती है तो नफरत का यह माहौल हिंसा भड़काने में मदद करता है।
राज्य प्रशासन को राज्य में सांप्रदायिक नफरत को कम करने के लिए सभी उपाय करने चाहिए और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। विभिन्न जनजातियों और समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और एकता की भावना का माहौल बनाना महत्वपूर्ण है।
जमाअत मणिपुर में गिरजाघरों और अन्य धार्मिक स्थलों की तोड़फोड़ और अपवित्रता की निंदा करती है। जमाअत यह भी महसूस करती है कि गृह मंत्री को राज्य का दौरा करना चाहिए और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर बयान जारी करना चाहिए। हम क्षेत्र में शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। जमाअत उन लोगों की सराहना करती है जिन्होंने हिंसा के पीड़ितों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए शरणार्थी शिविर स्थापित किए हैं।"
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