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न्यूज डाइजेस्ट पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने लॉकडाउन के बीच अचानक जड़ा ताला?

अगर आपको यह खबर मिली है कि न्यूज डाइजेस्ट बंद कर दिया गया तो यह गलत है मैं पूरी जिम्मेदारी और शालीनता से कहता हूं कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है: सचिव सय्यद तनवीर अहमद

By: Mohammad Ahmad
  • न्यूज डाइजेस्ट पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने लॉकडाउन के बीच अचानक जड़ा ताला?

  • अगर आपको यह खबर मिली है कि न्यूज डाइजेस्ट बंद कर दिया गया तो यह गलत है मैं पूरी जिम्मेदारी और शालीनता से कहता हूं कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है: सचिव सय्यद तनवीर अहमद

 

 

पिछले लगभग 15 सालों से चलने वाले न्यूज डाइजेस्ट पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने लॉकडाउन के बीच अचानक उस पर भी ताला लगा दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक न्यूज डाइजेस्ट पर ताला लगाने के पीछे यह बात कही गई है कि इस को नए ढंग से नए सिरे से शुरू किया जाएगा। वतन समाचार को जमात-ए-इस्लामी के विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि इस न्यूज डाइजेस्ट को नए सिरे और नए ढंग  से शुरू भी किया गया था और लगभग 3 दिन तक नए ढंग से चलाया भी गया और उसके लिए चार पांच लोगों की एक बड़ी टीम भी तैयार की गई लेकिन विडंबना यह है कि यह टीम एक हफ्ता भी जिसको नहीं चला सकी और 3 दिन के अंदर ही उस पर भी ताला लग गया।

 

 

जमात-ए-इस्लामी के विश्वसनीय सूत्रों ने वतन समाचार को बताया कि इस से पहले जो टीम चलाती थी उसमें सिर्फ अकेले एक साहब थे जिन्होंने लंबे समय तक इसको चलाया लेकिन अब उनको भी खाली रखा गया है और उनको भी कोई काम नहीं दिया गया है और वह खाली बैठे हुए हैं। ज्ञात रहे कि अक्सर जमात और जमीयत के लोग इस तरह की बातें करते हैं जिस से लगता है कि वह अपनी नीतियों और नियत में पूरी ईमानदार हैं लेकिन उनकी कार्यप्रणाली से ऐसे सवाल उठते हैं जिस से उनकी नियत और उनकी नीति पर शक होने लगता है।

 

न्यूज डाइजेस्ट के कई पाठकों ने वतन समाचार को बताया कि यह अपने आप में एक अनोखा था। उसके जरिए से पूरे दिन की खबरें मालूम हो जाया करती थीं और वह भी एक क्लिक पर, जिसमें इस्लाम और मुसलमानों को लेकर के दुनिया में क्या कुछ चल रहा है खासतौर से अंग्रेजी जुबान में उस को एक पन्ने पर पेश कर दिया जाता था जिससे लेखक कलमकार राइटर खबरों पर पैनी नजर रखने वाले लोगों को काफी मदद मिलती थी, लेकिन जमात-ए-इस्लामी के इस आनन-फानन लिए गए फैसले से लोगों को काफी मायूसी हुई है। जमात के सूत्रों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी का यह कारण समझ में नहीं आता कि इसे नए सिरे से शुरू किया जाएगा और इसके पीछे की मंशा क्या है? क्योंकि नए सिरे से शुरू किया गया और 5 लोग मिलकर भी उसको 3 दिन नहीं चला सके जबकि अकेले एक व्यक्ति ने इस को लंबे समय तक चलाया।

 

 

अब आने वाले दिनों में जमात-ए-इस्लामी हिंद की इस पूरे मामले में कार्यप्रणाली क्या होगी यह तो देखने वाला होगा लेकिन जमात की नीति और नीयत पर सवाल उठना लाजमी है।

 

इस पूरे मामले पर जब जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुखिया सैयद सादातुल्लाह हुसैनी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जमात ए इस्लामी एक आजाद संस्था है और हर डिपार्टमेंट आजादी से अपना काम करता है। उन्होंने कहा कि आप अपने सवालों का जवाब डिपार्टमेंट के मुखिया (सचिव) सैयद तनवीर अहमद या अरशद या फिर इंजीनियर सलीम से ले सकते हैं।

 

 

इस पूरे मामले पर जब सय्यद तनवीर से वतन समाचार ने बातचीत की तो उन्होंने शालीनता से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि न्यूज डाइजेस्ट बंद नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके समय की तब्दीली की गई है। पहले शाम में निकलता था अब इसे सुबह निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यूज डाइजेस्ट का मकसद जमात के लोगों को खबरों से अवगत कराना था ताकि वह सही समय पर अपनी टिप्पणी दे सकें। इसलिए अब उस के समय में तब्दीली कर दी गई है।

 

 

उन्होंने कहा कि अगर "वतन समाचार" को यह नहीं मिल रहा है तो वह अपना ई मेल दें वह फौरन उस पर भेजने की कोशिश करेंगे। उन्होंने एक व्यक्ति और अनेकों व्यक्तियों के सवाल पर कहा कि पहले जहां तक एक व्यक्ति के निकालने का मसला था अब उसमें व्यक्तियों की बढ़ोतरी इसलिए की गई है ताकि हिंदी उर्दू इंग्लिश अंतर्राष्ट्रीय और अल्टरनेटिव मीडिया सबके लिए अलग-अलग लोगों को नियुक्त किया जाये और कम समय में सही और सटीक जानकारी लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि अगर आपको यह खबर मिली है कि न्यूज डाइजेस्ट बंद कर दिया गया तो यह गलत है मैं पूरी जिम्मेदारी और शालीनता से कहता हूं कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

 

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