कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेतृत्व पर साधा निशाना, कहा- बिना अध्यक्ष वाली पार्टी, पता नहीं कौन ले रहा है फैसले
पंजाब में चल रहे कांग्रेस संकट के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी आलाकमान पर निशाना साधा। कपिल सिब्बल ने कहा, "हमारी पार्टी में फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि ये फैसले कौन ले रहा है। हम जानते हैं और फिर भी नहीं जानते।"
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की और से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किये जाने के बाद पार्टी के कई समर्थकों ने बुधवार को सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाज़ी की। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सिब्बल के बयान से कार्यकर्ता आहत हुए और इस वजह से उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे लोगों ने कपिल सिब्ब्ल के घर पर टमाटर फेंके और उनकी कार क्षतिग्रस्त कर दी।
कपिल सिब्बल के ताज़ा बयान और उनके आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद पैदा विवाद के बीच पार्टी के कई नेताओं ने बृहस्पतिवार को सिब्बल और ‘जी-23’ समूह के नेताओं को निशाने पर लिया तथा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट की।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिब्बल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
उन्होंने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कपिल सिब्बल हमारे वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं, वह वरिष्ठ वकील भी हैं। उनका इस प्रकार से बयान देना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है।''
बघेल ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सभी ने सोनिया गांधी को स्वीकार किया और वह अभी तक कार्यरत हैं। बीच में चुनाव की घोषणा हुई लेकिन कोविड-19 के मद्देनज़र उसे स्थगित कर दिया गया। उसके बाद यह सवाल उठाना हास्यास्पद है।’’
कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने ‘जी-23’ समूह के नेताओं पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘कुछ लोगों के चरित्र को देख कर आश्चर्य होता है। क्या इंसान अपने स्वार्थ में इतना बदल सकता है? जिन लोगों ने नेतृत्व की कृपा से सत्ता का सबसे अधिक सुख उठाया, आज वही लोग नेतृत्व को चुनौती देने पर आमादा हैं। लगता है, इन्हें सत्ता में रहने की आदत सी हो ग़ई है, संघर्ष इन्हें कैसे रास आ सकता है?’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने शायरी के ज़रिये सिब्बल और उनका समर्थन कर रहे नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रेस वार्ता करने वालों की पहचान शायर से जान: ‘बाग़बां ने आग दी जब आशियाने को मेरे, जिन पे तकिया था, वही पत्ते हवा देने लगे।’ कुछ लोग खुद को ऊंचा दिखाने के लिए नेताओं पर कटाक्ष करते हैं।’’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सिब्बल के बयान पर कहा कि पार्टी नेताओं को आंतरिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को दु:ख पहुंचता है।
उल्लेखनीय है कि सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए और संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिएं।
उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘‘जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं।’’
वहीं दूसरी तरफ कपिल सिब्बल के समर्थन में पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया है, "मैं तब असहाय महसूस करता हूं, जब हम पार्टी मंचों के भीतर सार्थक बातचीत शुरू नहीं कर पाते हैं। मैं तब भी आहत और असहाय महसूस करता हूं, जब मैं अपने एक सहयोगी और सांसद के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा तस्वीरों में नारे लगाते हुए देखता हूं।"
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, शशि थरूर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, विवेक तन्खा और राज बब्बर समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की उस मांग का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने सिब्बल के घर पर गुंडागर्दी करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कपिल सिब्बल के घर पर "हमले" की आलोचना की है।
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