नई दिल्ली, 20 दिसम्बर: पिछले साल हाईकोर्ट ने पेंशन देने का अधिकार नगर निगम से छीनकर दिल्ली सरकार को सौंपा दिया था लेकिन दिल्ली सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पार्षदों के पेंशन पोर्टल को ही बंद कर दिया है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर नरेंद्र चावला का कहना है कि पहले शिकायतकर्ता नगर निगम के पास आते हैं। हमारे द्वारा भेजे गए प्रार्थना पत्र रद्द कर दिए गए हैं। यहां तक कि जिस वेबसाइट पर हम लोग, लोगों को पेंशन के लिए इनरोल कर सकते थे, अब दिल्ली सरकार ने उसे भी बंद कर दिया है।
नगर निगम के मुताबिक एक लाख लोगों के पेंशन अनुरोध को रद्द कर दिया गया है। दिल्ली सरकार 60 से 69(उम्र) के लोगों को दो हजार और उससे ऊपर के उम्र वालों को 2500 रुपये प्रति महीना पेंशन देती है। इसके लिए दिल्ली के सरकार के पास 1000 करोड़ का बजट है।
पार्षद जय प्रकाश कहते है कि विधायकों के हाथ में अधिकार देने का मतबल है कि सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है। दिल्ली सरकार के पास साढ़े पांच लाख लोगों को पेंशन देने का अधिकार है।
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