जानिए क्यों प्रधानमंत्री ने दिलाई कच्छ कि महिलाओं को 1971 के युद्ध की याद
गुजरात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में गुजरात में महिला संतो द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित किया। आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उपलब्ध सभी महिला संतो का अभिनंदन करते हैं।
अभिनंदन के बाद जल संरक्षण में गुजरात की महिलाओं की भूमिका को सराहते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, “गुजरात की महिलाओं ने जल संरक्षण में पानी समिति बनाकर जो कार्य किया है उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओ ने भी सम्मानित किया। कच्छ की महिलाओं ने अपने अथर्व परिश्रम से कच्छ की सभ्यता और संस्कृति को भी जीवंत रखा है।”
वहीं कच्छ की मशहूर विशेषताएं बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, “कच्छ का शिल्पकला पूरे देश एवं विदेश में मशहूर होता जा रहा है और अपनी खुद की एक पहचान बना रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कच्छ की महिलाओं को 1971 के युद्ध की याद दिलाते हुए "महिलाओं के साहस" पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि युद्ध में दुश्मनों ने हमला बोला और बम की बरसात भी की और हमारी हवाई पट्टी को नष्ट कर दिया। ऐसे युद्ध के समय में एक और हवाईपट्टे की जरूरत थी, इस परिस्थिति में भी कच्छ की महिलाओं ने अपनी परवाह न करते हुए भारत की लड़ाई के लिए सुविधा बनाई। महिलाओं के ऐसे असाधारण साहस और सावरकार की इस धरती से हमारी मातृशक्ति आज समाज के लिए एक सेवा यज्ञ शुरू कर रही है।
वेदों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने एक मंत्र की याद दिलाते हुए कहा कि वेदों में भी नारी के लिए बहुत से मंत्र हैं। आगे उसको विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाएं अपने नगर, अपने समाज की जिम्मेदारी संभालने में समर्थ हो, महिलाएं देश को नेतृत्व दे। नारी, नीति, निष्ठा, निर्णय शक्ति और नेतृत्व की प्रतिबिंब होती है। इसलिए हमारे वेदों में इसका आह्वान किया गया है कि नारी इतनी सक्षम हो कि सही दिशा दिखा सके।”
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