लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत ३२ लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।- Rajnath Singh Union Minister
शरत प्रधान ने इस फैसले को क़ानून के साथ मज़ाक़ बताया है। उन का कहना है कि वह उस वक़्त मौजूद थे, जब बाबरी मस्जिद गिराई गयी। उन्हों ने कहा कि सवाल यह है कि किसी ने गिराई नहीं तो फिर कैसे गिर गयी बाबरी मस्जिद। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आज बाबरी मस्जिद शहादत मामले में अपना फैसला सुनाना शुरू कर दिया है। संरचना के लगभग तीन दशक बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में एक भीड़ ने सांप्रदायिक दंगे भड़काए थे। इस मामले के आरोपियों में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मंत्री उमा भारती और कल्याण सिंह शामिल हैं।विनय कटियार, धरमदास, वेदांती, लल्लू सिंह, चंपत राय, और पवन पांडे उन आरोपियों में शामिल हैं जो आज अदालत में होंगे।
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