नयी दिल्ली: इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने वतन समाचार से विशेष बातचीत में बताया कि आज हालत यह है कि मदरसा शिक्षक संघ के कई लोग खुदकुशी कर रहे हैं। कई लोगों की पिछले एक हफ्ते में जान चली गई है, लेकिन दुख की बात यह है कि केंद्र सरकार इसके बावजूद अभी तक उनका केंद्राँश (मानदेय) देने के बारे में नहीं सोच रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के प्रधानमंत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री उप मुख्यमंत्री विधायक सांसद नेता विपक्ष नेता पक्ष समेत सभी लोगों के दरवाजे खटखटाये।
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अल्पसंख्यक कार्य मंत्री केंद्र सरकार के हों या उत्तर प्रदेश सरकार के सब के दर पर गए लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जब हम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से बात करते हैं तो हमें बार-बार यह आश्वासन दिया जाता है कि आपका केन्द्रांश जल्द जारी कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक जारी नहीं किया गया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम कोर्ट इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि हमारी मजबूरी यह है कि हम गरीब लोग हैं। हम में से कई लोग रात में चोरी चुपके भट्टे पर काम करते हैं ऑटो रिक्शा चला कर के अपने बच्चों का पालन पोषण करते हैं तो कैसे हम कोर्ट जायें? जहां एक महंगे वकील की जरूरत है। काफी पैसों की जरूरत है। यह चीज हमारी पहुंच से बाहर है। उन्होंने कहा कि हम निराश नहीं हैं। हमें आशा है कि जरूर हमारा केन्द्रांश केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी।
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री ऑफिस को व्यक्तिगत रूप से पिछले महीने ज्ञापन दिया। कई शिक्षकों ने अपने स्तर पर लिखा। एसोसिएशन ने अपने स्तर पर लिखा, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ जो समस्या उत्पन्न हुई उसके लिए बजट में कटौती सबसे बड़ी वजह है। अब हमें कम से कम 1000 करोड़ की जरूरत है। जिससे शिक्षकों की समस्या का समाधान हो जाएगा। जो कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार क्यों इस दिशा में काम नहीं कर रही है यह तो केंद्र ही बता पायेगा, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा उस वक्त तक जब तक कि हमें हमारा वेतन नहीं मिल जाता।
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