राजीव रियाज प्रतापगढ़ी को न्याय दिलाने में सफल हुई मजलिस
मजलिस के आवाज उठाने के बाद मशहूर शायर राजीव रियाज को दिल्ली उर्दू अकादमी ने नए पुराने चिराग कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया, मजलिस हमेशा न्याय के लिए आवाज उठाएगी: कलीमुल हफीज
नई दिल्ली: आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन, दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने दलित कवि राजीव रियाज प्रतापगढ़ी को उर्दू अकादमी द्वारा “नए पुराने चिराग” के लिए आमंत्रित किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अकादमी को यह काम पहले ही करना चाहिए था लेकिन मजलिस के के द्वारा न्याय के लिए आवाज उठाने के बाद अकादमी और दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया होश में आए और राजीव रियाज को कार्यक्रम में कवि के रूप में शामिल किया गया। देर आयद दुरुस्त आयद भर है। कलीमुल हफीज ने कहा कि सकारात्मक बात यह है कि आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन, दिल्ली राजीव रियाज को न्याय दिलाने में सफल रही हैं, लेकिन फिर भी उर्दू अकादमी नाकारा हो कर रह गई है क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार अकादमी को बजट देने में टालमटोल कर रही है।
कलीमुल हफीज ने कहा कि जब भी कमजोर दलित या पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय होगा, मजलिस हमेशा आवाज उठाएगी। कलीमुल हफीज ने कहा कि राजीव रियाज ने हमें बताया है कि उन्हें अकादमी से 23 जुलाई को कार्यक्रम में शामिल होने का संदेश मिला है। दिल्ली मजलिस अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने कहा कि नए पुराने चिराग कार्यक्रम में शामिल होने वालों को दिया जाने वाला मानदेय भी बढ़ाया जाए। दिल्ली सरकार उर्दू के साथ भेदभाव और अन्याय की नीति अपनाकर उर्दू भाषा को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली उर्दू अकादमी में 44 स्थायी कर्मचारियों की जगह केवल आधा दर्जन कर्मचारी ही स्थायी हैं।
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में उर्दू शिक्षकों के पद लाए गए, तब भी सरकार ने श्रय लेने कोशिश की, लेकिन सच्चाई यह है कि इतनी अप्रभावी और भेदभावपूर्ण नीति बनाई गई कि उर्दू पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षक नहीं मिल सके। कलीमुल हफीज ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उर्दू शिक्षकों के पद लाकर दिल्ली में उर्दू शिक्षकों की कमी को पूरा करे।
उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध कवि राजीव रियाज को उर्दू अकादमी द्वारा नए पुराने चिराग के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। जिस पर अध्यक्ष मजलिस दिल्ली कलीमुल हफीज ने दिल्ली सरकार और उर्दू अकादमी की कड़ी आलोचना करते हुए सवाल उठाया था कि दिल्ली उर्दू अकादमी का कार्यक्रम दिल्ली के सभी कवियों को शामिल करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था और उद्देश्य यह था के उर्दू भाषा का प्रचार प्रसार होगा, इसलिए हर छोटा-बड़ा कवि इस कार्यक्रम में भाग लेता है। इस बार भी मुजफ्फरनगर, बदायूँ , ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश से लेकर लंदन तक के कवि भाग ले रहे हैं, लेकिन कवि राजीव रियाज जो दिल्ली में हैं उनका नाम क्यों शामिल नहीं किया गया?
कलीमुल हफीज ने सवाल पूछा था कि मेरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल है कि राजीव रियाज को दलित होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया? क्या कारण है कि आम आदमी पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी तक के कवि कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं आखिर मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन, दिल्ली के सचिव राजीव रियाज को किस बात की सज़ा दी जा रही है।
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