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मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी CAB के खिलाफ नहीं दिया वोट ऑफिस ने दी सफाई

हालांकि मौसमी सिंह के जिस इंटरव्यू का हवाला मौलाना बदरुद्दीन अजमल के PA मंजर बिलाल दे रहे हैं उसमें साफ नजर आ रहा है कि मौलाना इंटरव्यू देने के बाद मुस्कुराए भी हैं और फिर खुद से ही वह गाड़ी में बैठे हैं. गाड़ी में बैठने के बाद एक महिला उनसे कुछ बात भी कर रही है और एक तरफ दरवाजे से थोड़ी सी दूर आगे की सीट पर लेफ्ट साइड में एक आदमी वीडियो भी बना रहा है.

By: Mohammad Ahmad
  • मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी CAB के खिलाफ नहीं दिया वोट ऑफिस ने दी सफाई
  • मंज़र ने बात बात में यह भी कहा कि मौलाना के लोकसभा में वोट देने से कोई ख़ास फ़र्क़ भी नहीं पड़ने वाला था लकिन फिर भी अगर तबियत ने साथ दिया होता तो वह वोट करते जरूर.
  • हालांकि मौसमी सिंह के जिस इंटरव्यू का हवाला मौलाना बदरुद्दीन अजमल के PA मंजर बिलाल दे रहे हैं उसमें साफ नजर आ रहा है कि मौलाना इंटरव्यू देने के बाद मुस्कुराए भी हैं और फिर खुद से ही वह गाड़ी में बैठे हैं. गाड़ी में बैठने के बाद एक महिला उनसे कुछ बात भी कर रही है और एक तरफ दरवाजे से थोड़ी सी दूर आगे की सीट पर लेफ्ट साइड में एक आदमी वीडियो भी बना रहा है.
  • वतन समाचार किसी आरोप की कोई पुष्टि नहीं करता है.

 

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नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर उठे हंगामे के बीच नो CAA (CAB) नो एनआरसी के साथ अब एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. सोशल मीडिया समेत आसाम के अखबार में यह खबर चल रही है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के खिलाफ एआईयूडीएफ के अध्यक्ष सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कैब के खिलाफ वोट नहीं किया था और उन्होंने वोटिंग का बायकाट किया था. खबरों में उनके बीजेपी से कनेक्शन होने की भी बात कही जा रही है. आरोप मढ़ा जा रहा है कि मौलाना के बीजेपी से पुराने संबंध हैं और आसाम में वह बीजेपी के लिए काम करते आए हैं.

कैब पर वोटिंग के दौरान यह सांसद भी राज्य सभा में नहीं थे मौजूद

 

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 इन सभी आरोपों और सवालों को लेकर के जब वतन समाचार ने मौलाना बदरुद्दीन अजमल से बातचीत करने की कोशिश की तो काफी कोशिशों के बाद भी बातचीत नहीं हो सकी, पहले तो उनके साथ रह रहे दिलावर हुसैन ने कहा कि मौलाना अभी लोगों से कम बात करते हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है. जब वतन समाचार ने कहा कि इस पूरे सवालों पर मौलाना का पक्ष जानना जरूरी है तो उन्होंने कहा कि आप 5 मिनट बाद कॉल करिए फिर हम मौलाना से पूछ कर आपको बताते हैं.

 

 5 मिनट कॉल करने के बाद उन्होंने कई बार फोन करने के बाद भी फोन उठाने की जहमत गवारा नहीं की. और बार-बार फोन डिस्कनेक्ट करते रहे. जब उनको मैसेज भेज कर कहा गया कि आप प्लीज जवाब दें, तो उन्होंने मौलाना के PA मंजर का नंबर भेज दिया, जब मंज़र सर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मौलाना की तबीयत नासाज थी. मौलाना दिल्ली आए भी थे. मौलाना ने विरोध प्रदर्शन भी किया था PARLIAMENT में बिल के खिलाफ बोले भी थे, लेकिन बिल के खिलाफ बोलने के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ी और वह थोड़ी देर के लिए घर पर आ गए.

 

 मंज़र ने बात बात में यह भी कहा कि मौलाना के लोकसभा में वोट देने से कोई ख़ास फ़र्क़ भी नहीं पड़ने वाला था लकिन फिर भी अगर तबियत ने साथ दिया होता तो वह वोट करते जरूर.

 

बिल के खिलाफ बोलने के बाद PARLIAMENT हाउस के बाहर उन्होंने पत्रकारों से बिल के खिलाफ बातचीत भी की, लेकिन बातचीत के दौरान ही उनकी तबीयत काफी खराब हो गई. उस बीच आज तक की पत्रकार मौसमी सिंह और दूसरे लोग भी उपस्थित थे. मंज़र ने कहा कि लोगों ने उन्हें गाड़ी में बिठाया और फिर उनको घर लाया गया, इसलिए मौलाना वोटिंग के लिए नहीं जा सके.

 

 लोग सोशल मीडिया पर यह पूछ रहे हैं कि मौलाना का घर PARLIAMENT से 2 मिनट की दूरी पर है. मौलाना जाकर के बिल के खिलाफ वोट तो कर ही सकते थे, लेकिन मौलाना के ऑफिस का कहना है कि मौलाना का ब्लड प्रेशर काफी हाई था बीमारी शदीद (सख्त) थी, इसलिए वह वोटिंग की पोजीशन में नहीं थे.

 

हालांकि मौसमी सिंह के जिस इंटरव्यू का हवाला मौलाना बदरुद्दीन अजमल के PA मंजर बिलाल दे रहे हैं उसमें साफ नजर आ रहा है कि मौलाना इंटरव्यू देने के बाद मुस्कुराए भी हैं और फिर खुद से ही वह गाड़ी में बैठे हैं. गाड़ी में बैठने के बाद एक महिला उनसे कुछ बात भी कर रही है और एक तरफ दरवाजे से थोड़ी सी दूर आगे की सीट पर लेफ्ट साइड में एक आदमी वीडियो भी बना रहा है.

 

यह सांसद भी राज्य सभा में नहीं थे मौजूद 

 

नागरिकता संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा में कुल 16 सांसद गैरहाजिर थे, जिसमें बीजेपी के चुनी भाई काजी भाई गोहिल अनिल बलूनी जबकि तृणमूल कांग्रेस के डॉ कुंवर दीप सिंह, आजाद सांसद अमर सिंह बसपा के राजा राम अशोक सिद्धार्थ समाजवादी पार्टी के बेनी प्रसाद वर्मा नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की वंदना चौहान, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मजीद मेमन, शिवसेना के तीन सांसद संजय रावत राजकुमार धूत अनिल देसाई, जनता दल सेकुलर के डॉक्टर कूपेंद्र रेड्डी, आज़ाद सांसद एमपी वीरेंद्र कुमार, तेलंगाना राष्ट्र समिति के धर्मपुरी श्रीनिवास और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुकुट मिथी.

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की वंदना चौहान ने वतन समाचार से बातचीत में बताया कि वह जाति कारणों से वोटिंग के दौरान उपस्थित नहीं हो सकीं, जबकि मजीद मेमन के बारे में पता चला है कि वह बीमार चल रहे हैं. बीमारी के कारण हो हाउस में उपस्थित नहीं थे.
 अहम बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ साथ जनता दल सेकुलर और कांग्रेस के भी सांसद राज्यसभा से उपस्थित रहे. हालांकि कहा गया है कि कुछ सांसदों ने बीमारी के कारण छुट्टी ले रखी थी.

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