इंदौर। इंदौर में G20 शिखर सम्मेलन तहत कृषि कार्य समूह की बैठक के अंतिम दिन AWG के प्रमुख के साथ तकनीकी सत्र में कई रणनीतियों पर चर्चा हुई। इंदौर शहर में होने वाली अंतिम दिन की बैठक के दौरान विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों ने कृषि उत्पादन बढ़ाने, सतत कृषि, एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, डिजिटलाइजेशन का उपयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया। इसके जरिए आने वाले समय में किस तरह से कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर ले जाया जाए इस पर भी चर्चा की गई।
कृषि समूह की बैठक को लेकर आए हुए मेहमानों के लिए इंदौर शहर को पूरी तरह से सजाया गया था ताकि वो यहां की चीजों का लुत्फ लें सकें। विदेशी मेहमानों को इंदौर के जायके बहुत ज्यादा पसंद आए। खास करके मेहमानों को इंदौर के पोहे और जलेबी ने अपनी तरफ आकर्षित किया। इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने AWG के दूसरे दिन यानी की 14 फरवरी 2023 को आयोजित किये गए सत्र का शुभारंभ किया।
बैठक के पहले दिन ऐतिहासिक राजवाड़ा पैलेस में एक हैरीटेज वॉक का आयोजन किया गया था। जिसमें यहां आए हुए प्रतिनिधियों को इंदौर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की जानकारी दी गई। इस वॅाक के जरिए भारत देश के इतिहास वास्तुकला और खाद्य पदार्थ की झलक भी लोगों को देखने को मिली। इसके अलावा यहां पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। विदेशों से आए हुए प्रतिनिधियों को पशुपालन , मत्स्य पालन, कृषि, हथकरघा और शरबती गेहूं को दिखाया गया।
इंदौर में पहली AWG बैठक में भाग ले रहे 29 देशों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने दूसरे दिन यानी मंगलवार को मांडू किले का दौरा किया और वहां की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को जाना। विदेशी प्रतिनिधियों ने स्थानीय किसानों द्वारा अपनाई गई खेती की तकनीकों के साथ-साथ संस्कृति, इतिहास का पता लगाने के लिए प्रसिद्ध मांडू किले का दौरा किया। जहाज महल में 'मेहमानों' का पारंपरिक स्वागत किया गया और उनमें से कुछ ने 'मंडल की थाप' (ढोल की थाप) पर नृत्य भी किया।
मांडू किले के रास्ते में प्रतिनिधियों ने नालछा ब्लॉक के सिलोटिया गांव में एक पड़ाव लिया और एक पॉलीहाउस में प्याज और ककड़ी की खेती के बारे में सीखा। संबंधित अधिकारियों ने 'मेहमानों' को उन तकनीकों और पॉलीहाउस के बारे में बताया जो किसान को अच्छी उपज प्राप्त करके अधिक से अधिक लाभ उठाने में मदद कर रहे हैं।
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