रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करके हुए कहा कि पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी जी और मैं आज एक विशेष मुद्दा आपके बीच में लेकर आए हैं। मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी प्रतिशोध की आग में धधक रही है, जल रही है। मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी दो वर्गों से बदला ले रही है। पहला - किसान वर्ग और दूसरा - दलित और पिछड़े।
380 दिन से अधिक लाखों किसान दिल्ली की ड्योढ़ी पर न्याय मांगते रहे, 700 किसानों ने कुर्बानी दी, पर देश के प्रधानमंत्री, माननीय नरेन्द्र मोदी जी को उन किसानों से मिलकर उनके आंसू पोंछने का समय नहीं मिला। आखिर में जब किसान ने वोट की चोट से उपचुनाव में हराया, तो काले कानून वापस हुए और अब दलित और पिछड़ों से प्रतिशोध लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जो हुआ, जिस प्रकार से दलितों और पिछड़ों ने भारतीय जनता पार्टी को नकारा, जिस प्रकार से पंजाब में, उत्तराखंड में दलितों और पिछड़ों ने नकारा, जिस प्रकार से हार सामने दिख रही है क्योंकि देश के किसान, देश के गरीब, देश के दलित, देश के पिछड़ों ने भारतीय जनता पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय कर लिया, तो वैसे-वैसे ही भारतीय जनता पार्टी का दलितों पर, पिछड़ों पर, किसानों पर हमला बढ़ता जा रहा है और पंजाब में तो अभी भारतीय जनता पार्टी ने अपना कैंपेन ही शुरु नहीं किया। पर भारतीय जनता पार्टी का इलेक्शन डिपार्टमेंट, ईडी, जो एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट नहीं, मैं कई बार आपको बता चुका, उसका नाम अब बदल कर इलेक्शन डिपार्टमेंट रख दिया गया है, वो अब पंजाब में आ गया।
आज जिस प्रकार से राजनीतिक बेईमानी की पराकाष्ठा हुई। राजनीतिक बदले की पराकाष्ठा हुई। हिंदुस्तान के इकलौते दलित, गरीब मुख्यमंत्री से बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री, मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने अब इलेक्शन डिपार्टमेंट, ईडी को पंजाब भेज दिया। किसी पांच वर्ष पुराने मुकदमे में, जिसका चन्नी जी या उनके परिवार से कोई लेना-देना भी नहीं, उसके अंदर झूठी संलिप्तता के माध्यम से ये अपने आप में दिखाता है कि बदले की भावना, प्रतिशोध की भावना, गरीबों, दलितों और हिंदुस्तान के इकलौते दलित मुख्यमंत्री के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के मन में धधक रही है।
केस है क्या दोस्तों – केस है कि कांग्रेस की सरकार के समय 7 मार्च, 2018 को एफआईआर नंबर 26, पुलिस स्टेशन- राहों, जिला- नवां शहर में दर्ज होती है, माइनिंग एक्ट के तहत। उसके अंदर चन्नी जी के किसी रिश्तेदार का नाम नहीं। चन्नी जी के परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं। एक व्यक्ति है, जिसका नाम है 34 एक्यूज्ड के अंदर, उसका नाम है कुदरत दीप, चालान पेश हो जाता है। केस मुकदमा चल रहा है, चालान के अंदर कुदरत दीप की भूमिका ही नहीं दिखती। आज ये कहा जा रहा है कि ये कुदरत दीप की दोस्ती या जान-पहचान भूपेन्द्र सिंह हनी नाम के 28 साल के नौजवान से थी। वो नौजवान जो अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस आया है। भूपेन्द्र सिंह हनी, सरदार चरणजीत सिंह चन्नी जी की साली का बेटा है, भतीजा है। पर भूपेन्द्र सिंह हनी जी का तो एफआईआर में कहीं नाम नहीं। मैं आप सब पत्रकार मित्रों को जानता हूं, तो कल आपमें से या मुझमें से अगर कोई जुल्म कर दे, तो क्या आप सब पर भी एफआईआर और ईडी की रेड हो जाएगी? ये कौन सा मापदंड और तरीका नया है?
तो इसलिए जब कुछ नहीं मिला, जब राजनीतिक तौर से सारी चीजें खंगाल ली और एक गरीब, दलित, युवा, पंजाब के मुख्यमंत्री, सरदार चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो इस प्रकार के ऊल-जलूल बेतुके और बचकाने इल्जामाता लेकर भारतीय जनता पार्टी मैदान में आई और साथियों, आजकल खूब नूरा कुश्ती चल रही है, मोदी जी और केजरीवाल जी में। जब 10-15 मिनट के लिए काफिला रुक जाता है प्रधानमंत्री जी का, तो प्रधानमंत्री के डिफेंस में कौन कूदता है, अरविंद केजरीवाल जी महोदय। सबसे पहले चन्नी साहब और उनकी सरकार पर हमलावर हो जाते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मोदी जी के डिफेंस में खड़े हो जाते हैं और आज जब ना चन्नी जी को मालूम था, ना पत्रकारों को मालूम था, ना अखबार नविसों को मालूम था कि ईडी की रेड होगी, तो ईडी की रेड होते ही पहला बयान किसका आया - माननीय अरविंद केजरीवाल जी का। लगता है मोदी जी की आजकल डायरेक्ट हॉटलाइन अरविंद केजरीवाल जी से मिली हुई है। दोनों मिलकर पंजाब में, उत्तराखंड में और गोवा में नूरा कुश्ती खेल रहे हैं। एक नाजायज काम करता है और दूसरा उसे सही बताता है। अगर किसान आंदोलन कर रहे थे, तो फिर उन किसानों के आंदोलन को नाजायज बताकर चन्नी सरकार पर हमलावर अरविंद केजरीवाल होते हैं। आज भी ईडी अगर अनाप-शनाप रेड कर रही है, बेतुकी, बचकानी, बेबुनियाद तो सबसे पहले अरविंद केजरीवाल हमला बोलते हैं। परंतु पंजाब, पंजाबी और पंजाब के हमारे भाई-बहन, तीन करोड़ से अधिक ये जानते हैं कि केजरीवाल जी और मोदी जी की नूरा-कुश्ती के मायने क्या हैं। वो इस झांसे में आने वाले नहीं और मोदी जी एक बात जान लीजिए, कांग्रेस के अनेकों नेताओं पर गुजरात से लेकर और दूर उत्तर-पूर्व तक आपने अनेकों बार ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स और सीबीडीटी इस्तेमाल करके देख ली, परंतु हम ना डरने वाले, ना दबने वाले, ना झुकने वाले।
नरेन्द्र मोदी जी ने हमला बोला है दलितों के अधिकारों पर, दलितों के सम्मान पर, गरीबों के अधिकारों पर। भारतीय जनता पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी को ये हजम नहीं हो रहा कि कैसे एक दलित नौजवान सरदार चरणजीत सिंह चन्नी के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठ गया। परंतु ये जनता है, तीन करोड़ पंजाबी जो फैसला करेंगे, फैसला वही होगा और इसलिए ये जान लीजिए कि किसानों, दलितों, गरीबों, पिछ़ड़ों ने भारतीय जनता पार्टी आपको इन वर्गों ने नकार दिया है और कितना भी आक्रमण करें और सुदृढ़ता से ये सारे इस देश के गरीब, इस देश के कामगार, इस देश के मजदूर, इस देश के किसान, मजबूती और दृढ़ता से सामने खड़े हो जाएंगे।
मैं अब अनुरोध करुंगा पंजाब के प्रभारी और हमारे साथी हरीश चौधरी जी से कि वो अपनी बात कहेंगे और फिर हम आपके सवाल लेंगे।
श्री हरीश चौधरी ने कहा कि पूरा देश जान रहा है, तमाम आप लोगों के मीडिया द्वारा सर्वे एक ही बात का उल्लेख कर रहा है कि सबसे अगर किसी की लोकप्रियता है, सबसे पोपुलर अगर पंजाब में हैं, तो वो चरणजीत सिंह चन्नी हैं। भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी जी की सरकार पंजाब से कितना द्वेषपूर्ण रवैया रखती है, वो भी देश अच्छी तरह से जान रहा है। किसान आंदोलन के वक्त पंजाब और पंजाबियों को दबाने की कोशिश की गई, बदनाम करने की कोशिश की गई। कई तरह के हथियार जो आज हम ईडी के तौर पर देख रहे हैं, वो इस्तेमाल किए गए, पर पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत मजबूती से खड़ी है।
भारतीय जनता पार्टी भूल कर रही है, ये कैप्टन अमरिंदर सिंह जी नहीं हैं, ये चरणजीत सिंह चन्नी जी हैं। ये चरणजीत सिंह चन्नी जी को डराने और मिटाने का प्रयास कर रहे हैं, ये इनकी बड़ी भूल है। चरणजीत सिंह चन्नी मजबूती से पंजाब के लिए खड़े हैं, खड़े रहेंगे। जो 111 दिन की सरकार चरणजीत सिंह चन्नी ने चलाई, उससे ये बौखलाहट बढ़ी। आज कांग्रेस वहाँ सरकार बनाने जा रही है, इसलिए बौखलाहट बनी है। ये आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल और नरेन्द्र मोदी जी की सरकार का जो मिला-जुला, पहले तो पंजाब को बदनाम किया गया कि ये जो पॉल्यूशन हो रहा है, ये पंजाब के किसानों के द्वारा हो रहा है, दिल्ली के अंदर। किसान आंदोलन के अंदर बदनाम किया गया पंजाब को। प्रधानमंत्री जी की जो यात्रा पंजाब में हुई, उसमें पंजाबियों को बदनाम किया गया। चरणजीत सिंह चन्नी की क्या गलती - आज 70,000 कुर्सियां, अगर पंजाबी उन 70,000 कुर्सियों के अंदर 700 आए, तो ये कोई चरणजीत सिंह चन्नी जी की गलती नहीं। वो कुर्सियां भरनी चरणजीत सिंह चन्नी जी की जिम्मेदारी नहीं। एक ऐसा हालात बनाना, जिसमें पंजाब के लोगों के ऊपर लाठी चार्ज कराना और गोलियां चलानी, उसके अंदर चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के साथ खड़े रहे। वो जो पूरा घटनाक्रम हुआ, उसके अंदर निष्पक्ष तौर पर पंजाब के साथ खड़े रहे, ये उनका कोई दोष नहीं।
ईडी द्वारा जो आज रेड की गई, जिस रेड से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर के ऊपर चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस के किसी नेता और कार्यकर्ता का कोई भी जुड़ाव नहीं है। ये फेक रेड जिससे दबाव, कांग्रेस के ऊपर लगातार, कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर केन्द्र सरकार द्वारा दबाव, हां, कुछ नेता हैं, उस दबाव के अंदर भारतीय जनता पार्टी उन्होंने ज्वाइन कर ली है। पर चरणजीत सिंह चन्नी और तमाम कांग्रेस के नेता को कितना भी दबाने की कोशिश करेंगे, मजबूती से पंजाब के साथ खड़े रहेंगे।
आज अरविंद केजरीवाल जी पंजाब के साथ खड़े ना रहकर, भारतीय जनता पार्टी की बी टीम के तौर के पर जो मदद कर रहे हैं, हर वक्त मदद कर रहे हैं, प्रधानमंत्री की यात्रा के संदर्भ में भी उनका पंजाब के साथ खड़े नहीं रहना उनका एक दुर्भाग्यपूर्ण उनका स्टैंड था। आज भी जो फेक रेड, जो नया हथियार नहीं है भारतीय जनता पार्टी का, शरद पवार के सामने इस हथियार का उपयोग हुआ। ममता बनर्जी के सामने इस हथियार का उपयोग हुआ। अखिलेश यादव के सामने इस हथियार का उपयोग हो रहा है। पंजाब के लोग बहुत जागरुक हैं। आने वाले चुनाव के अंदर केन्द्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी, अरविंद केजरीवाल और इनके गठबंधन को मजबूती से जवाब देंगे, चुनाव में मत के माध्यम से। ये मैं कहना चाहता हूं। कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी जी के साथ में है, कांग्रेस पंजाब के साथ में है, कांग्रेस पंजाबियत के साथ खड़ी है, मजबूती से खड़ी रहेगी।
एक प्रश्न पर कि प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे को लेकर जो विवाद हुआ था, क्या यह उसी का बदला है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि जैसा मेरे सहयोगी हरीश जी कह रहे थे, मोदी सरकार और केजरीवाल जी मिलकर पंजाब पर लांछन लगा रहे हैं। मोदी सरकार और केजरीवाल जी पंजाब को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। क्या यह सही नहीं कि 380 दिन जब किसान आंदोलन चला, तो पंजाब के हरियाणा के हमारे किसान भाईयों को कभी भाजपा के लोग नक्सलवादी बताते थे, कभी उग्रवादी बताते थे, कभी देशद्रोही बताते थे, कभी अराजक तत्व बताते थे? एक तरफ हमें देशद्रोही बताते थे और दूसरी तरफ शाम को हमसे वार्तालाप का स्वांग भी करते थे, ये क्या था? क्या यह सही नहीं कि हर बार जब दिल्ली में पोल्यूशन बढ़ता है औऱ आप सब दिखाते हैं, तो हर बार हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान के ऊपर ये लोग इल्ज़ाम लगाते हैं? ये लगातार साज़िश कर रहे हैं। पंजाब और पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने की इसी प्रकार से जब दस मिनट के लिए प्रधानमंत्री जी का काफ़िला रुका तो भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने पंजाब के लोगों को खालिस्तानी कह दिया, क्या किसी ने रोका? और आज फिर इलेक्शन डिपार्टमेंट, ईडी के माध्यम से ये आक्रमण सरदार चरणजीत सिंह चन्नी पर नहीं, ये हमला पंजाब, पंजाबियत पर है, 3 करोड़ पंजाबियों पर है। ये पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत की अणख को, उनके स्वाभिमान को भाजपा चुनौती दे रही है और हर बार जब उस पर हमला बोला गया है, तो पंजाब के लोगों ने करारा जवाब दिया है। इस वार भी वोट की चोट से देंगे।
एक अन्य प्रश्न पर कि अन्य अपोजीशन पार्टियाँ आपके समर्थन में क्यों नहीं आ रही हैं? श्री सुरजेवाला ने कहा कि ये सवाल है ही नहीं और दूसरी तरफ, दलित, किसान गरीब, पिछड़े पंजाबी भाई हैं। अब ये निर्णय कौन, कहाँ- कहाँ करता है, मैं तो इसका निर्णय नहीं कर सकता, पर ये लड़ाई बिल्कुल साफ है, एक तरफ मोदी और केजरीवाल हैं, जो हमलावर हैं। प्रजातंत्र पर हमला बोल रहे हैं, स्वांग रच रहे हैं, फेक रेड्स कर रहे हैं और दूसरी तरफ, पंजाब और देश का किसान, दलित, पिछड़ा और गरीब खड़ा है और ये लड़ाई बहुमत जीतेगा, क्योंकि वोट की चोट जिस दिन गरीब मारता है न, उस दिन सत्ता में बैठे हुए लोग अपनी अट्टालिकाओं से फर्श के ऊपर आ जाते हैं।
एक अन्य प्रश्न पर कि क्या चन्नी जी ही पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए कैंडिडेट होंगे, श्री हरीश चौधरी ने कहा कि ये सवाल ही चीफ मिनिस्टर कैंडिडेट का नहीं है। आज सवाल ये है कि क्या भारत सरकार, भारतीय जनता पार्टी और अरविंद केजरीवाल इस तरह का कृत्य करके पंजाब को दबा सकते हैं, या चरणजीत सिंह चन्नी को दबा सकते हैं- उत्तर ये है, न हीं तो पंजाब को दबा सकते है, न हीं चरणजीत सिंह चन्नी को दबा सकते हैं। ये मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, कौन सरकार बनाएगा, ये सब गौंण है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पंजाब को कोई दबा सकता है? इतिहास गवाह है पंजाब को किसी ने दबाया नहीं है। ये सोच कि पंजाब को दबा देंगे, उनकी सोच गलत है।
पंजाब में मुख्यमंत्री प्रत्याशी को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि एक हरियाणा की कहावत है, राजस्थान की भी और उसे पंजाब में भी कहा जा सकता है, ‘घर की बही, कहा- कहा लिखड़ियां’, अगर आप समझ पाएं तो। खड़ी बोली की है, ‘घर की बही, कहा- कहा लिखड़ियां’। किसने वोट डाली, भईया? कहाँ वोट पड़ी? कौन सा इलेक्शन कमीशन था? किसने उन वोटों की गिनती की? आप अपने घर में कुछ भी लिख लीजिए। उसके मायने क्या हैं? वोट डालेंगे, ये एक बार फिर पंजाब के लोगों की बुद्धिमत्ता, उनके शौर्य, उनकी बहादुरी, उनकी अक्ल, उनके गुण का अपमान कर रहे हैं। क्या केजरीवाल जी नहीं जानते कि वोट केवल 20 फरवरी को पड़ने हैं और 20 फरवरी को पंजाब के 3 करोड़ से अधिक लोग निर्णय करेंगे कि कौन पंजाब की अगवाई करेगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि आज हम एक बहुत महत्वपूर्ण विषय लेकर आपके बीच में आए हैं। आज जो पर्दे के पीछे का सच था, वो पर्दे के बाहर आ गया है। जो नूरा-कुश्ती आँखों ही आँखों में इशारा होकर चलती थी, बीजेपी और केजरीवाल जी के बीच में, आज वो सामने आ गई। आज पंजाब पर हमला बोला जा रहा है। आज पंजाबियों पर हमला बोला जा रहा है। आज पंजाबियत पर हमला बोला जा रहा है। आज पंजाब के स्वाभिमान पर हमला बोला जा रहा है। आज पंजाब के दलित और गरीब पर हमला बोला जा रहा है। आज फर्जी ईडी की रेड से नरेन्द्र मोदी जी और केजरीवाल जी ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पंजाब के लोग खुद सोच नहीं सकते। पर वे यह भूल गए कि पंजाब ने इस देश की रक्षा की है, हमेशा। पंजाब ने हमेशा देश पर हुए हर आक्रमण को अपनी छाती पर सहा है और जो जयचंद बनकर पीठ पर वार करते हैं, उनको भी जवाब दिया है। महाराजा रणजीत सिंह से लेकर आज तक की तारीख इस बात की गवाह है, इसलिए इस प्रकार से पंजाब पर आक्रमण, पंजाब के स्वाभिमान पर हुए हमले का, पंजाब के दलित और गरीब पर हमले का, पंजाब का वोटर जवाब देगा, बाकि सब मुद्दे गौंण हैं।
एक अन्य प्रश्न पर कि आपने कैसे कहा कि भाजपा दलित विरोधी है, जबकि संक्रांति के अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री, योदी आदित्यनाथ जी ने एक दलित के घर पर खाना खाया, जिसकी वीडियो भी वायरल हुई है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा का डीएनए ही गरीब विरोधी है, दलित विरोधी है, पिछड़ा विरोधी है। याद करिए, यही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मुसहर समाज के हमारे भाई-बहनों को, जो उन्हें मिलने गए थे, मिलने से इंकार कर दिया, कहा इन्हें साबुन से नहलाओ, इत्र छिड़को, फिर मैं मिलूँगा। ये वही आदित्यनाथ हैं। वहीं भाजपा के एक और कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे, जब दलित के घर में गए तो खाना फाइव स्टार होटल से मंगवाकर खाया। ये वही लोग हैं, जिनके हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुरु रविदास जी की जयंती पर अपनी ही पार्टी के दलित विधायक को मंच पर से बेइज्जत करके निकाला और वो रोते हुए गए। हर प्रांत में देख लीजिए। गरीबों पर आक्रमण, दलितों के अधिकारों पर हमला, दलित आरक्षण पर हमला, दलितों की अस्मत पर हमला, दलितों के संरक्षण वाले कानून को खत्म करने की साजिश, ये इनका तरीका रहा है, क्योंकि ये एक बार फिर 5 हजार साल पुरानी मानसिकता को, जहाँ इंसान और इंसान में जाति और धर्म के ऊपर मतभेद था, उसे लागू करना चाहते हैं।
पंजाब में मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि आज हम और ज्यादा गंभीर विषय लेकर आपके बीच में उपस्थित हैं। किसका व्यक्तिगत आचरण किस प्रकार का है, वो आप मुझसे बेहतर आप जानते हैं, क्योंकि आपकी पैनी नजर और कैमरे से कोई बच नहीं सकता, इसलिए कौन क्या कह रहा है, ये रेलिवेंट नहीं। किसका आचरण क्या है, कौन पंजाब में किस बात के लिए जाना जाता है, ये सब जानते हैं, इसलिए मैं उस पर आज टिप्पणी करके इस पत्रकार वार्ता की गंभीरता को कम नहीं करूँगा।
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