महिलाओं की छवि धूमिल करना ग़लत | Bulli Bai…
महिलाओं की छवि धूमिल करना ग़लत
- डॉक्टर दिव्या तंवर
साइबर विशेषज्ञ व निदेशक, संस्कृति यूनिवर्सिटी
यह एक सवाल जो अक्सर मुझे परेशान कर देता है की शायद महिलाएं “अभी भी सुरक्षित नहीं है “चाहे वो किसी भी वर्ग , जाति , धर्म या अपने समुदाय में सबसे प्रतिष्ठित हो एक असुरक्षा की भावना हमेशा उनको घेरे रहेंगी और इस इंटरनेट की दुनिया में तो शायद ये और भी आसान हो गया है की किसी की भी प्रतिष्ठा विशेषकर महिलाओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करना शायद एक कंप्यूटर पर एक क्लिक जितना आसान हो गया है अब कोई भी आपके पर्सनल फोटोग्राफ से लेकर आपकी व्यक्तिगत जानकारियां किसी भी भद्दे से टैग के द्वारा आपको किसी भी प्लेटफार्म पर दिखा सकता है , प्रकाशित कर सकता है और शायद आपकी बोली भी लगा सकता है
' Bulli Bai App' जिसपर मुस्लिम महिलाओं की फोटो डाल 'Deal Of The Day ' बता उन्हें बेचा जा रहा था एक बहुत ही भयानक और वीभत्स तस्वीर इस हाइटेक ,मॉडर्न और असंवेदनशील सोशल मीडिया की दुनिया को बयान करता है Bulli Bai ऐप को कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की नीलामी करते हुए पाया गया था, कुछ महीनों बाद कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने इसी तरह का ऐप 'सुल्ली डील' बनाया, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड और नीलाम की गईं।
गौरतलब बात यह है ये न तो अनजाने में किया गया अपराध है ,ना ये किसी परिस्थिति विशेष मैं उत्पन्न कोई भावना है और ना ही किसी गुस्से में लिया हुआ कोई कदम है ,यह शायद बहुत सोचा समझा तैयारी के साथ करा हुआ अपराध है , दुर्भाग्यवश, यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की घटना हुई है । पिछले साल सुली डील्स नाम से एक ऐसी ही घटना हुई थी, जिससे इंटरनेट में हड़कंप मच गया था । सली सौदों के विवाद में भी भारतीय मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें नीलामी पर लगाई गई थीं। आमतौर पे देखा जाए तो मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ' बुल्ली ' और ' सुली ' दोनों ही अपमानजनक शब्द हैं । यह एक समुदाय विशेष यह एक धर्म का मामला नहीं है एक मानसिकता है जो ऐसे अपराधों के पीछे काम करती है
क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया जाता है और 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता है। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'Deal Of The Day' के रूप में पेश करता है। घटना में, सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का दुरुपयोग किया गया |बीते शनिवार को एक महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) पर अपनी बेची जा रही तस्वीर को 'डील ऑफ द डे' बताकर शेयर किया। पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, "यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।" महिला पत्रकार की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पर सवाल अभी भी यही है की हम सुरक्षित नहीं है क्या है वो पुरुषों या महिला ,अपने स्वार्थों के लिए लोग आपकी निजी जानकारीयों को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं शायद आगे भी करते आएँगे ये एक घिनौना सच है डार्क नेट का |
ऐसी घटनाओं में साइबर अपराधी लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्रिटीज, प्रभावित, पत्रकारों आदि की तस्वीरें इंटरनेट से उठाकर उनके वित्तीय लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं।ये ऑनलाइन स्कैमर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इन महिलाओं की फोटो चुराकर प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करते हैं।
फिलहाल बुल्ली बाई ऐप मामले में दो छात्रों को मुंबई से और एक बेंगलुरु से हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा इससे पहले आज इस मामले में उत्तराखंड की एक महिला को भी हिरासत में लिया गया था। इसमें शामिल आरोपियों ने @bullibai_, @sage0x11, @jatlhalsa7, @wannabesigmaf, जटखालसा, @sikh_khalsa11 जैसे नामों से ट्विटर हैंडल बनाए थे और इन हैंडल्स का इस्तेमाल बुलीबाई ऐप से ट्विटर पर कंटेंट शेयर करने के लिए किया जा रहा था।
हालांकि बुल्ली बाई ऐप विवाद ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है, लेकिन इसमें बहुत कुछ है । इस तरह की घटनाओं का मतलब है कि महिलाएं चाहे किसी भी धर्म की हो इंटरनेट की दुनिया में असुरक्षित है |अगर मैं ये कहूं कि आप अपने फोटोग्राफ अपलोड न करें ,अपनी प्रोफाइल पिक को हमेशा लॉक करें, किसी भी अनजान आदमी से बातें न करें और अपनी पर्सनल इन्फॉर्मेशन हमेशा सोच समझ के शेयर करे तो शायद कुछ ज्यादा होगा क्योंकि इतना सब कुछ करने के बाद भी महिला सुरक्षित तो नहीं है | "अक्सर महिलाओं को सोशल मीडिया से अपनी तस्वीरें हटाने और छिपाने के लिए कहा जाता है । मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने की ऐसी कोशिशों के बाद कई महिलाओं के लिए अपना पक्ष रखना मुश्किल हो जाएगा ।
एक बहुत बड़ा सवाल है जो हमारे समाज ,अपने आसपास के लोगों और इस मौलिक ढांचे पर .और ये शायद पूछना गलत नहीं होगा कि हम कब इन मानसिकताओं से स्वतंत्र हो पाएंगे ?
ना तो महिलाएं खरीदने और बेचने की चीज़ है ,न ही वो एक वस्तु है जिसकों आप किसी टैग लाइन से उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकते हे |
व्याख्या: यह लेखक के निजी विचार हैं। लेख प्रकाशित हो चुका है। कोई बदलाव नहीं किया गया है। वतन समाचार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वतन समाचार सत्य या किसी भी प्रकार की किसी भी जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही वतन समाचार किसी भी तरह से इसकी पुष्टि करता है।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.