मध्यप्रदेश में "मेरा गांव, मेरा तीर्थ" किया गया लागू। जानिए विस्तार से
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 4 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में एक जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मध्य प्रदेश के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इसी के साथ मध्य प्रदेश और दिल्ली की जनता भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनने आई थी।
इस आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "मेरा गांव मेरा तीर्थ" पर प्रकाश डाला। इसी के साथ जनसभा संबोधन में उन्होंने कुपोषण जैसे मुद्दों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उनका कहना है कि कुपोषण को लेकर बहुत से कदम उठाए गए हैं, परंतु जितने भी कदम उठाए गए हैं अभी वह काफी नहीं है और हमें चाहिए कि कुपोषण से लड़ने और देश को इससे बचाने के लिए हमें और मेहनत करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होते हुए एक भी बच्चा कुपोषण का शिकार नहीं हो पाएगा। वहीं उन्होंने किसानों की बात रखते हुए कहा कि किसानों ने इस मुद्दे पर काम करना भी शुरू कर दिया है। वह अपना थोड़ा अनाज आंगनवाड़ी को भी दे देते हैं। जिससे कुपोषित बच्चों की मदद हो जाती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में लोग सहयोग के साथ रहे। उनका मानना है कि अगर किसी एक गांव में किसी एक बेटी की शादी है तो सारे लोग सहयोग करके उस बेटी की शादी करें। वहीं अगर किसी गांव में किसी बच्चे में कौशल दिखे तो उसे सहयोग के साथ आगे बढ़ने में मदद करें।
मेरा गांव मेरा तीर्थ पर प्रकाश डालते हुए इसके अंतर्गत उन्होंने कहा कि हर एक इंसान को गांव को साफ और स्वच्छ रखने में योगदान देना चाहिए। जरूरी नहीं कि किसी एक गांव के विकास के लिए आप किसी ओहदे पर हों। आप एक आम नागरिक होकर भी अपने गांव को स्वच्छ एवं स्वस्थ रख सकते हैं। अगर आप एक दूसरे का सहयोग करें तो यह काम और आसान हो जाएगा।
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यही चाहते हैं तथा उनकी भी मंशा है जनभागीदारी। यानी किसी एक मुद्दे पर लोग आपस में सहयोग करें और उसे विकास की ओर ले चलें।
आंकड़े और कानून बताते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “बीते समय में कुल 950 कानून वापस लिए गए हैं ऐसे कानून जो जनता के हित में थे, परंतु बहुत जटिल थे।” उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रमाण पत्र भी बनाना हो तो उसके लिए गजेटेड ऑफिसर के हस्ताक्षर की जरूरत होती थी परंतु अब हमने उसे बदल दिया है।
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