नई दिल्ली, 9 मई, 2021: एक तरफ जहां मुसलमानों के तमाम धड़े इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि मुसलमान ईद की नमाज़ घर में अदा करें ताकि रोगी मीडिया को मुसलमानों को ईद के दिन बदनाम करने और उनको विलन बनाने का मौक़ा न मिले वहीं दिल्ली एआईएमआईएम के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ मुसलमानों को सड़कों पर उतारने के लिए आमादा हैं और वह दिल्ली सरकार के फैसले को हिन्दू मुस्लिम से जोड़ कर देख रहे हैं.
ज्ञात रहे कि एआईएमआईएम पर आरोप लगता रहा है कि वह बीजेपी के लिए काम करती है. इन आरोपों के बीच दिल्ली एआईएमआईएम को मुखिया कालीमुल हफ़ीज़ ने कहा है कि एक ओर दिल्ली सरकार यह दावा कर रही है दिल्ली में करोना के मामले घट रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन को ना केवल बढ़ाया गया है बल्कि और भी ज्यादा सख्त किया जा रहा है। आज मेट्रो रेल सेवाओं को भी बंद कर दिया । इसका उद्देश्य ईद के दौरान मुसलमानों को परेशान करने के अलावा कुछ नहीं है।
केजरीवाल सरकार की पॉलिसी में मुस्लिम विरोधी सोच दिखाई देती है । इसका मतलब इसके अलावा कुछ नहीं है कि या तो सरकार झूठे दावे कर रही है या मुसलमानों को परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि दिल्ली सरकार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। मसले का हल निकालना चाहिए।
कलीमुल हफ़ीज़ ने दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मांग की कि अब जब महामहिम को सरकार का पद मिल गया है, उन्हें इमामों के वेतन के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और वेतन का भुगतान करने का आदेश जारी करना चाहिए और तुरंत वक़्फ़ बोर्ड के इमामों को वेतन मिलना चाहिए. कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा लॉकडाउन को भी पूर्व की तरह रखा जाना चाहिए जैसा कि पिछले दो से तीन हफ्तों से है। मेट्रो रेल को बंद नहीं किया जाना चाहिए। ट्रांसपोर्ट को जारी रखा जाना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकें।
कलीमुल हफ़ीज़ ने लोगों से भी अपील की कि वे कोरोना दिशा निर्देश का पालन करें और अनावश्यक रूप से बाहर ना निकले।
उन्हों ने कहा कि पिछले लगभग डेढ़ साल से दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के लगभग 1700 प्राइवेट इमामों और मुअज्जिनों को वेतन नही दिया गया है , वक़्फ़ बोर्ड की मस्जिदों के 300 इमाम और मुअज्जिन छह महीने से वेतन से वंचित है और तीन महीनों से दिल्ली वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की सैलेरी नही दी गयी है। जिसकी वजह से यह सब भुकमरी का साममा कर रहे है, और अगर इन सब लोगों का वेतन नहीं दिया गया और इस सिलसिले में कोई कदम नहीं उठाया गया तो दिल्ली मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली सरकार का घेराव करेगी आंदोलन करेगी और तमाम संवैधानिक रास्ते अपना आएगी इतने सारे कर्मचारी इमाम भुखमरी का सामना कर रहे हैं और सरकार ने आंखें बंद कर रखी है यह चेतावनी दिल्ली मजलिस के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने दी है
मजलिस अध्यक्ष ने कहा मस्जिदों के इमाम सम्मानजनक है वह अपने बारे में किसी से कुछ कहने में भी संकोच करते हैं समय पर वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी है। एक तरफ, सरकार श्रमिकों और ऑटो चालकों को 5,000 रुपये देने का वादा कर रही है। 10 लाख लोगों को खाना खिलाने का दावा कर रही है और सरकारी विज्ञापनों पर हजारों करोड़ खर्च किए जा रहे हैं और दूसरी ओर इमामों और मुअज़्ज़िनों के वेतन को रोका जा रहा है। जब की इन के वेतन का बजट भी पास हो चुका है केवल फाइलों को पास करने में इतना समय लिया जा रहा है।यह दुखद है।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा पहले कहा जा रहा था दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन नहीं है अब चेयरमैन भी बने हुए कई महीने गुजर चुके हैं फिर क्या समस्या है? दिल्ली सरकार अनुदान क्यों जारी नहीं कर रही है?
दिल्ली मजलिस अध्यक्ष ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा बड़े ताज्जुब की बात है दिल्ली के मुस्लिम विधायक भी चुप्पी साधे हुए हैं अब तो ईद में कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए इमामों के वेतन का भुगतान तत्काल किया जाना चाहिए जिससे वे अपनी ज़रूरत की चीजें खरीद सकें।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा अगर मजलिस की मांग नहीं मानी गई और मस्जिदों के इमामो को वेतन जारी नहीं किया गया तो मजलिस दिल्ली सरकार का घेराव करने सहित आंदोलन के साथ-साथ सभी संवैधानिक कदम उठाएगी।
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