नयी दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर अब बीजेपी पूरी तरह से बैक फुट पर है और कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेल रही है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान ने कांग्रेस के लिए जीवन घूंटी का काम किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार और रिलायंस कंपनी के मालिक अनिल अंबानी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इन्होंने भारतीय शहीदों का अपमान किया है.
राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी ने संयुक्त रूप से रक्षा बलों पर एक लाख 30 हजार करोड़ की 'सर्जिकल स्ट्राइक' की है. प्रधानमंत्री मोदी आप ने हमारे जवानों की शहादत का अपमान किया, आपने भारत की आत्मा से धोखा किया है.'
The PM and Anil Ambani jointly carried out a One Hundred & Thirty Thousand Crore, SURGICAL STRIKE on the Indian Defence forces. Modi Ji you dishonoured the blood of our martyred soldiers. Shame on you. You betrayed India's soul. #Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2018
ज्ञात रहे कि राफेल सौदे में एक फ्रेंच मीडिया ने कथित तौर पर पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि अरबों डॉलर के इस सौदे में भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को दसॉ एविएशन का साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था.
पीटीआई-भाषा के अनुसार ओलांद की टिप्पणी इस मामले में भारत सरकार के रुख से इतर है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कल (शुक्रवार) रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान कि भारत सरकार ने एक खास संस्था को राफेल में दसॉ एविएशन का साझीदार बनाने के लिए जोर दिया, की पुष्टि की जा रही है.' प्रवक्ता ने 'यह भी कहा, एक बार फिर इस बात को जोर देकर कहा जा रहा है कि इस वाणिज्यिक फैसले में न तो सरकार और न ही फ्रांसीसी सरकार की कोई भूमिका थी.'
विपक्ष के हाथ लड्डू
विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले और तेज कर दिए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया. फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया.' उन्होंने हमारे सैनिकों के लहू का अपमान किया है.' हालांकि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद फ्रांस सरकार और दसॉल्ट एविएशन का विरोधाभासी बयान सामने आया है. फ्रांस सरकार ने यह बयान शुक्रवार रात पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस बयान के बाद जारी किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत सरकार ने राफेल सौदे के लिए एक निजी कंपनी का नाम सुझाया था. फ्रांस सरकार ने कहा कि इस सौदे के लिए भारतीय औद्योगिक साझेदारों को चुनने में फ्रांस सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.
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