प्रधानमंत्री की सुरक्षा: अब मैदान में कूदे पूर्व गृह सचिव, पढ़िये उनकी राय
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए अकेली पंजाब पुलिस जिम्मेदार नहीं है. इसके लिए एसपीजी और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) भी जिम्मेदार है. पिल्लई ने कहा, हर किसी की ओर से यह चूक है. सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी का 100 किमी का सफर सड़क के रास्ते जाना गलत सलाह थी. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा, सड़क जाम होने के बाद काफिले को रोक दिया जाता और उसे वापस ले जाया जाता. लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया.
उन्होंने कहा, ब्लू बुक में साफ लिखा है कि राज्य पुलिस की रास्ता खुला रखने की जिम्मेदारी है. जब पीएम यात्रा करते हैं, तब पायलट वाहन एक किमी आगे चलता है. अगर पायलट वाहन ने सड़क जाम देखी थी, तो उसे पीएम के काफिले और एसपीजी को इसकी जानकारी देनी थी.
पीएम को सेफ हाउस ले जाना चाहिए था- पिल्लई
प्रधानमंत्री मोदी की सिक्योरिटी में हुई खामी की खबरों के बाद पूर्व गृह सचिव पिल्लई ने भी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि अकेले पंजाब पुलिस को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो को और अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के सड़क मार्ग को 100 किलोमीटर लंबा करना यह भी सही नहीं था और सलाह गलत थी.
दरअसल, पीएम मोदी बुधवार को पंजाब दौरे पर गए थे. यहां सड़क के रास्ते हुसैनीवाला जाते वक्त कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक लिया था. इसके बाद पीएम मोदी का काफिला यहां 15-20 मिनट रुका रहा. इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक बताई जा रही है. इसे लेकर गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय का कहना है कि पंजाब पुलिस ने ब्लू बुक का पालन नहीं किया.
बीजेपी ने इसे कांग्रेस की साजिश बताते हुए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर सवाल उठाए हैं. उधर, कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी की रैली में भीड़ नहीं थी, इसी से ध्यान भटकाने के लिए ये सब किया गया. उधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में सीएम चन्नी से कार्रवाई करने की मांग की है. सीएम चन्नी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है.
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होने पर पंजाब पुलिस के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. खास बात ये है कि पीएम मोदी के काफिले के साथ ये दोनों अधिकारी शामिल नहीं हुए थे. इसके अलावा फ्लाईओवर पर जो पुलिस तैनात थी, वह किसी एक्शन की बजाय मूकदर्शक बनी नजर आ रही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र से इस मामले की जांच के लिए संयुक्त कमेटी बनाने की सिफारिश की. दरअसल, केंद्र और पंजाब सरकार ने सुनवाई के दौरान एक दूसरे की जांच कमेटी पर सवाल उठाए.
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