Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

प्रधान सेवक जी वाइट पोलिश से अब काम नहीं चलने वाला

By: Administrators
TARIQ ANWAR MP (LS) & FORMER UNION MINISTER

तारिक़ अनवर

ईमेल: tariqanwarindia@gmail.com


दिल्ली के आर्कबिशप के एक पत्र ने राजनैतिक विवाद का रूप अख्तियार कर लिया है. आर्कबिशप ने अपने पत्र में देश की धर्मनिरपेक्षता को खतरे में बताया है जिस पर आरएसएस  और BJP चरागपा हैं.

 

पत्र में इस संबंध में एक प्रार्थना अभियान चलाने की भी बात कही गई है. साथ ही सप्ताह में एक दिन देश की खातिर उपवास रखने को भी बोला गया है. पत्र के साथ एक प्रार्थना भेजी गई है जिसे प्रत्येक रविवार सामूहिक प्रार्थना सभा में पढ़े जाने की बात है.

 

प्रार्थना इस प्रकार है, ‘परमात्मा करे कि हमारे चुनाव पर पूरे सम्मान के साथ वास्तविक लोकतंत्र की परछाई बनी रहे, ईमानदार देशभक्ति की लौ हमारे राजनेताओं की अंतरात्मा को प्रकाशित करे. जब बादलों ने सच, न्याय तथा स्वतंत्रता की रोशनी को ढक लिया है, तब परमात्मा से इस मुश्किल घड़ी में, यही हमारी पुकार है.’

 

अहम बात यह है कि आर्कबिशप के  इस स्टेटमेंट की गहराई में सरकार जाने के बजाय उस की लीपापोती करके उसे बे-माना करना चाहती है, लेकिन बात निकली है तो बहुत दूर तलक जाए गी. अब बात लीपापोती से काफी आगे बढ़ चुकी है. देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में यह चर्चा है और न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर दुनिया के बड़े-बड़े अखबार इस बात को तेजी से उठा रहे हैं कि “भारत में अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि दलित आदिवासी पिछड़े लोग सुरक्षित नहीं हैं, अगर आर्कबिशप ने यह कहा है कि लोकतंत्र खतरे में है माहौल ठीक नहीं है और हम लोग एक डरावने माहौल के गवाह बन रहे हैं तो मेरे ख्याल में इसमें उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही है.

 


लिखा है, ‘देश तथा राजनेताओं के लिए हमेशा प्रार्थना करना हमारी प्रतिष्ठित परंपरा है, लेकिन आम चुनाव की ओर बढ़ते हुए यह और भी ज़रूरी हो जाता है. अब जब हम 2019 की ओर देखते हैं, जब हमारे पास नई सरकार होगी, तो आइए हम देश के लिए 13-मई से शुरू करते हैं एक प्रार्थना अभियान…’ 

 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने 8 मई को दिल्ली के सभी चर्चों के नाम एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने देश में अशांत राजनैतिक वातावरण की बात करते हुए लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को खतरे में बताया है.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, पत्र में लिखा है, ‘हम एक अशांत राजनैतिक वातावरण देख रहे हैं जो हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों तथा हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के लिए खतरा है.’

 

 

 

इस पर भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा है, ‘जातियों और संप्रदायों को उकसाने की कोशिश करना गलत है. आप उन्हें बता सकते हैं कि सही प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में वोट करें, लेकिन ऐसा सुझाव देना कि किसी एक पार्टी को वोट दें और दूसरी को नहीं. बावजूद इसके खुद को धर्मनिरपेक्ष की संज्ञा देना दुर्भाग्यपूर्ण है.’

 

 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत में मजहब की बुनियाद पर कोई भेदभाव नहीं होता है और सभी लोग सुरक्षित हैं. वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मजहब के आधार पर बात ना करने की बात कही है, और केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने  मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री धर्म और जाति से परे बिना भेदभाव सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं. हम आर्कबिशप को केवल प्रगतिशील सोच रखने के लिए कह सकते हैं.

 

 

आर्कबिशप ने वही कहा है जिस को आज 125 करोड़ भारत-वासी महसूस कर रहे हैं. उसमें से कुछ लोग बोल रहे हैं और कुछ लोगों की जुबान पर ताला लगा दिया गया है. वह चाहकर भी नहीं बोल पा रहे हैं.

 

 वैसे भी मोदी सरकार को नंबर दिए जाने के सवाल पर मुरली मनोहर जोशी जी ने कहा है कि नंबर तो उसे मिलते हैं जिस ने कॉपी में कुछ लिखा हो. सरकार खुद फैसला करे वह कहाँ खड़ी है.

 

 अगर सरकार यह सोचती है कि वह वाइट पॉलिश करके चीजों को छुपा लेगी तो मेरे ख्याल से अब बात इस से बहुत आगे तक जा चुकी है सरकार को इस समत में कड़े फैसले लेने होंगे. सिर्फ लफ्जों की बाजीगरी सबका साथ सबका विकास के बजाय अब जमीन पर भी यह नजर आना होगा कि वाकई में सबका साथ सबका विकास हो रहा है, अन्यथा यह भी एक जुमला ही समझा जाएगा और यह अब तक एक जुमला ही सिद्ध हुआ है.

 

 सरकार को फादर के इस बयान की गहराई में जाना चाहिए और देश के वातावरण को सबके लिए सुरक्षित बनाते हुए लोकतंत्र पर जिस तरह के हमले सरकार खुद कर रही है उसे बाज़ आना चाहिए. अगर सरकार का दावा दुरुस्त है तो सरकार को यह बताना चाहिए कि दादरी से लेकर झारखंड साउथ के कई राज्यों, उत्तर प्रदेश में कई जगहों, हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों में दलितों आदिवासियों पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खून की होली हर रोज क्यों खेली जा रही है.

 

 क्यों चर्चों को निशाना बनाया जा रहा है. बेटियों की आबरू लूटी जा रही है और अब तो यह खबर प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से आई है कि “बनारस कि इस पवित्र सरजमीन पर भी भाजपा के एक नेता पर आरोप है कि उसने एक बिटिया को अपनी हवस का शिकार बनाया है. आखिर जब सब कुछ बेहतर है तो क्या यह अमर परेम है.

 


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति वतन समाचार उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार वतन समाचार के नहीं हैं, तथा वतन समाचार उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.


ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.