लेकिन सलमान खुर्शीद से लेकर राशिद अल्वी मोहम्मद मुक़ीम बेगम नूर बानो नसीब पठान जैसे मुस्लिम नेताओं को सूची में जगह देकर के युवा मुस्लिम नेतृत्व को समितियों से दूर रखना अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि जानकारों का मानना है कि यह नेता वह हैं जो अपने समय में भी प्रभाव डालने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और इनमें से अक्सर का जनता से सीधे कोई संवाद नहीं रहा है। अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी इस दिशा में क्या कदम उठाती है? वैसे भी सलमान खुर्शीद को ले करके यह कहावत मशहूर है "मांगा था मुसलमान दे दिया सलमान"।
आरपीएन सिंह और जितिन प्रसाद समेत कई बड़े नामों का उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए जारी की गई विभिन्न कमेटियों की सूची में ना आने के बाद मीडिया में बहुत सारे सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। एक तरफ तो यह कहा जा रहा है कि यह आरपीएन सिंह और जितिन प्रसाद जैसे उन नेताओं को सबक सिखाने के लिए किया गया है और इस तरह की सूची जारी की गई है, ताकि उन्हें यह संदेश दिया जा सके कि जो नेता गांधी परिवार में आस्था नहीं रखते हैं, उन्हें ऐसे ही सबक सिखाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ से यह खबर भी आ रही है कि यह सूची इसलिए जारी की गई है, ताकि मीडिया में सुर्खियां बटोरी जा सके और कुछ दिनों तक कांग्रेस की चर्चा होती रहे कि कांग्रेस ने सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं को सबक सिखाने का काम किया है या मोदी पर टिप्पणी ना करने कि राहुल गांधी को सलाह देने वाले नेताओं को सबक सिखाने का काम किया गया है।
इन सबके बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और UP कांग्रेस कमेटी की इंचार्ज पार्टी की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद जितिन से बात की है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और कई समीतियों की सूची जारी की जाएगी, जिस में किसी एक की कमान जितिन प्रसाद को दी जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि कैंपेन कमेटी की कमान जितिन प्रसाद को सौंपी जा सकती है जबकि RPN सिंह को किसी और समिति में रखा जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने जितिन प्रसाद को भरोसा दिया है कि वह परेशान ना हो। वह एक जमीनी नेता हैं। पार्टी उनके महत्व को समझती है। वह खुद सांसद रहे हैं। केंद्र में मंत्री रहे हैं, इस लिए उन्हें चिंता की कोई जरूरत नहीं है। पार्टी समय पर उनका उपयोग करेगी और आने वाले दिनों में उनको कैंपेन कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है। कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि आर पी एन सिंह को भी किसी कमेटी में डाला जा सकता है और आने वाले दिनों में इसका एलान होने की संभावना है।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश को लेकर के काफी चिंतित है और वह अपने आप को यूपी में पुनः स्थापित करने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन सलमान खुर्शीद से लेकर राशिद अल्वी मोहम्मद मुक़ीम बेगम नूर बानो नसीब पठान जैसे मुस्लिम नेताओं को सूची में जगह देकर के युवा मुस्लिम नेतृत्व को समितियों से दूर रखना अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि जानकारों का मानना है कि यह नेता वह हैं जो अपने समय में भी प्रभाव डालने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और इनमें से अक्सर का जनता से सीधे कोई संवाद नहीं रहा है। अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी इस दिशा में क्या कदम उठाती है? वैसे भी सलमान खुर्शीद को ले करके यह कहावत मशहूर है "मांगा था मुसलमान दे दिया सलमान"।
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