मीडिया के प्रोपेगेंडे को गलत साबित करते हुए उद्धव ने दमदार बहुमत सदन में साबित किया
Proving the propaganda of the media wrong, Uddhav proved a strong majority in the House
महाराष्ट्र की नई नवेली उद्धव सरकार ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. इसके साथ ही शंकाओं के सारे बादल छट गए हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि वह 5 साल तक एक स्थिर और मजबूत सरकार महाराष्ट्र के विकास के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सहयोग से देगी. उद्धव सरकार के फ्लोर टेस्ट पास होने के साथ ही मीडिया के उस प्रोपेगेंडे पर भी विराम लग गया है जिस में इस बात को तेजी से प्रचारित किया जा रहा था कि सरकार गर्चे फ्लोर टेस्ट पास कर ले लेकिन वह WE ARE 162 के आंकड़े को नहीं पार कर सकती है.
उधर सरकार ने मीडिया के इस प्रोपेगेंडे को भी गलत साबित करते हुए 162 की जगह 169 के आंकड़े के साथ बहुमत साबित किया, जबकि बहुमत के लिए सिर्फ 145 वोटों की जरूरत थी. मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही राष्ट्र के मुख्यमंत्री पूरी तरह एक्शन में है, जहां उन्होंने पेड़ों के काटे जाने को तुरंत रोक दिया है, वहीं बहुत सारे फैसले जनता के लिए जनहित में ले रहे हैं, जिससे सरकार की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नियमों के खिलाफ अधिवेशन बुलाया गया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम से विधानसभा की कार्यवाही शुरू क्यों नहीं हुई। महाराष्ट्र में गठबंधन शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने मिलकर बनाया है। रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। नए विधानसभा अध्यक्ष इसके बाद विधानसभा में नेता विपक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिये तीन दिसंबर तक का वक्त दिया है। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन ने 162 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल रखने के मुद्दे पर शिवसेना ने अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा से रिश्ते तोड़ लिये थे इसके बाद उद्धव ने राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाई।
प्रदेश में 21 अक्टूबर को हुए चुनावों में भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56,54 और 44 सीटें जीती थीं। राकांपा के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल को शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने भाजपा के कालिदास कोलंबकर की जगह ली जिन्हें विधायकों को शपथ दिलाने के दौरान पूर्व में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पाटिल पूर्व में भी विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से दो-दो - ने भी शपथ ली थी।
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