नयी दिल्ली, 22 जुलाई: अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि अगर सरकार तीन तलाक विरोधी विधेयक में महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान करती है तो कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन जरूर करेगी।
उन्होंने कहा, ''महिला के गुजारा भत्ता के लिए मैं लोकसभा में संशोधन लाई थी लेकिन वो पारित नहीं हो सका। अगर यह संशोधन स्वीकार कर लिया जाता है तो हम इस विधेयक का बिल्कुल समर्थन करेंगे।''
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ''विधेयक का मकसद यही है कि मुस्लिम महिला को न्याय मिले और तीन तलाक पर अंकुश लगे। लेकिन पति जेल चला जायेगा तो महिला की जीविका का क्या होगा। इस पहलू पर हमें ध्यान देना होगा।''
गौरतलब है कि एक बार में तीन तलाक के खिलाफ लाया गया 'मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक' लोकसभा में पारित हो चुका है और फिलहाल राज्यसभा में लंबित है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महिला आरक्षण विधेयक को संसद पारित किए जाने के लिए सहयोग करने को कहा था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक के लिए तीन तलाक़ विधेयक की शर्त रखकर 'सौदेबाजी' कर रही है। सुष्मिता देव ने 'भाषा' के साथ बातचीत में कहा, ''हम तीन तलाक विरोधी विधेयक के खिलाफ में कभी नहीं थे। लेकिन विधेयक का मौजूदा स्वरूप मुस्लिम महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है। इसमें पीड़ित महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान होना चाहिए।''
उसके बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि कांग्रेस महिला आरक्षण ही नहीं, बल्कि तीन तलाक, हलाला और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संबन्धी विधेयकों पर भी सरकार का साथ दे। इस पर महिला कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ''सरकार की ओर से सौदेबाजी की जा रही है। क्या उन्होंने अपने घोषणापत्र में कहा था कि महिला आरक्षण विधेयक के साथ तीन तलाक विधेयक को पारित करेंगे? हमारे पास बहुमत नहीं था , लेकिन इनके पास स्पष्ट बहुमत है।
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