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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उठाए पानी की कमी से संबंधित अहम कदम

हमेशा की तरह एक बार फिर राजस्थान के कई जिलों में पानी की कमी देखी गई। इसी उपलक्ष में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेय जल और उससे संबंधित कुछ कदम उठाए। अशोक गहलोत ने राजस्थान प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की। अशोक गहलोत का इस मुद्दे पर अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया आ चुकी है। उनका कहना है कि, “मार्च में ही भीषण गर्मी को देखते हुए अगले 3 माह में पेयजल की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग,सभी जिला कलेक्टर प्रदेश में सुचारू जलापूर्ति हेतु उपलब्ध जल संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें।”

By: Saima Parveen

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उठाए पानी की कमी से संबंधित अहम कदम

 

हमेशा की तरह एक बार फिर राजस्थान के कई जिलों में पानी की कमी देखी गई। इसी उपलक्ष में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेय जल और उससे संबंधित कुछ कदम उठाए। अशोक गहलोत ने राजस्थान प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की। अशोक गहलोत का इस मुद्दे पर अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया आ चुकी है। उनका कहना है कि, “मार्च में ही भीषण गर्मी को देखते हुए अगले 3 माह में पेयजल की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग,सभी जिला कलेक्टर प्रदेश में सुचारू जलापूर्ति हेतु उपलब्ध जल संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें।”

 

केवल इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री गहलोत ने सुझाव देते हुए कहा कि पीएचईडी, बिजली एवं पुलिस प्रशासन सभी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि पेयजल आपूर्ति की समस्या गम्भीर नहीं हो एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। जिला कलेक्टर पेयजल व्यवस्था के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी करें।”

 

प्रदेश में जल के स्त्रोतों पर प्रकाश डालते हुए अशोक गहलोत ने अनेक हाल भी निकाले हैं। उनकी मानें तो हैण्डपंप एवं नलकूप मरम्मत के कार्यों को अभियान के रूप में पूरा किया जाए। कहीं भी पेयजल संकट की स्थिति बनने पर व्यवस्थाएं सुचारू रहें, जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें। पेयजल संबंधी शिकायतों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

 

वहीं अशोक गहलोत ने जागरूकता को भी अहम आधार माना है। उनका कहना है कि, “जिन जिलों में पेयजल की कमी है वहां लोगों को पेयजल आपूर्ति के बारे में अखबारों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाए। लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जाए ताकि व्यवस्थाएं सुचारू रहें।”

 

मुख्यमंत्री सहित प्रशासन ने भी यह निर्देश दिया कि जलदाय विभाग ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सुदृढ़ तंत्र स्थापित करे। साथ ही जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए तथा खण्ड, वृत्त एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।

 

दूसरी ओर प्रशासन ने अप्रैल से अगस्त महीने तक पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचईडी को 421 किराए के वाहन लेने एवं 2500 संविदाकर्मी रखने की स्वीकृति दी। प्रदेश में जलापूर्ति की प्रभावी व्यवस्था के लिए बजट में की गई घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए।

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