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वैक्सीन से 1 लाख 11 हजार 100 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाने की तैयारी?

एक देश और 5 वैक्सीन प्राइस हो सकते हैं? कांग्रेस का सख्त हमला

By: वतन समाचार डेस्क
  •  वैक्सीन से 1 लाख 11 हजार 100 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाने की तैयारी?

  •  एक देश और 5 वैक्सीन प्राइस हो सकते हैं? कांग्रेस का सख्त हमला

 

 

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि क्या हमारे देश में जब पूरा देश कोरोना की महामारी से ग्रस्त है, कोरोना की महामारी में मुनाफाखोरी की इजाजत है? क्या एक देश और 5 वैक्सीन प्राइस हो सकते हैं? क्या दोनों इंडियन मैनुफैक्चरर, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक 45 साल से कम के लोगों की वैक्सीनेशन से ही 1 लाख 11 हजार 100 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाने वाले हैं और क्या ये कोरोना के इस पूरे ग्रहण के चलते हुए, जो देश को लगा है, क्य़ा ये परमिटेड है और क्या भारत सरकार इसके अंदर साझेदार हैं?

 

ये कुछ महत्वपूर्ण सवाल हैं। मोदी सरकार ने जो वैक्सीनेशन पॉलिसी बनाई है, उसमें मोदी सरकार ने देश के नौजवानों के प्रति जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। 18 से 45 साल के लोगों की वैक्सीनेशन यानी कोरोना टीकाकरण की जिम्मेदारी भारत सरकार ने कहा कि उनकी है ही नहीं। मोदी जी ने कहा कि या तो वो खुद टीका लगवाएं या प्रांतीय सरकार उनके टीके का भार वहन करे।

 

दूसरा, मोदी सरकार ने जो 50 प्रतिशत प्रोडक्शन है, इन दोनों वैक्सीन मैनुफैक्चरर की, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की, उसे किसी प्रकार के प्राइस कंट्रोल से कंप्लीटली उसे अलग कर दिया। यानी अब इन टीका बनाने वाली कंपनियों की मर्जी है कि रेट क्या होगी और उन्होंने दो बड़ा अजीब तरह का रेट दिया, सीरम इंस्टीट्यूट भारत सरकार को टीका देगी, एक डोज 150 रुपए में, प्रांतीय सरकार को 400 रुपए प्रति टीका और प्राइवेट अस्पताल को 600 रुपए प्रति टीका। भारत बायोटेक तो और ज्यादा भेदभाव वाली नीति लेकर आई है कल शाम को। भारत बायोटेक मोदी सरकार को टीके की एक डोज देगी 150 रुपए में, प्रांतीय सरकार को एक डोज देगी 600 रुपए में और प्राइवेट अस्पताल को देगी 1,200 रुपए में। क्या एक देश और 5 अलग-अलग टीके की दरें संभव हैं? और क्या ये देश में न्याय की परिपाटी पर और समानता की परिपाटी पर खरा उतरता है?

 

हमारे देश में, जैसा मैंने कहा कि 45 साल से कम आयु के लगभग 101 करोड़ लोग हैं और हमने तो अब देखा है कि 4 साल, 5 साल, 12-15 साल के बच्चों को या युवाओं को भी अब धीरे-धीरे कोरोना होने लगा है। तो ऐसे में 202 करोड़ टीकों की आवश्यकता है, अगर हम सबको इम्यूमिनाइज करना है तो। ये 202 करोड़ टीकों में, अगर हम ये मान लें कि आधी लागत प्रांतीय सरकार वहन करेंगी और आधे लोगों को टीका लगाएंगे, तो इन दोनों कंपनियों का मुनाफा बनता है, 1,11,100 करोड़ रुपए। इसकी मैंने बाकायदा कैलकुलेशन शीट बनाई है, जो मैं आपको अलग से भेज रहा हूं।

 

दूसरी तरफ समाज में वो लोग भी हैं, जो गरीब हैं, जो डिसएडवांटेज्ड सेक्शन से हैं, जो शोषित हैं, जो वंचित हैं। क्या भारत सरकार यह नहीं जानती कि हमारे यहाँ 2011 के सेंसस में ही 28 प्रतिशत जनसंख्या एससी, एसटी की है। हमारे देश में 81 करोड़, 35 लाख लोग सब्सिडाइज्ड राशन, नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट में, उसके लिए वो योग्य हैं और हमारे यहाँ बैकवर्ड क्लासेस की जनसंख्या लगभग 41 प्रतिशत है। तो इन सबमें, ऐसे में ये गरीब लोग 2,400 रुपए पर टीका, यानि दो डोज के भारत बायोटेक के 2,400 रुपए बनेगा और सीरम इंस्टीट्यूट के 1,200 रुपए प्रति टीका, कैसे दे पाएंगे?

 

क्या कोरोना की इस लड़ाई में भारत सरकार टीका बनाने वाली कंपनियों को 1 लाख 11 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमा देश के लोगों को हराने की कोशिश कर रही है?

 

क्या कोरोना के इस मुश्किल समय में टीकाकरण से मुनाफा कमाना, वो भी इस प्रकार का अनाप-शनाप मुनाफा कमाना परमिटेड़ हो सकता है? क्या ये हमारे प्रजातंत्र के समानता और समतामूलक सिद्धांतों के अनुरूप है? ये कुछ सवाल हैं, जिसका प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।

 

On a question that some of the Congress ruled states are saying that there is no vaccine stock available with the manufacturers, what is the Congress’ strategy for rolling out the next phase of vaccination for the age group of 18 to 45 years, Shri Randeep Singh Surjewala said- हमारे सब मुख्यमंत्री और सरकारें जल्द से जल्द एक मई से 18 से 45 साल के लोगों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था में लगे हैं। हमारी सरकारों ने दोनों मैन्यूफैक्चरर से, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटैक, उनसे संपर्क किया है और हम एडवांस पैसा भी जमा करवाने को तैयार हैं।

 

आपने देखा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 18 से 45 साल के लोगों के टीके की जिम्मेदारी स्वयं ली है। हमारी झारखंड की साझी कांग्रेस की सरकार ने भी ये जिम्मेदारी स्वयं ली है। पंजाब में अमरिंदर सिंह जी ने एक कमेटी बनाई है, जो इस पर बहुत जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी। राजस्थान भी ऐसा सकारात्मक निर्णय लेने के लिए अग्रसर है, परंतु टीका उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है, मोदी सरकार की है। मोदी सरकार ने पहले 18 से 45 के लोगों से पल्ला झाड़ लिया, फिर कहा कि उनका पैसा भी वो नहीं देंगे। फिर अब वो टीका उपलब्ध करवाने से भी गुरेज कर रहे हैं।

 

आप जानते हैं कि इस देश की सबसे प्रोडक्टिव पॉपूलेशन जो इस देश की अर्थव्यवस्था को चलाती है, वो 45 साल से कम की है। उन्हीं के सहारे इस देश की जीडीपी इस प्रकार से आगे बढ़ पाई है। इसलिए हमारा आपके माध्यम से मोदी जी से हाथ जोड़कर विनम्र अनुरोध है कि ये लड़ाई हमें मिलकर लड़नी है, अलग-अलग नहीं और अगर ये लड़ाई हमें मिलकर लड़नी है, तो प्रांतीय सरकारें अगर खुद के पैसे से 45 साल और उससे कम की आयु के नौजवान लोगों का टीकाकरण करना चाहती हैं, तो वो टीका उपलब्ध करवाना कम से कम उन रेट्स पर जो डिस्क्रिमिनेटरी रेट्स है, जो बिल्कुल नाजायज हैं, जो गलत हैं, जो भ्रामक हैं, जो पैसा और मुनाफाखोरी वाले हैं, कम से कम उन रेट्स पर तो हमें टीका उपलब्ध करवायें।

 

On another question about the statement of Serum Institute that only a very small portion of their entire vaccine costing Rs. 600 will be going to the private hospitals, Shri Surjewala said- सीरम इंस्टीट्यूट तो ये भी कह रहा है कि भारत सरकार को भी 150 रुपए में टीका नहीं दे रहा है पर कल भारत सरकार ने फिर कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट देगा, तो भारत सरकार झूठ बोल रही है या सीरम इंस्टीट्यूट झूठ बोल रहा है, इसका जवाब तो भारत सरकार को देना चाहिए, क्योंकि वो तो कहते हैं, हम तो भारत सरकार को भी 400 रुपए में टीका देंगे, भारत सरकार कह रही है कि नहीं। कल ही उन्होंने कांग्रेस के प्रेस कांफ्रेंस के जवाब मे क्लैरिफाई किया और कहा कि हम तो 150 रुपए में लेंगे। तो हम तो भारत  सरकार की बात मान रहे हैं, पर क्या सीरम इंस्टीट्यूट झूठ बोल रहा है या भारत सरकार झूठ बोल रही है।

 

दूसरी बात, 45 साल और उससे कम के लोग, 101 करोड़ इस देश में हैं। ये बात मैं नहीं कह रहा, ये आंकड़े हैं। उनमें से 18 से 45 को नहीं, सभी को आखिर में टीके की जरुरत है, तो ऐसे में उनको 202 करोड़ डोजेज चाहिए कि नहीं चाहिए। तो वो कहाँ से आएंगे? वो तो यही दोनों मैन्यूफैक्चरर्स देंगे। मोदी जी ने तो कह दिया कि अगर आपकी उम्र इस देश में 45 साल से कम है तो आप मोदी जी की जिम्मेदारी नहीं। मोदी सरकार आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती, या तो खुद टीका लगवाइए, या प्रांतीय सरकारें लगाएंगी। कई जगह तो प्रांतीय सरकारों ने जिम्मेदारी ले ली, कई जगह प्रांतीय सरकारें जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं क्योंकि उनके ऊपर बड़ा भयंकर वित्तीय बोझ है और वो पैसा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों को खुद लगवाना पड़ेगा, तो कल आप जाएं या कोई और नौजवान जाए और कहे कि मुझे टीका लगवाना है, तो अस्पताल में तो उसे टीका लगाने का पैसा देना पड़ेगा और अगर सीरम इंस्टीट्यूट नहीं देगा तो भारत बायोटैक का लगवाना पड़ेगा। ये 1,200 रुपए का है, वो 2,400 रुपए का है तो कॉस्ट और बढ़ जाएगी, इसलिए सवाल ये नहीं है कि कम होंगे या ज्यादा होंगे, हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं है, 45 साल से कम की सारी पॉपूलेशन को वैक्सीनेट करना पड़ेगा, कोरोना से बचाने का यही एक रास्ता है। भारत सरकार की अब ये जिम्मेदारी है कि वो टीका उपलब्ध करवाएं।

 

असली जिम्मेदारी मोदी जी की थी, कि वो कहते कि पूरे देश की आबादी का जो भी टीकाकरण होगा, उसका खर्चा भारत सरकार वहन करेगी और वो सारा, जो टीकाकरण है, वो प्रान्तीय सरकारों और अस्पतालों, प्राईवेट अस्पतालों के माध्यम से लगाया जाएगा।

 

एक प्रश्न पर कि आज प्रधानमंत्री कार्यालय ने घोषणा की है कि पीएम केयर फंड से 551 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट हर जिला अस्पतालों के आस-पास लगाये जाएंगे, इस पूरे कदम को आप किस तरह से देखते हैं? श्री सुरजेवाला ने कहा कि समस्या ही यही है। देखिए, पीएम केयर फंड के पैसों से ऑक्सीजन के सेंटर बनाए जाने चाहिए, हम इससे सहमत हैं। इसमें दोराय हो ही नहीं सकती पर आप याद करिए, मार्च- अप्रैल, 2020 में भी प्रधानमंत्री कार्यालय ने यही घोषणा की थी। पहले कहा कि 50 डिस्ट्रिक्ट लेवल के ऑक्सीजन प्लांट लगाएंगे, डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में, फिर उनकी संख्या बढ़ाकर 75 कर दी थी, लगभग अगस्त में, 2020 में। क्या मैं आज आपके माध्य़म से पूछ सकता हूं उनमें से एक प्लांट भी लगा एक साल में? पिछले एक साल में टेंडर हुआ, पर कोई प्लांट एक सिंगल प्लांट भी पीएम केयर फंड से आज तक ऑक्सीजन का एक साल में नहीं लग पाया। अब जब कोरोना की दूसरी वेव आई, दूसरी महामारी आई, तो फिर ये बोल दिया कि हम 75 और लगाएंगे, आज बोल दिया 551 और लगाएंगे, साहब कुछ लगाइए तो सही। मोदी जी, केवल घोषणाओं से, जिनके परिवार का सदस्य मर गया ऑक्सीजन की कमी के कारण, जिसके परिवार के सदस्य को घर में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं, जो ऑक्सीजन की कमी से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं, उनके लिए ये राहत नहीं कि आप क्या लगाएंगे 10 साल के बाद या 5 साल के बाद। सवाल ये है कि एक साल में आपने क्या किया और एक साल में सिवाए जीरो के दिखाने के लिए मोदी सरकार के पास कुछ नहीं। वो हजारों-करोड़ रुपए जो सरकारी संस्थानों से, कर्मचारियों से, कंपनियों से पीएम केयर फंड में इकट्ठा किया गया, वो कहाँ गया? वेंटिलेटर खरीदे गए, वो सब फर्जी पाए गए, गुजरात की एक कंपनी से जो खरीदे थे। आपने, हमने, सबने देखा, बाद मे स्टोरी की, कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऑक्सीजन प्लांट टेंडर किए गए, वो लगे नहीं। अब आप कह रहे हैं, 500 और लगाएंगे, कृपया लगाइए, परंतु ऑक्सीजन उपलब्ध करवाइए। किसी का बेटा, किसी की बेटी, किसी की मां, बाप, बच्चा, जब ऑक्सीजन की कमी से मर जाता है, तो कितनी तकलीफ होती है, शायद सरकार में बैठे हुक्मरानों को इसका आइडिया नही।

 

On a question about Shri Rahul Gandhi’s tweet about under reporting of deaths due to Corona, Shri Surjewala said- What Shri Rahul Gandhi is espousing, is only the pain in suffering the anguish and the agony and the insurmountable injury to the soul of this nation that Government is doing by hiding the figures or by underreporting the figures of infections and deaths. We again plead, we urge, we plead with folded hands to the Government, hiding data, not sharing data publicly, not sharing the rate of infection publicly, not sharing the infection data publicly, not sharing the number of deaths publicly, serves nobody, it is a disservice to India, it is a disservice to the nation, for data however, however serious it may be, makes us aware, alert and urges everybody to take proper cautions as also do course correction.

 

If this Government, Modi Government has bungled up, If the Government has faltered, if it has abandoned the people, if it has abdicated its duty, please, for heaven’s sake accept the mistake today and let’s work together to course correct.

 

एक अन्य प्रश्न पर कि ऑक्सीजन की मारामारी चल रही है, आज सरकार की तरफ से फैसला किया गया कि 551 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे, क्या इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी हो पाएगी? श्री सुरजेवाला ने कहा कि आज जो आप ऑक्सीजन प्लांट लगाना शुरु करेंगे, वो मौजूदा ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं कर सकता, क्योंकि उसे लगाने में समय लगेगा। प्लांट लगने चाहिए, हम सहमत हैं। परंतु पिछले एक साल में मोदी सरकार ने क्या किया? मोदी सरकार सरकारें गिरानें, सरकारें तोड़ने, जनमत खरीदने, जनमत का चीर-हरण करने, इलेक्शन रैली करने, उसके अलावा देश को बचाने के लिए क्या किया? हमारे जब पूरे देश में लोग मर रहे हैं, तो देश के आपदा राहत मंत्री, जो गृहमंत्री भी हैं, वो इलेक्शन रैली में व्यस्त हैं। दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से लोगों का दम घुट रहा है, परंतु कोई उपलब्ध ही नहीं। उल्टा मुख्यमंत्री दिल्ली और प्रधानमंत्री एक-दूसरे के वीडियो लीक करके गेम-गेम खेल रहे हैं, नूरा कुश्ती खेल रहे हैं। ये एक-दूसरे पर इल्जामात की राजनीति करने का समय नहीं, परस्पर विरोध छोड़कर, सर जोड़कर, इकट्ठे होकर, हर जिंदगी को बचाने का समय है। आप बड़े-बड़े दावे बंद करिए, जो ऑक्सीजन प्लांट लगाने हैं, लगाइए, पर पिछले एक साल में जो आपने कहा था, पहले 50 कहा, फिर 75 कहा, फिर 100 कहा, एक प्लांट आज तक चालू नहीं हो पाया, किसी जिले में, एक प्लांट भी। ये दिखाता है कि सरकार कितनी निर्दयी है, निष्ठुर है, निर्मम है और इस सरकार को अपनी निर्ममता का जामा छोड़कर सद्भाव का, सदाचार का और दूसरों की पीड़ा को महसूस करने का एक नया आवरण जो है, अपनी आत्मा के अंदर ढालना होगा, तभी देश सेवा हम कर पाएंगे।

 

एक प्रश्न पर कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस लॉकडाउन के बाद नहीं लगाएंगे, लेकिन इसे आगे और बढ़ा दिया है, क्या कहेंगे? श्री सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार से दवाई की कालाबाजारी, रेमडेसिविर आप इंजेक्शन खरीदने जाइए तो आपको मालूम होगा कि 15,000 से 25,000 रुपए में काला बाजार में ये इंजेक्शन उपलब्ध है, पर आपको मिल नहीं सकता। यही बाकी जो एसेंशियल मेडिसिन हैं, उनकी स्थिति है। एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर 8,000 रुपए से 15,000 रुपए में बेचा जा रहा है। तो ऐसे में सरकार अगर लॉक डाउन लगाने का आगे निर्णय करती है, तो ये सरकार के हम लोग साथ खड़े हैं। क्योंकि आज के दिन लोगों की जिंदगियां बचाना और इंफेक्शन की चेन को तोड़ना ही सबसे ज्यादा जरुरी है और ये परस्पर विरोध का समय नहीं, जो सही कदम प्रशासन और शासन को लगे, सही हैं, वो उन्हें उठाने चाहिए और हम सब विपक्षी दलों के तौर पर हर वो साकारात्मक कदम जो सरकार उठाएगी, जीवन रक्षा के चक्र को मजबूत करने के लिए, उसके साथ खड़े हैं।

 

On another question about different prices of Covid vaccine, Shri Surjewala said- That is the purpose of today’s press conference. Modi Government is completely culpable, when it comes to differential pricing of vaccine. Modi Government is permitting brazen profiteering by the two vaccine manufacturers in times of pandemic by people, who are suffering immeasurable. Modi Government has abdicated its responsibility and abandoned people of this country, who are below 45 years of age. Is that what is expected of the Government of the day and I am releasing a chart today, if everybody below 45 years have to be vaccinated in this country and presuming that 50% cost will be borne by state Government and 50% will have to vaccine themselves, the profit to the two companies will be, 1,11,100 crores. In the middle of this pandemic, can such brazen profiteering be permitted, is the short question that I raised on behalf of people of this country.

 

It is not a politically adversarial debate, it is selling people’s interests in times of pandemic and where do the state governments have all the money, they will have to raise loans, they will have to give away assets or sell assets. They will have to hypothecate people’s assets, only then they can raise money, but, vaccination is the key and universal vaccination against corona is the key, that is the only way to save lives. It’s time that Government come forward, Central Government bears the entire cost of vaccination of everybody across the country as every other country has started. 

 

एक अन्य प्रश्न पर कि यूथ कांग्रेस मदद के मामले में आगे बढ़-चढ़ कर काम कर रही है, रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करा रही है, ऐसे में आप लोगों की मदद के लिए कैसे काम कर रहे हैं, कहाँ से फंड ला रहे हैं? श्री सुरजेवाला ने कहा कि सबसे पहले तो आपको साधुवाद प्रश्न के लिए। युवा कांग्रेस और युवा कांग्रेस के हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास जी, जो कांग्रेस अध्यक्षा जी ने और राहुल गांधी जी ने उन्हें जिम्मेदारी दी है, उसका एक मानवीय आधार पर निर्वहन कर रहे हैं। युवा कांग्रेस के हमारे साथी, युवक और युवतियां, अपने-अपने पर्सनल फंड से, अपने-अपने पैसों से इक्कट्ठे पैसे, एक-एक पैसा जोड़कर जरुरतमंदों की मदद कर रहे हैं और दवाईयां मुहैया करवा रहे हैं। कई बार हम 90 प्रतिशत केस में कामयाब हो जाते हैं और कहीं नहीं। कांग्रेस पार्टी ने हर प्रदेश में एक कंट्रोल रुम भी सेटअप किया है और अब एक राष्ट्रीय कंट्रोल रुम भी सेटअप किया है। हम बहुत जल्द नेशनल हेल्प लाइन भी शुरु करेंगे और प्रांतों में भी इसी प्रकार से हमारे लीडर साहेबान, हमारे कार्यकर्ता साथी उन कंट्रोल रुम के माध्यम से जैसे-जैसे कहीं ऑक्सीजन, कोई बेड, किसी डॉक्टर, कोई हाउस हैल्प, कोई घर का सामान, कहीं भोजन, कहीं दवाई, उसकी जरुरत पड़ती है, हम अपनी क्षमता के मुताबिक उपलब्ध करवा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य और तरीका यही रहा है सेवा भाव का, हम ये करते रहेंगे और ये सब साथी जो हैं, मैं उन सबका आपके माध्यम से धन्यवाद करुंगा, युवा साथियों का भी और वरिष्ठ साथियों का भी, जो अपने-अपने महत्वपूर्ण रिसोर्सेस से पैसा जुटाकर जरुरतमंदों की मदद के लिए आज आगे आए।

 

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