Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

'मोदी है तो मुमकिन है' कहकर सरसंघचालक ने थपथपाई

देश को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद दुनिया से आई प्रतिक्रियाओं का जिक्र करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद दुनिया के कई बड़े लोग कह रहे थे कि यह देश अधिक दिनों तक स्वतंत्र नहीं रह पाएगा लेकिन हमारे मन में विश्वास था और हमने ना केवल देश को सुचारू रूप से चलाकर दिखाया अपितु उसे नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

By: वतन समाचार डेस्क
फाइल फोटो (BY Google)

 

नागपुर, 15 अगस्त: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस पर नागपुर के रेशमबाग स्थित संघ कार्यालय परिसर में तिरंगा फहराने के बाद अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति की तारीफ करते हुए कहा कि 'मोदी है तो मुमकिन है'।

 

संघ कार्यालय परिसर में उपस्थित नागरिकों का मार्गदर्शन करते हुए डॉ. भागवत ने मोदी की इच्छाशक्ति की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी इच्छाशक्ति को समाज की संकल्पशक्ति का साथ मिलने की जरूरत है। सरसंघचालक ने कश्मीर का नाम न लेते हुए वहां की बदली हुई परिस्थितियों का उल्लेख करके उसे सरकार की इच्छाशक्ति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होना चाहिए, इसके लिए हुए प्रयासों में संघ हमेशा आगे रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए समाप्त करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से केंद्र के इस निर्णय का स्वागत किया गया था लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर भी सरसंघचालक ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र सरकार की इस फैसले पर प्रशंसा की।

 

(हि.स.) न्यूज़ कि अनुसार इस अवसर पर डॉ. भागवत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए लोग कहते हैं कि वो है तो मुमकिन है... ठीक है, उसमें कोई गलत बात भी नहीं है। आख़िर करने वाले की इच्छाशक्ति का भी सवाल होता है। आखिर देश की धुरी जिनके हाथ  में है उनकी यह संकल्प शक्ति बनी रहे, इसके लिए संपूर्ण समाज की इच्छाशक्ति आवश्यक है। जम्मू-कश्मीर का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तरह उस राज्य में भी पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव होना चाहिए। उस राज्य को भी देश के अन्य राज्यों की तरह जीने का मौका मिलना चाहिए। साथ ही संविधान में नागरिकों के जिस समानता की बात की गई है, वह समानता प्रत्यक्ष में दिखाई देनी चाहिए।

 

देश को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद दुनिया से आई प्रतिक्रियाओं का जिक्र करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद दुनिया के कई बड़े लोग कह रहे थे कि यह देश अधिक दिनों तक स्वतंत्र नहीं रह पाएगा लेकिन हमारे मन में विश्वास था और हमने ना केवल देश को सुचारू रूप से चलाकर दिखाया अपितु उसे नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। किसी भी देश के उत्थान में उस देश के नेतृत्त्व की इच्छाशक्ति जरूरी होती है लेकिन नेतृत्व की उस इच्छाशक्ति को जनता के संकल्पशक्ति का साथ मिलना बेहद जरूरी होता है। ऐसी शक्तियों के संयोग से मन में आत्मविश्वास का निर्माण होता है। सरसंघचालक ने अंग्रेजी का वाक्य 'एस वी कैन' अपने जीवन में उतारने का संदेश दिया।

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.