Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान

मैंने आज तक कभी भी बॉलीवुड अभिनेता व अभिनेत्री के बारे में कुछ नहीं लिखा है। वजह, बॉलीवुड में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है। मेरे नजदीक समाज व देश के लिए नए क्रीतिमान स्थापित करने वाले ही असल हीरों हैं। फ़िल्मी जगत के हीरों काल्पनिक जबकि वास्तविक दुनिया के हीरों असल हैं। शाहरुख़ खान भी उसी काल्पनिक दुनिया के हीरों में ही आते हैं। लेकिन एक इंसान का अपना देश व समाज होता है। देश में बसने वाले सभी उतने ही देशभक्त होते हैं जितने कि देश का प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति। वर्त्तमान में एक विशेष जाति धर्म के पहचान व नाम के साथ जिस तरह से पूरी कौम व मिल्लत को कटघरे में लाने की कोशिश हो रही है यक़ीनन इस मुल्क के लिए बहुत अफसोसजनक है।

By: Guest Column
Shahrukh Khan and his father Mir Taj Mohammad Khan

भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान

 

अफ्फान नोमानी 

 

मैंने आज तक कभी भी बॉलीवुड अभिनेता व अभिनेत्री के बारे में कुछ नहीं लिखा है। वजह, बॉलीवुड में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है। मेरे नजदीक समाज व देश के लिए नए क्रीतिमान स्थापित करने वाले ही असल हीरों हैं। फ़िल्मी जगत के हीरों काल्पनिक जबकि वास्तविक दुनिया के हीरों असल हैं। शाहरुख़ खान भी उसी काल्पनिक दुनिया के हीरों में ही आते हैं। लेकिन एक इंसान का अपना देश व समाज होता है। देश में बसने वाले सभी उतने ही देशभक्त होते हैं जितने कि देश का प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति। वर्त्तमान में एक विशेष जाति धर्म के पहचान व नाम के साथ जिस तरह से पूरी कौम व मिल्लत को कटघरे में लाने की कोशिश हो रही है यक़ीनन इस मुल्क के लिए बहुत अफसोसजनक है।

 

हालांकि शाहरुख खान जैसे किसी भी अभिनेता के लिए धर्म ज्यादा मायने नहीं रखता है। एक फ़िल्मी एक्टर के लिए धर्म की कसौटी को पाबंदी के साथ मानना मुश्किल है। लेकिन देश में मौजूद सांप्रदायिक तत्वों के लिए नफ़रत व सांप्रदायिक माहौल खड़ा करने के लिए शाहरुख खान जैसे मुस्लिम नाम ही काफी हैं। अगर व्यक्ति देश व दुनिया में मशहूर हो तो हंगामा खड़ा करना और ज्यादा आसान हो जाता है।  

 

शाहरुख खान हो या उसका पुत्र या उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति अगर कोई अपराध करता है तो वो मामला अपराध की श्रेणी में आता है।  ऐसे मसअले के हल के लिए देश में कानून है। कोर्ट में इसका फ़ैसला होगा। लेकिन मौजूदा वक्त में देश में कुकुरमुत्ते की तरह पनपे सांप्रदायिक तत्वों को शाहरुख या उनके परिवार को देशद्रोही कहने का हक़ किसने दिया? बिडंबना देखिये ऐसे गोडसेवादीयों ने महात्मा गांधी तक को भी नहीं बख्शा।  गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री मोदी, गांधी जी की मूर्ति पर फूल बरसा रहे थे और भक्त ट्विटर पर गोडसे जिंदाबाद का ट्रेंड चला रहे थे।  भला ऐसे झूठे राष्ट्रवाद का चोला ओढ़े गोडसेवादीयों को क्या मालूम की भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान।

 

पेशावर में जन्मे मीर ताज मोहम्मद खान 16 साल की उम्र में विभाजन से पहले पेशावर छोड़कर दिल्ली आ गए थे और खान अब्दुल गफ्फार खान के आंदोलन से जुड़कर जंगे आज़ादी में भाग लिया।

 

मीर ताज मोहम्मद खान अपने जमाने के जाने-माने वकील थे। रियासत में दिलचस्पी ने उन्हें स्वाधीनता संग्राम से जोड़ दिया। वे दो बार जेल भी गए। मिजाज के मीर ताज सचमुच मीर थे। यार-दोस्तों के साथ एक बार उन्होंने कंचनजंगा पर्वत की चढ़ाई की।  कद-काठी ताज मोहम्मद खान की ऐसी थी कि आसिफ की फिल्म मुगले-आजम में उन्हें मानसिंह की भूमिका का प्रस्ताव मिला था। ताज मोहम्मद खान ने तड़ाक से ना कर दी। मीर ताज मोहम्मद खान के अनुसार सिनेमा यानी नौटंकी। ताज मोहम्मद खान को क्या खबर थी कि उनके साहबजादे एक दिन इसी नौटंकी से जमाने की नाक में नकेल डाल देंगे।

 

मीर ताज मोहम्मद खान बहुत ही शिक्षित व्यक्ति थे। ताज मोहम्मद खान एम.ए व एल.एल.बी के साथ हिन्दी, कश्मीरी, पश्तो, अंग्रेजी, इतालवी, उर्दू, पंजाबी, फारसी तमाम भाषाएँ फर्राटे से बोलते थे। शाहरुख ने बहुभाषा ज्ञान तो नहीं, पर वकालत पिता से उधार ली है। वकालत पढ़े ताज मोहम्मद खान  ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया। दिल्ली में कुछ बच्चों को आग से बचाने के लिए उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक मैडल भी मिला था। यह तमगा वे अक्सर बाल शाहरुख को दिखाया करते थे। ताज मोहम्मद खान ने कभी अपने नवाबजादे को बंदिशों में नहीं बाँधा, जिसका जिक्र शाहरुख खान भी कई कार्यकर्मों में कर चुकें हैं। ताज मोहम्मद खान  बला के भुलक्कड़ इंसान थे। शाहरुख को याद है कई बार उन्होंने अपने वालिद को टॉयलेट-सीट पर बैठकर उबले अंडे खाते देखा था। ताज मोहम्मद खान यह भी भूल जाते थे कि यह उनका सिंहासन नहीं है। एक बार तो ताज मोहम्मद खान  बगैर पतलून पहने दफ़्तर जाने लगे, तो बेगम साहिबा ने याद दिलाया। शाहरुख के पिता एक खानदानी रईस परिवार से आए थे। मगर दिल्ली में संघर्ष करना पड़ा।

 

वकालत में रुचि नहीं ली, व्यवसाय चलता नहीं। अपनी बेटी शहनाज (शाहरुख की बहन) को उन्होंने शहजादी की तरह पाला। शहनाज उम्र में शाहरुख से पाँच साल बड़ी हैं। मीर ताज मोहम्मद खान की कैंसर से हुई मृत्यु ने शाहरुख को बुरी तरह तोड़ दिया। 19 सितंबर 1981 को  मीर ताज मोहम्मद ने आखिरी साँस ली। इसके पहले कई रात जागकर शाहरुख और शहनाज ने पिता को लम्हा-लम्हा मौत के आगोश में जाते देखा था। पिता की मृत्यु के साथ 14-15 साल की उम्र में शाहरुख ने अपना सबसे अच्छा दोस्त  और सरपरस्त खो‍ दिया।

 

व्याख्या: यह लेखक के निजी विचार हैं। लेख प्रकाशित हो चुका है, कोई बदलाव नहीं किया गया है। वतन समाचार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वतन समाचार इसकी सच्चाई या किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही वतन समाचार किसी भी तरह से इसकी पुष्टि करता है।

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.