सामाजिक चिंतक हेमचन्द्र सिंह राठौर का निधन
हेमचन्द्र सिंह राठौर के साथियों व परिजनों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, हेमचंद्र सिंह राठौर, हम सबके चहेते हेम भैया, विगत रात्रि हम सब को बिलखता छोड़ अनंत यात्रा को निकल गए।
आप तपे हुए वरिष्ठ कांग्रेसी, सामाजिक चिंतक, मूर्धन्य लेखक व जबरदस्त गजलकार थे, हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं के साथ हल्बी, गोंडी आदि स्थानीय बोलियों के भी बहुत अच्छे जानकार थे। आपकी रचनाएं "ककसाड़" सहित देश की चोटी के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
आप हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव के सही मायनों में संरक्षक थे। आप की गिनती देश के चोटी के शिकारियों में होती थी। आपने अंचल को कई आदमखोर शेरों के आतंक से निजात दिलाई थी। आपके संस्मरण लेख विशेषकर "शिकार संस्मरण" बेहद रोचक तथा लोकप्रिय हैं। बस्तर के इतिहास के तो आप चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया थे।
आपके जाने के साथ थी बस्तर के इतिहास का एक पन्ना सदा सदा के लिए गुम हो गया है। आपकी कमी किसी भांति पूरी नहीं की जा सकती।
आपसे हमारी पीढ़ी ने बहुत कुछ सीखा और आगे भी हम आपकी दी गई सीखों व नसीहतों पर चलने की पूरी इमानदारी से कोशिश करेंगे।
हम सब कोंडागांव बस्तर के साहित्यकार, मित्र, परिजन आप को अश्रुपूर्ण हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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