तृणमूल कांग्रेस की नेत्री और दूसरी बार रिकॉर्ड वोटों से बनी लोकसभा सांसद साजिदा अहमद ने लोकसभा में zero hour में वक़्फ़ संपत्तियों पर नाजायज़ कब्ज़े का मामला उठाते हुए सरकार से अपील की कि सरकार वक़्फ़ संपत्तियों को नाजायज कब्ज़े से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करे और उस को इंप्लीमेंट भी करे ताकि वक़्फ़ संपत्तियों को नाजायज़ कब्ज़े से बचाया जा सके और जिन लोगों के लिए संपत्तियां वक़्फ़ की गई थीं उन्हें उन का लाभ मिल सके.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता के हितों की रक्षा करे लेकिन वक़्फ़ संपत्तियों के मामले में ऐसा देखने में नहीं आ रहा है जो दुख देने वाला है. उन्होंने सरकार के सामने कहा कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने इस बात को स्वीकारा है कि 16937 वक़्फ़ प्रॉपर्टीज पर देश भर में कब्जा है. दुख की बात यह है कि प्राइवेट पार्टी के साथ-साथ सरकार भी इन कब्जों में शामिल है.
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संपत्तियों को नाजायज़ कब्ज़े से बचाने और वक़्फ़ प्रॉपर्टीज को रजिस्टर्ड करने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की गई गई है और ऑनलाइन इस पोर्टल में अब तक कमोबेश लगभग 594139 संपत्तियों का ब्यौरा दिया जा चुका है लेकिन इस बात को लेकर सरकार के सामने कोई मंसूबा नहीं है कि वह किस तरह से जो संपत्तियां इंक्रोचड हैं उनको कब्जे से कैसे निकाले गी, जो दुख देने वाला है.
उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संपत्तियों की देखरेख की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के तहत आने वाले वक़्फ़ बोर्ड की है लेकिन दुख इस बात का है कि राज्यों के वक़्फ़ बोर्ड उस कानून के तहत गवर्नन होते हैं जो सेंटर गवर्नमेंट बनाती है.
उन्होंने कहा कि एक आंकड़े के अनुसार 24000 लिटिगेशन वक़्फ़ प्रॉपर्टीज को लेकर देश की विभिन्न अदालतों में पेंडिंग हैं और स्टेट वक़्फ़ बोर्ड को अभी तक इनका कब्जा नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार से विनम्र विनती है कि सरकार एक हाई पावर कमेटी बनाए और इस बात का जल्द से जल्द अध्ययन कराया कि कैसे वक़्फ़ प्रॉपर्टीज जो सरकार के कब्जे में हैं और लोगों के कब्जे में हैं उनको कैसे फ्री होल्ड किया जा सके, ताकि वक़्फ़ संपत्तियां जो मुसलमानों के उत्थान के लिए हैं उनका सही इस्तेमाल हो सके. उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि सरकार वक़्फ़ प्रॉपर्टीज़ को फ्री होल्ड करे क्योंकि लॉ एंड ऑर्डर का पालन करवाना और पालन करना दोनों सरकार की जिम्मेदारी है.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.