किसानों के प्रति मोदी सरकार के रवैया को अड़ियल और उदासीन बताते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व लोकसभा व राज्य सभा सांसद तारिक अनवर ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से किसान अपनी परेशानियों को सरकार के सामने रख रहे हैं और सरकार उस पर अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं और सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है उसने बहुत सारे प्रश्न खड़े किए हैं कि किस तरह से मोदी सरकार उद्योग जगत और कारपोरेट घरानों के हाथों देश की संपत्ति को गिरवी रखना चाहती है और उसको आम जन की कोई फ़िक्र नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि किसान और जनता त्रस्त है और सरकार मस्त है. प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक भाषण दे रहे हैं और किसानों के मुद्दे को एड्रेस करने के लिए तैयार नहीं हैं. तारिक अनवर ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी विपक्ष में रहते हुए किसानों के मुद्दे को उठाते थे अब उसी तरह से उन्होंने पूजी पतियों के हाथों किसानों को बेचने का काम किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि अहंकार और सत्ता के नशे में जिस तरह से मोदी सरकार चूर है और देश के अन्नदाता की मांग को लेकर गंभीर नहीं है वह निंदनीय और अफसोस जनक है. उन्होंने कहा कि सरकार कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए जिस तरह का अड़ियल रवैया अख्तियार किए हुए है वह शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि सरकार का अड़ियल रवैया ही यह बताता है कि सरकार कारपोरेट जगत के हित में है और उस से कोई समझौता नहीं करना चाहती है जो उसकी सब से बड़ी भूल है और शायद उसे अन्नदाता की असली ताक़त का अंदाज़ा नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर यह बिल किसानों के हित में ही होता, जबकि नहीं है और किसान समेत पूरा देश इस बात को कह रहा है कि यह बिल देश हित में नहीं है तो बेहतर था कि सरकार इस बिल को फौरन वापस ले लेती और किसानों की मांगों के अनुसार नया बिल लेकर के आती, क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही टिकी हुई है और जब देश नेगेटिव ग्रोथ की ओर जा रहा था उस वक्त भी कृषि जगत पॉजिटिव विरोध दे रहा था, उसके बाद भी सरकार का किसान और देश हित में न झुकना यह बताता है कि बिल उद्योग जगत के हित है और सरकार उद्योगजगता के हित से कोई समझौता नहीं करना चाहती है.
सरकार के द्वारा कुछ कॉरपोरेट घराने को लाभ पहुंचाने की खातिर,किसानों के विरुद्ध अड़ियल रवैया अपनाये जाने को देखकर,हक़िकत फ़िल्म के एक गीत को किसी ने इस प्रकार सजाने की कोशिश की है:- "कर चले हम फिदा जानो तन साथियों।अब अंबानी -अडानी के हवाले वतन साथियों"।@INCIndia
— Tariq Anwar (@itariqanwar) December 11, 2020
उन्हों ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. श्री अनवर ने कहा कि सरकार का अड़ियल रवैया देखकर किसी ने इस प्रकार एक फिल्मी गीत को सजाने की कोशिश की है "कर चले हम फिदा जानो तन साथियो - अब अंबानी अडानी के हवाले वतन साथियो".
उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांग पर गंभीरता से विचार करते हुए फौरन देश और अन्नदाता के हित में फौरन बिल को वापस लेना चाहिए और किसानों के साथ संवाद करके नया बिल लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की नियत ठीक नहीं है, क्योंकि अगर सच में सरकार का किसानों को फायदा पहुंचाने का दावा ठीक है तो सरकार के लिए जरूरी था कि वह किसानों के साथ बात करके बिल लाती, लेकिन सरकार का उद्योग जगत के साथ बात करके बिल ले करके आना यह बता है कि बिल किसान नहीं अंबानी और अडानी के हित में है.
अब सरकार के लिए बेहतर है कि जितना जल्दी हो वह इस बिल को वापस ले ले और किसानों की मांगों के अनुसार नया बिल लेकर के आए, और वह किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले. अगर सच में सरकार किसानों की हितैषी है. अन्यथा यही माना जाएगा कि सरकार अंबानी और अडानी के हाथों देश को बेचने का काम कर रही है और पहले से ही रेल से लेकर हवाई जहाज तक हर चीज बिकती जा रही है. अब बची पूंजी भी सरकार अंबानी और अडानी को देना चाहती है जिसे देश का कोई भी व्यक्ति स्वीकार नहीं करेगा.
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