नयी दिल्ली: मोहन प्रकाश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश का किसान वैसे तो लगातार परेशान है। पाँच दिनों से हड़ताल पर है और कल्पना की जा सकती है कि जिस फसल को या जिस जिंस को वो गर्मी में, बरसात में पैदा करता है, सब कुछ लगाता है, उसको जब वो फैंकने की सोचता है, तो वो कितनी तकलीफ और कितने गुस्से में होगा। लेकिन उससे भी कष्टदायी बात ये है कि जब भी कोई समस्या देश के सामने आती है तो जो भी तत्कालीन सरकार होती है, उसके बारे में कुछ ना कुछ बातचीत जरुर करती है या उस मुद्दे को ऐड्रेस करती है। और ये एक साल से नहीं हो रहा है, चार साल से इस देश का किसान परेशान है, क्यों? क्योंकि जिन चीजों को वो खरीदता है, उसकी कीमत हो गई है दुगनी और जिन चीजों को वो पैदा करता है, जिन चीजों को वो बेचता है, उसकी कीमत हो गई है आधी और ये सरकार की गलत नीतियों की वजह से हो रहा है। लेकिन इन चार वर्षों में मोदी सरकार को इस महत्वपूर्ण मुद्दे को ऐड्रेस करने का समय नहीं है।
किसान आत्महत्या कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने निहायत निजी मित्र श्री अदाणी के व्यवसायिक हित को पूरा करने के लिए इंडोनेशिया में पतंग उड़ाने का काम करते हैं और देश के अंदर जो भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं वो किसान को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं ।
कल छह तारीख है, छह जून को पिछले वर्ष मंदसौर में गोलीकांड हुआ था। जिसमें पाँच किसान गोलियों से मारे गए थे और एक किसान लाठियों से पीट-पीट कर मारा गया था और जो क्रूरता की गई थी, वो क्रूरता अंग्रेजों की क्रूरता को भी मात देती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी उस समय भी वहाँ पर मृतक परिवारों से मिलने जाना चाहते थे, लेकिन राजस्थान के बॉर्डर पर उनको गिरफ्तार किया गया था। कल छह तारीख को एक साल के बाद उसी जगह पर सारे किसान इक्कठ्ठे होंगे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने, जो मृतक परिवार है उनसे अलग से मिलने के लिए, उनके कष्ट को बांटने के लिए और देश के अंदर जो किसानों का आंदोलन चल रहा है, उनको संबोधित करने और उनसे एकजुटता व्यक्त करने के लिए वो वहाँ पहुंचेंगे।
लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये भाजपा की सरकारों का असली चेहरा है, 7,000 किसानों पर आज भी केस है। एक भगौती पाटीदार साल भर से जेल के अंदर है, लेकिन ये मध्यप्रदेश की सरकार उसकी जमानत नहीं होने दे रही है, सिर्फ मध्यप्रदेश में इस मामले को लेकर और 11,000 किसानों से पिछले हफ्ते मध्यप्रदेश सरकार ने बांड भरवाया है। अकेले 4,500 लोगों से मंदसौर, निमज और रतलाम ग्रामीण के लोगों से, किसानों से, नौजवानों से बांड भरवाया जा रहा है, जैसे कोई गुंडा बदमाश हो।
10 अप्रैल को एक किसान पत्र लिखकर आत्महत्या करता है और उस पत्र में लिखता है कि मेरी मौत का जिम्मेदार इस देश का प्रधानमंत्री है, मेरी मौत का जिम्मेदार मुख्यमंत्री फडणवीस है। क्यों नहीं मुकदमा दायर हुआ?
मैं दो उदाहरण देना चाहता हूं। पाकिस्तान से आप चीनी आयात करते हैं, जिसका असर हिंदुस्तान के गन्ना किसानों पर और चीनी उद्योग पर पड़ता है और जब उद्योग पर असर पड़ता है, किसान पर असर पड़ता है तो आप पैकेज लाने की बात करते हो। सरकार ने आह्वान किया, महाराष्ट्र के किसान, मध्यप्रदेश के किसान, उत्तर प्रदेश के किसान ने बड़े पैमाने पर अरहर दाल, तूर दाल पैदा की, आपने अभी तक खरीद की व्यवस्था नहीं की।
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