वे स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें भुला दिया गया- 28, अबदी बानो बेगम
स्वतंत्रता सेनानियों की इस कड़ी में 28वां नाम अबदी बानो बेगम का है-
अबदी बानो बेगम -28
अबदी बानो बेगम जिन्हें बी आमना के नाम से भी जाना जाता है, इनका जन्म सन् 1850 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण आवाज थी। बी आमना राजनीती में सक्रियता से शामिल रही और वह खिलाफत आंदोलन जैसे राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम का अभिन्न अंग थी। बी आमना ने हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द के लिए हिन्दू-मुस्लिम एकता जैसे ज़ोरदार अभियान चलाए, उनका मानना था कि स्वतंत्रता के लिए सबसे अहम ज़रूरत यही है।
1917 में मुस्लिम लीग के एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने बहुत प्रभावी और दिल छू जाने वाला भाषण दिया, जिसका भारतीय मुसलमानों पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसके अलावा, वह बुर्का पहनकर एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने वाली पहली महिला थीं, जो एक पारंपरिक मुस्लिम महिला से जुड़ी रूढ़ियों को तोड़ रही थीं।
उन्होंने स्वदेशी आंदोलन में भी फण्ड जमा करके और महिलाओं को अंग्रेजी सामान न खरीदकर स्वदेशी सामान खरीदने ने लिए प्रोत्साहित करके, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बी आमना ने स्वतंत्रता संग्राम और खिलाफत आंदोलन में अपनी एक छाप छोड़ी है। आमना ने 13 नवंबर 1924 को अपनी आखिरी साँस लेकर इस दुनिया को अलविदा कहा। लेकिन बदकिस्मती से स्वतंत्रता के इस प्रतिक को भारतीय समाज ने भुला दिया है।
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