वे स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें भुला दिया गया- 38, नवाब अब्दुल रहमान खान युसुफज़ई
स्वतंत्रता सेनानियों की इस कड़ी में 38वां नाम नवाब अब्दुल रहमान खान युसुफज़ई का है-
नवाब अब्दुल रहमान खान युसुफज़ई -38
नवाब अब्दुल रहमान खान युसुफज़ई, झज्जर के मूल निवासी थे, जिन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ भारत की पहली स्वतंत्रता की जंग में भाग लिया था।
1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत के बाद झज्जर को निजाबत खान के नियंत्रण में दे दिया गया था, जो की नवाब अब्दुल रहमान खान के दादा थे। नवाब रहमान को झज्जर का नियंत्रण 1845 में मिला।
1857 में झज्जर में यूसुफजई पठान की एक जनजाति रहती थी, जिसका मुखिया शहीद चौधरी अकबर अली खान था। झज्जर को लेकर प्रशासन से जूझ रहे अंग्रेजों का विरोध करने के लिए नवाब अब्दुल रहमान ने 1857 के युद्ध में अकबर अली की मदद मांगी।
जल्दी ही 1857 की क्रांति में शामिल होने के कारण अंग्रेज़ों ने नवाब अब्दुल रहमान का दिल्ली के लाल किले के सामने क़त्ल करवा दिया और उनकी लाश को अनजान जगह पर फिकवा दिया गया।
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