कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। आज के दिन में भी देश की सबसे बड़ी आबादी के जीवन निर्वाह के लिए जो आय के लिए साधन है वह कृषि है। चुनाव के वक्त आज के प्रधानमंत्री जहाँ-जहाँ भी जाते थे, कहते थे, मित्रों, किसान को दाम नहीं मिलता, मेरा दिल जलता है। जितनी लागत आती है, उसमें 50 प्रतिशत जोड़ लो, वो न्यूनतम मूल्य, मिनिमम सपोट प्राईस रहेगी।
किसान के लिए बहुत वायदे हए थे और आज जगत का अन्नदाता, दिल्ली की सड़को पर न्याय की गोहार लगाता घूम रहा है। इससे पहले पुणे से मुंबई तक, बड़ी तादात में किसान अपने न्याय के लिए लड़े, आज 200 ऑर्गनाइजेशन, जो छोटे-मोटे किसान के हित में काम करती हैं, वो साथ मिलकर इस अहंकारी सरकार, मोदी-शाह की जोड़ी वाली सरकार जो किसान की बात नहीं सुन रही है, इसके लिए दिल्ली की सड़कों पर आने के लिए किसान मजबूर हो रहा है।
वक्त था जब आजादी के बाद कांग्रेस का शासन था, हमारा नारा था- ‘जय जवान-जय किसान’। जिस तरह की नीति रही भाजपा की, खास कर कि इस सरकार की, विदेश नीति ठीक नहीं, कूटनीति ठीक नहीं, किसान के लिए नीति ठीक नहीं और आज हालत है – ‘मरे जवान-मरे किसान’। सरहद पर जवान शहीद हो रहे हैं और खेतों में किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। जहाँ-जहाँ भी कांग्रेस ने किसानों की बात की और हमारी सरकार आई हमने कभी जुमलेबाजी नहीं की।
चुनाव के वक्त जो कहते हैं, वो जुमले नहीं होते हैं, चाहे पंजाब हो, कर्नाटक हो, किसानों का कर्जा भी माफ हुआ और किसान के लिए काम भी हुआ है। आने वाले दिनों में भी किसानों की चिंता जनता के आशीर्वाद से जहाँ भी हमारी सरकार बनती है, हम करेंगे।
गोहिल ने कहा कि न्यूज ऐजेंसी की खबरें आई कि 28 मछुआरे गुजरात के बॉर्डर के पास से, इंटरनेशनल सी के पास, पाकिस्तान मरीन सिक्योरिटी ने अगवा कर लिए हैं और उन में आंध्रा के भी 8 हैं। हमने कभी राष्ट की सुरक्षा पर राजनीति नहीं की, पर कुछ चीजें ऐसी हैं कि जिसको देश के हित में आप सब के सामने रखना जरुरी है।
गुजरात का दरिया किनारा पाकिस्तान के बिल्कुल बगल में है। कांग्रेस की सरकार थी, यूपीए वन, इसकी चिंता करते हुए, 2005 में सीएसएस, कोस्टल सिक्योरिटी स्कीम बनाई गई, इसके तहत कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने करोड़ों रुपए गुजरात सरकार को दिए कि आप अपनी कोस्टल सिक्योरिटी का काम मजबूत कीजिए, जीरो नॉटिकल माइल से 12 नॉटिकल माईल तक राज्य की मरीन सिक्योरिटी को ये काम देखना होता है।
पैसे स्टेट को दिए गए, आज के प्रधानमंत्री उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे। करोड़ों रुपए मिलने के बाद और बहुत सारे ऐसे संसाधन जैसे नाईट विजन कैमरे, स्पीड बोटस, जनरेशन-5 अत्याधुनिक स्पीड बोट्स गुजरात को दी गई और आप देखिए मोदी जी वहाँ मुख्यमंत्री थे, तब भी और आज मोदी जी पीएम हैं तब भी। ये वो फोटोग्राफ्स हैं, जो मार्डनाईज स्पीड बोट्स दी गई, वाडिनोर कोस्टल पुलिस स्टेशन पर बाहर निकाल कर रख दी है, बाहर पड़ी है। दूसरी सोमनाथ कोस्टल सिक्योरिटी पोस्ट पर ऐसे ही पड़ी हैं। गुजरात के Comptroller and Auditor General की रिपोर्ट आई और सीएजी ने सारे कोस्टल सिक्योरिटी पोस्ट का मुआयना लिया, जाकर देखा वहाँ पर, जिन बोट्स को दरिया में जाकर नाईट पेट्रोलिंग करनी थी, वो नाईट पेट्रोलिंग नहीं कर रही थी।
जहाँ पर स्पेशल इंटेलिजेंस फॉर कोस्टल सिक्योरिटी करना था, कोस्टल इंटेलिजेंस सिक्योरिटी के लिए बाकायदा पैसे दिए गए भारत सरकार की ओर से। तब मोदी जी वहाँ मुख्यमंत्री थे। कोस्टल इंटेलिजेंस सिक्योरिटी अलग से नहीं बनी। जो दरिया किनारे पुलिस स्टेशन बनने थे, वो वहाँ से हटा कर बनासकांठा में, जहाँ कोई दरिया नहीं लगता है, 300 किलोमीटर की दूरी पर, वहाँ पुलिस स्टेशन लगा दिए।
सीएजी कहते हैं कि सारा दरिया किनारा खुला का खुला छोड़ दिया गया। 2005 में पैसे दिए गए थे, तब तक अगर ठीक करते, हमने कभी आतंकवाद पर राजनीति नहीं की, मोदी जी राजस्थान में जाते हैं, चुनाव के वक्त कहते हैं कि मुंबई में जब आतंकवादी हमला हुआ, कांग्रेस की सरकार जिम्मेवार थी। अब ये सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि भारत सरकार ने पैसे दिए थे कि गुजरात की हर बोट पर आप नेवीगेशन वेसल ट्रैकिंग सिस्टम लगाओ। आपने कॉन्रैदिक्ट भी दिया पर कॉन्रैबोक्टर पैसा खा गया और काम नहीं हुआ, वरना मुंबई में आतंकवादी हमला हुआ, उसके लिए बोट गई थी, पोरबंदर की, कुबेर नाम की बोट थी।
अगर कुबेर बोट में वेसल ट्रैकिंग सिस्टम होता, मोदी जी की सरकार ने वो लगाया होता तो पाकिस्तान के आतंकवादी कुबेर बोट को लेकर मुंबई पहुंच नहीं सकते थे, वेसल ट्रैकिंग से गुजरात के बार्डर पर हमारी सिक्योरिटी को पता चलता, नेवी को बताते, आतंकवादी मुंबई तक पहुंच ही नहीं सकते। माने पाप करो आप और अपने पाप का भांडा भी हमारे सिर पर फोडो आप।
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