एक तरफ जहां मोदी सरकार के अनेकों मंत्री प्रधानमंत्री मोदी से असहमति रखने वालों को पाकिस्तान भेजने या चले जाने की नसीहत देते रहते हैं और देश के गद्दारों को गोली मारो ।।।जैसे नारे लगाते हैं। कहते हैं कि अगर बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टी जीत गई तो पटाखे पाकिस्तान में फूटेंगे। जश्न पाकिस्तान में मनेगा। हर बात में हिंदू मुसलमान पाकिस्तान जिन्ना वाली आज़ादी का असहमति रखने वालों को ताना देते हैं, और बीजेपी हारी तो शाहीन बाग के लोग आकर हिंदुओं के घरों में रेप करेंगे, जैसे अनर्गल आरोप लगाकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को बदनाम करते हैं। खुद प्रधानमंत्री मोदी शाहिनबाग को संयोग नहीं प्रयोग बताने में लग जाते हैं।
वहीं मोदी सरकार के एक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी हुनर हाट के जरिए खामोशी से लाखों अल्पसंख्यकों के दिलों को जीतने की कोशिश कर रहे हैं। नकवी ने हुनर हाट के जरिए से ऐसे लाखों लोगों को बीते 6 सालों में फायदा पहुंचाने की कोशिश की है जिनके घरों में चिराग भी सही से नहीं जलते थे। आज वह लोग सच में मंदी के इस दौर में भी अंतरराष्ट्रीय लेवल के बिजनेसमैन बन चुके हैं। ऐसे कई लोगों से खुद वतन समाचार ने मुलाकात और बात की है जिन की स्टोरी सच में हुनर हाट से पहले दुख देने वाली थी लेकिन अब वो खुशी की सांस ले रहे हैं।
केंद्रीय रेल एवं वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पियूष गोयल; अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी एवं शहरी विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा अल्पसंख्यक मंत्रालय के 20वे "हुनर हाट" का उद्घाटन आज इंडिया गेट लॉन, राजपथ, नई दिल्ली में किया गया।
"कौशल को काम" थीम पर आधारित यह 'हुनर हाट" 13 फरवरी से 23 फरवरी 2020 तक आयोजित किया जा रहा है जहाँ देश भर के "हुनर के उस्ताद" दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं जिनमे 50 प्रतिशत से अधिक महिला दस्तकार शामिल हैं।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्रबुद्धे; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव श्री प्रमोद कुमार दास; विभिन्न देशों के राजनयिक; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं अन्य विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी एवं देश-विदेश से गणमान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री पियूष गोयल ने कहा कि "हुनर हाट" से देश की पारम्परिक विरासत को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल रही है। अगर किसी को भारत की संस्कृति की झलक देखनी हो तो उसे "हुनर हाट" का भ्रमण करना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि "हुनर हाट" ने कई विलुप्त हो रही कला/क्राफ्ट को पुनर्जीवित किया है। "हुनर हाट", देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों को मौका-मार्किट मुहैया कराने का मजबूत अभियान है। वाणिज्य-उद्योग मंत्रालय; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं जन जातीय कार्य मंत्रालय स्वदेशी "हुनर के उस्ताद" दस्तकारों, शिल्पकारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुहैया कराने के लिए समन्वय के साथ कार्य करेंगे।
श्री विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय "कौशल को काम" के मिशन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण काम कर रहा है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ इस दिशा में मिल कर काम करेगा।
श्री नकवी ने इस अवसर पर कहा कि देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों के "स्वदेशी विरासत के सशक्तिकरण" का "मेगा मिशन" साबित हो रहा है "हुनर हाट"।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के देश की विरासत को मौका-मार्किट मुहैया कराने के "ड्रीम प्रोजेक्ट" को मजबूत कर रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश के कोने-कोने के हुनरमंदों की शानदार विरासत का संरक्षण करने एवं उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मार्किट उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक कार्य कर रहा है।
श्री नकवी ने कहा कि पिछले लगभग 3 वर्षों में "हुनर हाट" के माध्यम से लगभग 3 लाख दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके उपलब्ध कराये गए हैं। इनमे बड़ी संख्या में देश भर की महिला दस्तकार भी शामिल हैं।
इससे पहले दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुदूचेरी, इंदौर आदि स्थानों पर "हुनर हाट" आयोजित किए जा चुके हैं। अगले "हुनर हाट" का आयोजन रांची में (29 फरवरी से 8 मार्च, 2020), चंडीगढ़ में 13 मार्च से 22 मार्च, 2020 तक आयोजित किया जाएगा।
आने वाले दिनों में "हुनर हाट" का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुडुचेर्री, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुबनेश्वर, अजमेर आदि में किया जायेगा।
नई दिल्ली में आयोजित किये जा रहे "हुनर हाट" में 250 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें देश भर से दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं जो देश के कोने-कोने के स्वदेशी हस्तशिल्प और हथकरघा के शानदार स्वदेशी उत्पाद अपने साथ लाये हैं। इन दुर्लभ स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन में हर एक कारीगर, दस्तकार के साथ सैंकड़ों लोग शामिल होते हैं। यहाँ विभिन्न राज्यों के पारंपरिक लज़ीज़ पकवान भी "बावर्चीखाने" सेक्शन में अपनी सुगंध बिखेर रहे हैं। इसके अलावा रोजाना होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगे।
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