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क़ौमी तंज़ीम में मोहब्बत फैलाने वालों का स्वागत है: तारिक़ अनवर
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दिल्ली प्रदेश क़ौमी तंज़ीम की कार्यकारी समिति की बैठक में संसद अब्दुल ख़ालिक़, प्रोफेसर वासे हिदायतुल्लाह जेंटल समेत कई अहम लोगों का संबोधन
नयी दिल्ली: दिल्ली प्रदेश क़ौमी तंज़ीम की कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए क़ौमित तंज़ीम के क़ौमी सदर और कांग्रेस के महासचिव तारिक़ अनवर ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाने को लेकर आज हम यहां जमा हुए हैं। यह बड़े दुख और पीड़ा की बात है कि गोडसे और सावरकर की विचारधारा में विश्वास रखने वाली ताकतें देश के विभाजन के लिए गांधी जी को दोषी ठहरा रही हैं। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि गांधी वादी विचारधारा को मानने वाले उठ खड़े हों और देश को आजाद कराने वाली विचारधारा को बढ़ावा दें और आजादी के दौरान अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाली विचारधारा से लोगों को अवगत करायें।
इस अवसर पर तारिक़ अनवर ने पूरे देश में संगठन के विस्तार की बात कही. उन्हों ने कहा कि क़ौमी तंज़ीम पूरे देश में लोगो के बीच नफरत के खिलाफ मोहब्बत के प्रचार के लिए काम करेगी. उन्हों ने कहा कि यहां मोहब्बत फैलाने वालों का स्वागत है. उन्हों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम गांधी के भारत में पंडित नेहरू, मौलाना आज़ाद, डॉ आंबेडकर और सरदार पटेल समेत उन तमाम महान पुरुषों के बारे में लोगों को बताने में कामियाब होंगे, जिहों ने देश के लिए क़ुर्बानी दी.
इस अवसर पर प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने सरकार के साथ डायलॉग की बात भी कही, जबकि लोकसभा संसद अब्दुल ख़ालिक़ ने अल्पसंख्यकों के साथ असम में हो रहे भेद भाव का मसला उठाते हुए कहा कि हम लोगों को शिक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिए, क्यों यह लोग हम को शिक्षा से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हों ने कहा कि अब ज़रुरत इस बात की है कि सब लोग उठा खड़े हों. दिल्ली प्रदेश क़ौमी तंज़ीम के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह जेंटल ने कहा हम को आज़ादी की क़ीमत का अंदाज़ा नहीं है, क्योंकि हम लोगों को आज़ादी थाली में सजा कर दे दी गयी है. हम लोगों को अपने पूर्वजों की क़ुर्बानियों को समझना और पढ़ना होगा. उन्हों ने लोगों से क़ौमी तंज़ीम से जुड़ने और उस का सहयोग करने की अपील की.
इस अवसर पर हाजी आरफीन मंसूरी, मौलाना क़मरुद्दीन, नसीम अहमद किरारी, हाजी इंतज़ार, इरफ़ान कुरैशी, इशरत अहमद, डॉ मुजीब, शराफत अली मंसूरी, चौधरी यामीन, शाहिदा खातून समेत काफी लोगों ने हिस्सा लिया. दिल्ली प्रदेश क़ौमी तंज़ीम की इस मीटिंग संकल्प पत्र में कहा गया कि, यह मीटिंग भारत सरकार से उन लोगों की पहचान करने और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान करती है जिन्होंने गांधी जी पर विभाजन का आरोप लगाया है। दिल्ली प्रदेश क़ौमी तंज़ीम की यह बैठक भारत सरकार से यह मांग करती है कि केंद्र सरकार लिंचिंग पर सख्त कानून बनाए और कानून को अपने हाथ में लेने और लिंचिंग की प्रक्रिया को अंजाम देने वालों पर हत्या के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जाये और उन्हें दंडित किया जाए।
सच्चर समिति के आधार पर सिविल सर्विसेस जैसी वक़्फ़ सर्विसेस को शुरू किया जाये।
गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सिफारिश पर केंद्र सरकार तुरंत अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
सच्चर समिति द्वारा "समान अवसर आयोग" के गठन को तत्काल लागू किया जाए। आजादी के बाद से पुरातत्व विभाग के देखरेख में बंद मस्जिदों में नमाज की इजाजत दी जाये। इन मस्जिदों की अपवित्रता को तत्काल रोका जाये और मस्जिदों के रखरखाव में गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाये।
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाए और तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए और कोई भी कानून बनाते समय किसानों से सलाह ज़रूर ली जाए। देश के संस्थानों को बेचने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाये। पढ़े लिखे नवजवानों को तत्काल रोज़गार देकर हर साल दो करोड़ लोगों को रोज़गार देने के वादे को पूरा किया जाए।
केंद्र सरकार को चाहिए कि आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद निर्दोष युवकों को रिहा करे और जिन युवकों को अदालत ने बरी कर दिया है उन्हें कम से कम एक करोड़ रुपये मुआवजा दे ताकि वे अपना जीवन ठीक से जी सकें।
पुलिस थानों की जगह मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल और मेडिकल सेंटर स्थापित किए जाएं, ताकि उनकी भी तरक्की हो सके।
वक्फ भूमि की बाजार दर रेट पर किराये दारी सुनिश्चित की जाए और बाजार दर पर किराया न देने वालों पर मुकदमा चलाया जाए। मदरसा आधुनिकीकरण योजना SPQEM के तहत पिछले 52 माह से रुके लाखों शिक्षकों का वेतन जारी किया जाए और उन्हें भी उतना ही वेतन दिया जाए जितना हिंदी और संस्कृत के शिक्षकों को दिया जाता है. राष्ट्रीय स्तर पर उर्दू के साथ न्याय हो और बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा दी जाये। CAA विरोध के दौरान फर्जी मामलों में फंसे लोगों को रिहा किया जाए।
दिल्ली दंगों के दौरान फर्जी मामलों में फंसे लोगों को न्यायपालिका से सम्मानजनक रिहायी मिलने के बाद उन्हें मुआवजा दिया जाये।
केंद्र सरकार प्रदूषण के खिलाफ राष्ट्रीय नीति बनाये, ताकि लोगों को प्रदूषण से निजात मिल सके। जो बच्चे कोरोना के दौरान अनाथ हो गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाये ताकि उनकी पढ़ाई और उनका खर्चा पूरा हो सके। महंगाई को दूर कर किसानों को उनकी फसल का पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के बजट के साथ-साथ NCPUL के बजट में भी वृद्धि की जाये और किसानो की आय दोगुनी की जाये।
सभी विश्वविद्यालयों में उर्दू से B.Ed और M.Ed करने वाले बच्चों की सीटें बढ़ाई जायें सीटेट परीक्षाओं में विषयों/मज़मून के अंक बढ़ाकर कम से कम 60 अंक किए जाएं। सांप्रदायिकता की आग भड़काने वाले नेताओं पर लगाम लगयी जाये और देश में हिंदू-मुसलमान के नाम पर राजनीति करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो. पुलिस थानों में किसी भी आरोपी से पूछताछ CCTV कैमरे की निगरानी में हों और आरोपी के थाने में जाने और आने का मिनट टू मिनट लाइव दिखाया जाए ताकि पुलिस के दुर्व्यवहार के आरोपों पर विराम लग सके। सबिया सैफी के दोषियों की तुरंत पहचान कर उन्हें सजा दी जाये।